Ishq da Mara - 52 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 52

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इश्क दा मारा - 52

बंटी की बाते सुन कर गीतिका और मीरा उसकी तरफ देखने लगते हैं।

यूवी गुस्से में बंटी से बोलता है, "तेरा दिमाग खराब हो गया है तू ये क्या बोल रहा है"।

तब बंटी बोलता है, "मैं बिल्कुल सही बोल रहा हूं, यूवी तुझे प्यार हो गया है गीतिका से, मगर भाई ये बस एकतरफा मोहब्बत है , और ये इंसान को बर्बाद कर देती हैं, और तू जिसके पीछे पागल हो रहा है उसे तेरी बिल्कुल भी परवाह नहीं है, और वैसे भी रानी ने बिल्कुल सही कहा था कि शहर की लड़कियों से दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि ये दिल में प्यार जगा कर चली जाती है "।

तब यूवी बोलता है, "बस कर अपनी बकवास और जा यहां से "।

मीरा यूवी से बोलती है, "भाई......

तभी यूवी मीरा को चुप करा देता है और बोलता है," प्लीज मीरा अब तुम मुझ से कोई सवाल मत करना, और बंटी तू रह यही पर ही, मैं ही चला जाता हूं यहां से"।

उसके बाद यूवी गुस्से से चला जाता है।

मीरा बंटी से बोलती है, "भाई क्या आप सच बोल रहे हो"।

तब बंटी बोलता है, "मुझे झूठ बोल कर क्या मिलेगा, मैं सच बोल रहा हूं यूवी को प्यार हो गया है गीतिका से, और पूरी रात वो सोया नहीं है उसकी वजह से"।

गीतिका कुछ भी नहीं बोलती है, बस चुप चाप बैठी रहती है।

उसके बाद बंटी भी वहां से चला जाता है।

मीरा गीतिका से बोलती है, "यूवी भाई ने तुम से कुछ कहा था क्या ????

तब मीरा बोलती है, "नहीं.......

तब मीरा बोलती है, "उन्होंने अपने प्यार का इजहार नहीं किया तुम से "।

तब गीतिका धीरे से बोलती है, "नहीं......

तब मीरा बोलती है, "पापा को तो यूवी भाई बिल्कुल भी पसंद नहीं है, मगर यूवी भाई वैसे बहुत ही अच्छे हैं, हा मगर वो गुंडे हैं, बस दिन रात गुंडा गर्दी करते हैं "।

तब गीतिका बोलती है, "तुम क्या बोल रही हो "।

तब मीरा बोलती है, "तुम पसंद करती हो भाई को वैसे"।

तब गीतिका बोलती है, "प्लीज मीरा थोड़ी देर चुप हो जाओ, वैसे भी मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है"।

उधर यूवी बहुत ही गुस्से में होता है और वो दूसरे गुंडे के अड्डे पर पहुंच जाता है और जा कर सबको मारने लगता है।

इधर यश और बंटी बहुत ही परेशान होते हैं यूवी के लिए, क्योंकि वो बिना बताए चला गया होता है। तभी एक गुंडा आता है और बोलता है, "भाई यूवी भाई तो उनके अड्डे पर अकेले चले गए हैं और उनसे लड़ रहे हैं"।

तब यश बोलता है, "पागल हो गया है क्या वो, उसे अकेले जाने किसने कहा था, चलो बंटी मेरे साथ "।

उसके बाद यश बंटी के साथ चला जाता है।

उधर यूवी लड़ रहा होता है। यूवी बहुत ही गुस्से में होता है तभी वो सबको मार कर उनके शरीर से खून निकाल देता है।

थोड़े देर में बंटी और यश भी वहां पर पहुंच जाते हैं और वो देखते हैं कि यूवी खून से लथपथ होता है, मगर फिर भी सबको मार रहा होता है।

रात होती है..........

