अब आगे,
दूसरी तरफ़,रोज़ की परफॉमेंस खत्म हों चुकी थी, रोज़ मेरी जान तूने तो दिल जीत लिया, सरगम रोज़ के सीने से लग कर चीखी, सरगम सरगम हमने कहा था न।East and west Hunar is the best, रोज ने उछलते हुए कहा, भाभी I am dying अर्थ ने हुनर को साइड हग करते हुए कहा, ए छिछोरे भाभी है वो तेरी , सरगम ने अपनी आंखे छोटी कहकर कहा,।
छिछोरा तुम्हे बताऊं छिछोरा किसे कहते हैं? अर्थ ने अपनी आँखें छोटी कहकर देखा।सोच लो जो भी दोगे शुद्ध समेत सरगम सचदेवा तुम्हे वापस करेंगी, सरगम ने अर्थ की घूरते हुए कहा, Fine अर्थ ने गहरी सांस ली।अब चले ? अर्थ ने सवालियां नज़रों से सरगम को देखा, हम्मम wait a minute हम वॉशरूम से आते हैं, रोज ने इतना कहा और वाशरूम की ओर बढ गई।रोज़ के जाते ही सरगम के भाव बदल गए,
अर्थ तुमने उन्हे कुछ नही बताया है न? सरगम ने अर्थ के हांथ को अपने हाथों में जकड़ कर सवाल किया।No अर्थ ने जवाब दिया, Thanks अर्थ कुछ तो अच्छा काम किया तुमने, सरगम ने राहत की सांस ली।मैं अच्छा ही काम करता अर्थ के लफ्ज़ उसके लबों तक ठहर गए, Thank you so much अर्थ, सरगम अर्थ के गले से लगकर बोली।अर्थ स्तब्ध रह गया, उसकी धड़कने तेज़ हो चली, फिजाओं में में एक सौंधी खुशबू महक उठी, और हांथ थरथरा उसे, कानो में मीठे शब्द गूंज उठे, Thank you so much अर्थ इस एहसास के अर्थ से वाकिफ न हुआ, पर सरगम से अलग होकर , अपनी नम आंखों से देखा।Hey जंगली बिल्ली मुझे तो पंजे मरते हुए ही बेहतर लगती हों।
अर्थ ने सरगम की मायूसी को दूर करने के लिए कहा, इधर रोज़ अपने ख़ूबसूरत अनारकली को सम्हाले बमुश्किल जा रही थी, क्या यार इतना ताम झाम , डांस करने समय तो हमे एहसास ही नही होता, पर अब हमे गुस्सा आ रहा है।रोज़ ने चिढ़ते हुए कहा और वॉशरूम में दाख़िल हुई।wow रोज़ You looks stunning स्वयं तो तुझे देख पागल ही हो जायेगा, रोज़ बड़े से मिरर के सामने खड़ी होकर कहा,
उसकी खूबसूरत सुरमे से सनी आंखें, सुर्ख लाल होंठ, गले में एक ख़ूबसूरत चैन, ऑरेंज रंग की अंरकली क्या बवाल है रोज़ तू।रोज़ ने अपनी बलाई दी और अपने चमकते चेहरे को देखने लगीं, कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता हैं।रोज़ ने जैसे ही ये गुनगुनाया और अगले पल उस वॉशरूम की लाइट्स ऑफ हों गई, वे लाइट्स कैसे कंजड़ लोग हैं ये लफ्ज़ और रोज़ की सांसे तेज़ और आंखे बड़ी हों गई।
उसे अपने क़मर पर किसी के मजबूत पकड़ का एहसास हुआ, रोज़ की जान उसके हलक में आ चुकी थीं, क क क कौन बमुश्किल उसने कांपते होंठों से सवाल कर डाला।श श श ये ये तेरी जुल्फें गुस्ताखी कर रही है।जिनपर मेरा हक है, उनमें अपने निशान छोड़ रही है।कैसे करू इकरार अपने इश्क का।तेरे करू खुद को काबू।
तेरे ये भीगे लब, मुझे बेताब कर रही हैं।उस वॉशरूम में गूंजने लगें और शरगोशियों से भरे वो सांसे, रोज को कांपने लगें, leave रोज उस शक्ख के पकड़ सा ख़ुद को आज़ाद करने की कोशिश करती हैं।श श श जितना मुझ से दूर जाओगी मुझे उतने ही करीब पाओगी, उस सख्श ने अपनी सांसे रोज़ के कानों में छोड़ते हुए कहा और अगले ही पल, अपने तपते होंठ रोज़ के गले पे रख दिया।
Leave रोज ने गुस्से से उस शक्ख को धक्का दिया और भागने को हुई , पल अगले ही पल उसे अपने गर्दन में चुभन का एहसास हुआ।आह और एक झटके में रोज के आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा।दूसरी तरफ़,अरमान ने अपने गर्दन को टेढ़ा किया और अपने हाथ शुभ की ओर बढ़ाया, अगर इन्होने मुंझे देख लिया, तो सालों की मेहनत पानी में मिल जायेगी, शुभ ने अपने मन कहा और उठने की नाकाम कोशिश में लग गई।ये देख अरमान ने अपने होंठो को तिरछा किया और शुभ के बालों को पकड़ने ही वाला था की वो जगह घुंवे से भर गई।कुछ पलों बाद जब धूंवा हटा तो शुभ गायब हों चुकी थी।
Damn अरमान लगभग चीख उठा।इधर,शुभ खांसे जा रही थी, Are you mad मां ने ये सब छोड़ दिया था न, तो तुम बंदरों की टोकरी ने ये शुरू क्यों किया?सागर ने लगभग चीखते हुए कहा, सागर calm down आरव ने सागर को शांत करवाते हुऐ कहा ।आरव अगर तूने मेरी बात नही सुनी न, तो मैं मां की बता दूंगा और सम्हालना फिर मां को, सागर ने गुस्से से कहा।Sagar Are you lost damnit, do you have any realised? It's our life okay, so don't interfere शुभ ने चीखते हुए कहा।शुभ सागर ने अपने गुस्से को काबू किया और शुभ के गालों को थाम लिया, तुम दोनो का बाप जल्लाद हैं, तुम दोनो समझती क्यों नही? सागर शुभ के जख्मों में मरहम लगाते हुए बोला।
उसकी आंखों में कुछ तो था शुभ के लिए, जिससे शुभ वाकिफ न थी, ये सब छोड़ो जल्दी घर चलो उन्हे सक हो गया है हम पर शुभ ने इतना कहा और कार की स्पीड तेज हों गई।कुछ देर बाद,ठाकुर विला आरम्भ लंबे कदम लेते हुए विला में दाख़िल हुआ, और उसके क़दम सीधा एक कमरे के सामने आकार रुकी, उसने कुछ देर तक गहरे सांसे ली और ख़ामोशी से उस कमरे में दाखिल हुआ।वह कमरा अंधेरे में घिरा हुआ था, बस ग्लास वॉल से आति हुई, ख़ूबसूरत चांद की रोशनी उस कमरे में मौजूद होकर रात होने की दास्तान बया कर रही थी।
आरम्भ ने अपने कदम बिस्तर की ओर बढ़ा दीए, जिस ओर एक लड़की गहरी निंद में सोई हुई थीं, आरंभ बिस्तर के किनारे आकार घुटनो के बल बैठ कर उस लड़की के चेहरे को देखने लगा।पर उस लड़की के आवारा बालों ने उसके चहेरे को ढक रखा था, आरंभ ने अपने हांथ आगे बढ़ाए और उन बालो को उस लड़की के कान के पिछे किया।अब जाकर आरम्भ के चहेरे पे सुकून उतर आया, चाहत आरंभ ने गहरी सांस ली और चाहत के माथे को चूम लिया।
चाहत आरंभ के होंठों के स्पर्श पाते ही मुस्कुरा उठी, भाई चाहत ने निंद में ही कहा, सो जा आरंभ ने ये कहा और रूम के कार्टेंस को अच्छे से लगाकर बगैर आवाज़ किए रूम से निकल गया।इधर रूम मे आरंभ के जाते ही चाहत की आंखे खुली, बच गई समय पे आरव न आता तो, होनोर किलिंग की केस भी फाइल नहीं होती।चाहत ने खुद से कहा।इधर आरम्भ के भाव फिर से सख्त हो चुके थें, उसकी आंखों में कोई भाव ने थी और अगले ही पल उसके होंठों पे मुस्कान तैर गई, आरम्भ ने अपने कदम बढ़ाए और एक नाजुक कलाई को खींच लिया।
आआरंभ क्या बातामिजी हैं, एक कांची आंखों वाली लड़की ने लगभग चीखते हुए कहा, बातामीजी की कहा है, आरंभ ने उस लड़की के क़मर को अपने हाथों में दबोच लिया।आरंभ अपनी बहनों के साथ भी यहीं करते हो हम्मम? कंची आंखो वाली लड़की ने कहा, नही मन्नत ये चीजे बहनों के साथ नही की जाती, आरंभ ने बेशर्मी से कहा।
अब मुझे मालूम हुआ आरंभ Why fruity chosed Agatya over you, मन्नत ने अपने दांत पीसते हुए कहा, मन्नत आरंभ की आंखें लाल हों गई, वैसे लड़कियों को मर्द पसंद आते हैं आरंभ , न मर्द नही मन्नत ने बेहद कठोर लहज़े में कहा, चलो अभी दिखा देता हूं, अपनी मर्दानगी ये कह आरंभ ने मन्नत के होंठो का पाउट बनाया।इससे पहले वो मन्नत को किस कर पाता, उनके कानो में किसी तीसरे की आवाज़ गूंजी, चिकू छोड़ उसे, ये आवाज़ कर्कश थी।अनमोल तू चाहे तो तू भी मज़े ले ले, तू ले या मैं बात तो एक ही है, आरंभ ने अपने होंठो की तिरछा कर कहा, मन्नत के गुस्से की हद न रही।आरंभ जिस कदर तुम मुझे जलील कर रहे हो न, याद रखना तुम्हारी भी बहने है, मन्नत ने अपने आंखों में आसूं बहकर कहा, ।
काश गर्व तुम यहां होते, मन्नत ने अपने मन में कहा।मन्नत मैं माफी मांगता हूं तुमसे, तुम मेरी बहन की तरह हो, जाओ अनमोल ने प्यार से मन्नत के सर पे हांथ रखा और मन्नत की आंखो से आसू साफ़ किए।मां के कमरे में चली जाओ हम्मम , अनमोल ने प्यार से कहा, पर वेदान्त अंकल गुस्सा करेगे, मन्नत ने भरे गले से कहा।रक्षिता मां के कमरे में चली जाओ, प्रणब पापा गुस्सा नही करेंगे, अनमोल ने प्यार से कहा, हम्मम मन्नत ने भी अपना सर हिला दिया और वहा से चली गई।आरम्भ पागल हों गया है तू? अनमोल न मन्नत के जाते ही आरम्भ की दीवार से लगा दिया, अनमोल तू उसके लिऐ अपने भाई से दुश्मनी मोल रहा है? तेवर नही देखे तूने इसके? बिल्कुल उस हा* दर्पण की तरह है, आरंभ ने अपने दांत पीसते हुए कहा, आरंभ चुप कर पहले ये सोच की नैना मुझे कैसे मिलेगी, मोहब्ब्त नही हुई है न तुझे! तो उसकी कदर तू क्या जाने।
