एक सुखद एहसास
समय गुजरता गया, और राधिका हमारे परिवार का अभिन्न हिस्सा बन गई। उसकी मौजूदगी ने घर को एक नई ऊर्जा और खुशियों से भर दिया। वो घर के हर सदस्य के साथ अपने रिश्ते को निभाने में इतनी सहज थी कि किसी को ये महसूस नहीं होता था कि वो नई है।
मेरी नौकरी में तरक्की हुई, लेकिन असली खुशी तब मिलती थी जब दिन के अंत में घर लौटकर राधिका के मुस्कुराते हुए चेहरे को देखता। वो मेरी हर मुश्किल में मेरा सहारा बनती, और मैं उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरत में उसके साथ खड़ा रहता।
हम दोनों ने मिलकर अपने सपनों का एक छोटा सा घर बनाया। वो घर सिर्फ ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं था, बल्कि प्यार, विश्वास और आपसी समझ से बुना गया एक खूबसूरत संसार था।
कुछ सालों बाद हमारे घर में एक नन्हा मेहमान आया—हमारा बेटा। उसकी किलकारियों ने हमारे जीवन को और भी रंगीन बना दिया। राधिका एक मां के रूप में भी उतनी ही अद्भुत थी जितनी एक पत्नी और बहू के रूप में थी। हमारे बेटे के साथ खेलते हुए, उसे सिखाते हुए, और उसकी परवरिश करते हुए उसका चेहरा हर दिन और ज्यादा दमकने लगा।
मेरे माता-पिता, जो कभी हमारे रिश्ते को लेकर थोड़े चिंतित थे, अब हर दिन राधिका की तारीफ करते नहीं थकते थे। मेरी मां अक्सर कहतीं, "राधिका ने इस घर को एक परिवार बनाया है। वो सिर्फ बहू नहीं, हमारी बेटी है।"
एक दिन, जब मैं राधिका के साथ छत पर बैठा था, और हम चाय की चुस्कियां ले रहे थे, मैंने उससे कहा, "राधिका, तुम्हारे आने से मेरी जिंदगी पूरी हो गई है। तुमने न सिर्फ मुझे, बल्कि मेरे परिवार को भी अपना लिया। क्या तुम्हें कभी ऐसा लगा कि तुमने अपने लिए कुछ छोड़ा?"
उसने मेरी ओर प्यार से देखा और कहा, "अर्जुन, प्यार में कुछ छोड़ने या पाने का हिसाब नहीं होता। जब मैंने तुम्हें और तुम्हारे परिवार को अपनाया, तो मुझे लगा कि मैं खुद को ही पा रही हूं। तुम सबने मुझे जितना प्यार और अपनापन दिया है, मैं उससे ज्यादा और कुछ नहीं चाहती।"
उसकी ये बातें सुनकर मुझे यकीन हो गया कि मैंने जिंदगी में सबसे सही फैसला लिया है। राधिका मेरे जीवन की वो कहानी थी, जिसका अंत नहीं हो सकता था, क्योंकि हमारा प्यार हर दिन एक नई शुरुआत करता था।
हमारी कहानी का अंत नहीं था, बल्कि ये एक ऐसा सफर था जो हर दिन हमें एक-दूसरे के करीब लाता गया। प्यार, समझ, और परिवार के महत्व को हमने अपने जीवन का आधार बना लिया था।
कभी-कभी जिंदगी की सबसे खूबसूरत कहानियां वही होती हैं, जिनमें कोई बड़ी घटना नहीं, बल्कि छोटे-छोटे पलों की मिठास होती है। हमारी कहानी भी वैसी ही थी—एक सरल लेकिन सच्चा प्रेम, जो समय के साथ और गहरा होता गया।
और इस तरह, राधिका और मेरी कहानी का अंत नहीं हुआ, बल्कि ये हर दिन नए पन्ने लिखती रही—खुशियों और प्यार से भरे पन्ने। यह मेरी असली जिंदगी की कहानी है जिसे मैं
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