गीतिका बिस्तर पर पड़ी पड़ी सोने की कोशिश करती है, मगर उसे नींद नहीं आती है। वो करवटें बदलती रहती है और उसके सामने बस यूवी का चेहरा आता रहता है। वो काफी परेशान हो जाती है उसे कुछ भी समझ में नहीं आता है।

तभी वो उठ कर बैठ जाती है और पानी पीने लगती है।

तभी मीरा भी उठ जाती है और बोलती है, "क्या हुआ पैर में दर्द हो रहा है"।

तब गीतिका बोलती है, "मुझे बहुत ही बेचैनी और घबराहट हो रही है"।

तब मीरा बोलती है, "मम्मी और पापा को बुलाऊं "।

तब गीतिका बोलती है, "नहीं, तुम बस मेरा एक काम कर दो"।

तब मीरा बोलती है, "हा बोलो"।

तब गीतिका बोलती है, "मेरी बात यूवी से करवा दो "।

ये सुनते ही मीरा चौक जाती है और बोलती है, "तुम ये क्या बोल रही हो, इतनी रात में तुम उनसे बात करोगी"।

तब गीतिका बोलती है, "प्लीज एक बार बात करवा दो "।

तब मीरा बोलती है, "ये सब क्या हो रहा है उधर वो तुम्हारे लिए परेशान है और इधर तुम"।

तब गीतिका बोलती है, "प्लीज तुम मुझे उसका नम्बर दो, मैं खुद ही उससे बात कर लूंगी "।

तब मीरा गीतिका के फोन में यूवी का नंबर लगा कर उसे दे देती है।

गीतिका यूवी को कॉल करती है। यूवी कॉल उठा कर बोलता है, "हेलो.....

गीतिका कुछ भी नहीं बोलती है, बस चुप रहती है।

तब यूवी बोलता है, "हेलो आवाज नहीं आ रही है क्या "।

गीतिका कुछ भी नहीं बोलती है। तब यूवी  गुस्से में बोलता है, "जब बात ही नहीं करनी तो कॉल क्यों करते हो भाई"।

तभी गीतिका धीरे से बोलती है, "मुझे अभी तुम से मिलना है "।

गीतिका की आवाज सुन कर यूवी चौक जाता है और बोलता है, "गीतिका.........

तब गीतिका बोलती है, "मुझे अभी तुम से मिलना है "।

तब यूवी बोलता है, "मगर क्यों ????

तब गीतिका बोलती है, "मुझे नहीं पता बस मिलना है"।

तब यूवी बोलता है, "और कहा पर मिलना है इतनी रात में"।

तब गीतिका बोलती है, "कही पर भी "।

तब यूवी बोलता है, "तुम होश में तो हो "।

तब गीतिका बोलती है, "मिल सकते हो या नहीं बताओ"।

तब यूवी बोलता है, "हा मिल सकता हूं, मगर तुम इतनी रात में कहा आओगी"।

तब गीतिका बोलती है, "बोला ना कही पर भी "।

तब यूवी बोलता है, "क्या हुआ कुछ हुआ है"।

तब गीतिका बोलती है, "बताओ न कहा पर मिलना है"।

यूवी थोड़े देर शांत रहता है फिर बोलता है, "तुम्हारी छत पर आ रहा हूं थोड़ी देर में"।

तब गीतिका बोलती है, "अच्छा ठीक है "।

उसके बाद यूवी कॉल रख देता है।

मीरा गीतिका से बोलती है, "तुम ये क्या कर रही हों"।

तब गीतिका बोलती है, "मैं खुद नहीं जानती कि मैं क्या कर रही हूं"।

उधर बंटी बोलता है, "इतनी रात में उसने तुझे कॉल क्यों किया "।

तब यूवी बोलता है, "वो मुझ से मिलना चाहती है "।

ये सुनते ही बंटी चौक जाता है और बोलता है, "तू ये क्या बोल रहा है, चोट उसके पैर में लगी है और खराब उसका दिमाग हो गया है"।

तब यूवी बोलता है, "मैं जा रहा हूं उसके पास "।

तब बंटी बोलता है, "भाई तू टूटा फूटा हुआ कहा जा रहा है"।

तब यूवी बोलता है,"अबे रोज का काम है ये"।

उसके बाद यूवी वहां से चला जाता है।

गीतिका छत पर आ कर खड़ी हो जाती है। तभी यूवी भी वहां पर आ जाता है। दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं............