Dangerous Ishq - 2 in Hindi Love Stories by Sitara books and stories PDF | Dangerous Ishq - 2

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Dangerous Ishq - 2

अब आगे,

अगली सुबह ,

रोज़ की आंखे हलकी हलकी खुली , उसके सर में तेज़ दर्द का एहसास हुआ, अपनें कमरे में मैडम, सरगम ने रोज़ के सामने निबू पानी रखकर कहा, पर हम यहां कब आए? हमे कुछ याद क्यों नहीं?

रोज़ ने अपने सर को थाम कर कहा, ले लिजिए मैडम पहले इसे पीजिए और जल्दी से चलिए, आज तेरा प्रोग्राम है, 1 घंटे में,  सरगम ने जैसे ही ये कहा रोज़ का सर दर्द, एक पल में दूर हो गया।

क्या? समय कितना हो रहा है? रोज़ ने ऊंची आवाज़ में कहा, yes madam, जल्दी से रेडी हो जा, हमने कपड़े तैयार रखे हैं।

दुसरी ओर,

ठाकुर विला,

बड़ी मां प्लीज़ अरमान को सम्हाल लेना प्लीज़, एक ख़ूबसूरत सी लड़की अपने आंखों में विनती लिए, अपने सामने बैठी खूबसूरत सी औरत से बोली।

शुभ तेरा बाप न जल्लाद है, उस औरत ने मुंह बना कर कहा, बड़ी मां बड़े पापा को सम्हालना आपके बस की बात है, प्लीज़ शुभ अपनी टिमटिमाती नज़रों से अपनी बड़ी मां को देखने लगीं।

अच्छा ठीक है बाबा कर लूंगी, उस औरत ने मुंह बना कर कहा, 

Okay love you आप दोनो अपने अपने वाले को सम्हाल लेना, बाकी मेरे बाप को सम्हालने के लिए मेरी मां हैं न, वो अपने मजनू को बखूबी सम्हाल लेगी, शुभ ने चहेकते हुऐ कहां।

चल शैतान तुझे मालूम है, तेरे बाप कैसे सम्हालते है हमसे? वहा बैठी दूसरी औरत ने कहा, हम्मम ।

जादू हैं नशा है 

मदहोशीया 

शुभ ड्रामे करने लगी, रक्षिता  Are you sure ये तेरी ही बेटी है? मुझे तो लगता हैं, ये चुलबुल की बेटी से एक्सचेंज हो गई होगी, हरकते तो देख इसकी, शुभ की बड़ी मां ने कहा।

हां कृतिका दी अफसोस की ये मेरी बेटी है, बाप पे गई है, रक्षिता ने अपनी आंखे छोटी कर कहा।

Whatever शुभ ने कंधे उचकाए सम्हाल लेना और न हम भाई बहनों को अब प्रॉपर्टी में कोई बटवारा नहीं चाहिए, इतना कहकर शुभ भाई गई, कुछ देर तक तो रक्षिता, कृतिका और नक्षत्रा को कुछ न आया, पर जैसे ही उन्हे उसकी बातें समझ आई।

उनकी आंखे बड़ी हों गई, रुक बदमाश रक्षिता और नक्षत्रा चिल्लाई, पर शुभ भाग चुकी थी।

जान बची शुभ ने गहरी सांसें ली , हम्मम Thank god अब सब कुछ ठीक हैं, हे कान्हा एक दफा ये प्लान पूरा हो जाए , शुभ ने खुद से कहा और अपने कदम आगे बढ़ाने लगीं।

तभी उसकी नजर एक शख्स पे पड़ी, कैसा मुस्टंडा है, जोकर कहीं का शुभ अपने अपने कदम बढ़ाए और एक लड़के को गिरने से बचाया, हांथी जैसा बदन है, किस काम का? शुभ इतना कह ही रही थी।

की उस लड़के द्वारा पकड़े जाने पर उसके क़दम डगमगाए और वो उस लड़के के साथ, स्विमिंग पूल में गिर पड़ी, छापाक , पर इस दौरान एक गुस्ताखी हो गई, शुभ के होंठ उस लड़के के होंठों से जा मिले और दिल के तारों ने, एक घुन छेड़ डाली , हांथ कांपने लगें और आंखों में फैरानी फैल गई।

कुछ पल को वहा हैरानी का सन्नाटा पसरा रहा और अगले ही पल , शुभ ने उस लड़के को दूर झटका, You शुभ ने अपने दांत पीस लिए।

शुभ I am so sorry, वह शख्स बोला, Sorry my foot Sagar, हांथी जैसा शरीर है, खुद को सम्हाल नही सकते? शुभ ने गुस्से से कहा और पूल से निकल सागर को घूरते हुए जाने लगी।

Now i am confirmed की ये शुभ ही हैं, क्या खाकर पैदा किया था? रक्षिता मासी और प्रणब चाचू ने इसे? सागर ने अपने गालों पे हाथ रख कहा, हाय तीखी मिर्ची।