यही हाल रहा और तुझे किसी से मोहब्बत हो गई न, फिर मेरा वाला हाल हो जायेगा तेरा, अनमोल ने अपने दांत पीसते हुए कहा।पर अनमोल नैना तो तुझ से प्यार नही करती, आरंभ ने अजीब से भाव से पूछा, who cares आरंभ I love her that's enough for me,प्यार तो हमारी मां भी हमारे बाप से नही करती, आज हम पांचों का वजूद है न? अनमोल ने बगैर किसी भी भाव के कहा।Hope की मैं इस फालतू प्यार मोहब्बत के चक्कर में न पड़यू, भाई मुझे हर रात शराब के साथ अलग शबाब चाहिए, मेरा न मन कर रहा है, आरंभ ने जम्हाई लेते हुए कहा।मन कर रहा है इसका मतलब ये नही, की तू घर पे ही हांथ साफ़ करे अनमोल ने दांत पीसते हुए बोला, नहीं बे साली है मन्नत डरा रहा था, ।
अगर मान जाए तो मुझे कोई दिक्कत नहीं।एक दफा उसका स्वाद भी चख लूंगा, आरंभ ने कामिनी हसी हंसते हुए कहा, आरंभ अनमोल ने दांत पीसते हुए उसे देखने लगा।मैं जा रहा हूं कायरा के पास आरंभ ने इतना कहा और अनमोल को आई विंक कर डाली ।दुसरी ओर,आह रोज़ को अपने गर्दन पे चुभन का एहसास हुआ,
ए तू गांजा फूकने लगी है क्या? सरगम ने रोज़ को घूरते हुए देखा।सरगम हम यहा अपने कमरे में रोज ने हैरत से कहा, तो क्या पड़ोसी के कमरे में सोना था आपको? सरगम की आंखे छोटी हो गई।नहीं हम वॉशरूम गए और हमें कुछ याद नहीं, रोज ने अपने दिमाग में जोर देते हुए कहा, मैडम अपने छोटे से दिमाग में जोर न डाले फट जाएगा।स्ट्रेस के कारण आप बेहोश हों गई थी, और हमे आप बेहोश मिली, Miss Hunar Shrivastava सरगम ने इठलाते हुए कहा।
अच्छा एसा क्या रोज ने खुद कहा।सरगम एक बात बोले? रोज़ ने बमुश्किल सरगम के सामने अपनी बात रखी, हम्मम बोल न सौ बाते बोल , ice खाते खाते सरगम ने 2 आइस क्रीम रोज के सामने करते हुएं कहा।Ice cream रोज के मुंह से पानी बहने लगा, रोज़ ने झट से वो आइस की अपने हाथों में लिया और बगैर वक्त गवाए, उसे खाने लगी।तूझे तो कुछ कहना था न? सरगम ने अपनी आंखे छोटी कहकर कहा, हम्मम पहले इसे खत्म करने दे।लेकिन सरगम उसे मत बताना की हमसे आईस ice खाई है, स्वयं गुस्सा करेगा, रोज़ ने मासूमियत से कहा।उसी ने भेजा है, उसे बताने की क्या जरूरत, सरगम ने अपने कन्धे उचक्कते हुऐ कहा, क्या तू भी न पहले नही बता सकती थी?
वो हमारा टेस्ट ले रहा था, रोज अपने आंखों को बंद कर लिया।दुसरी तरफ़ लखनऊ में,स्वयं की भूरी आंखे लैपटॉप में टिकी हुई थी, और उस लैपटॉप में कोई और नही रोज़ थी, रोज़ की लाइव फुटेज स्वयं के पास थी।स्वयं बगैर किसी भाव के उस लैपटॉप को देखे जा रहा था, अगले ही पल उसने किसी को कॉल मिलाया, Hello yes sir कॉल के दुसरे ओर से किसी की आवाज़ सुनाई थी।मैने तुमसे कहा था, की परछाई बनकर रहना उसके साथ, स्वयं ने धीमे मगर खौफनाक लहज़े में कहा।
To be continued .. .. .. .. .. ..
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