दूसरी ओर,

रोज़ next performance तेरी है, Are you ready न? सरगम ने नर्वसनेस से कहा, Yes सारू रोज़ ने एक छोटी सी किस सरगम के गालों पे किया, All the best जान, वैसे तुझे मालूम हैं? यहां के जज कौन है? सरगम ने सवालियां नज़रों से रोज़ को देखते हुए सवाल किया।

नही हम नहीं जानते रोज़ ने मुंह बना कर कहा, ये हैं अरमान ठाकुर और वेदान्त तिवारी, सरगम ने एक तस्वीर रोज़ के सामने किया।

Wow सरगम पहली दफा कोई बाबू के टक्कर का है, रोज़ ने मुंह फाड़े कहा और अरमान की तस्वीर को जूम कर देखने लगी।

कितने हैंडसम है दोनो, रोज़ ने मुंह फाड़े कहा, एक मौसा जी से बड़े हैं और दुसरे उनसे छोटे, सरगम ने रोज़ के मुंह की बंद करते हुए कहा।

वही तो हम कह रहें हैं, ये दोनो इस उम्र में इतने हैंडसम है, तो जवानी में कयामत ही ढाया होगा इन्होंने, लेकिन हमारे बाबु से कम ही हैंडसम है, रोज़ ने मुंह बाना कर कहा।

चल बाबू की चमची, हमारी मासी ज्यादा ख़ूबसूरत थी, हां मौसा जी भी थे, पर मासी सरगम उदास हों गई, सरगम बाबू और उनकी बीवी दोनो का कोई जवाब नहीं, उदास मत हों।

बाबू हमें यू उदास देखने तो उनका दिल भी टूट जायेगा, इसलिए हम उदास नही होते, रोज़ ने सरगम को गले लगा कर कहा।

 

बाबु मां , जस्सू हम आप तीनो  की बेहद याद सताती हैं, पर अगर तुम टूट गए तो लीली भी टूट जायेगी, रोज़ ने अपने मन में कहा ।

दुसरी ओर,

एक अंधेरे कमरे में एक ज़ख्मी शख्स उल्टा टंगा हुआ था, उसका खून से सना चेहरा और बदन पे अनगिनत निशान उस शख्स की दर्द की दास्तां बयां कर रहे थे, पर इसके बावजूद उस शक्श के चेहरे पे एक शिकन न थी।

उसके परे उसके चहेरे पे तिरछी मुस्कान थी, पर कुछ ही देर में उसके चहेरे पे ठहरी मुस्कान फांखत होने वाली थीं, उस अंधेरे कमरे में मौत की भयानक दास्तां बयां होने वाली थी ।

एक अजीब सा शोर उस खामोश कमरे में शोर कर किसी के कानो को सुकून देने वाली थी, और ये पल भी आ ही गया।

उस ज़ख्मी शख्स की धुंधली आंखों के सामने एक जाना पहचाना चेहरा नज़र आने लगा, तो तू आ गया अरमान ठाकुर ज़ख्मी शख्स ने कहा और जोरो से हसने लगा।

लगता हैं उम्र के आखिरी पड़ाव में है तू वहा एक शोर गूंज उठा, ठाकुर मेरी छोड़ अपनी सोच ज़ख्मी शक्श ने हंसते हुए कहा।

गौर से देख दुग्गल मैं अरमान नहीं, एक खौफनाक चेहरा उस ज़ख्मी चहेरे के सामने आ बैठा, आ आ आरम्भ ठाकुर अरमान की परछाई, कुत्ता है तू अपने बाप का ज़ख्मी शक्श ने होंठों को तिरछा कर कहा।

उफ्फ अरमान एक ही है दुग्गल क्यों समझ नही आति ये बात तुम सबको, आरंभ अपने माथे को दो उंगलियों से रब करते हुएं बोला।

और अगले ही पल उसने एक नुकीली चीज निकाली और पुरी फॉर्स के साथ उस शख्स के आंख में वार किया।

आ आ आ दुग्गल चीख उठा, आरंभ ठाकुर कहने को सब मुझे अरमान से भी बड़ा पागल कहते हैं।

मेरा बाप एक पल को तुंझे बक्श भी दे, पर आरंभ के अदालत में माफ़ी की गुंजाहिस नही, आरंभ जोरो से हंसने लगा।

हम्म्म जानवर है ये लोग उनसे थोड़ी दूर खड़ी लड़की ने अपने मुंह पे हांथ रख लिया, हे कान्हा उस लड़की की सांसे तेज़ हों गई और वो अपने कदम पीछे लेती हैं।

पर उसके क़दम पिछे लेते ही, उस गोदावन में रखी पेटी, गिर गई और उसका शोर आरम्भ के कानो तक पहुंची।

आरम्भ आंखे तीखी हो गई, उसने एक नजर दर्द में तड़पते हुए उस शख्स पे डाला और फिर दबे पांव उस आवाज़ की ओर जानें लगा।

तू तो गई उस लड़की ने अपने सांसों को काबू लिया, पर अपने बढ़ते धड़कनों को कैसे काबू करती? हे कान्हा बचा ले उसने अपने मन में कहा और अपने कदम आरंभ से बचने के लिए पिछे लिए।

पर आरंभ उस लड़की से कई ज्यादा तेज़ था, आरंभ ने बेहद फुर्ती से उस लड़की के कलाई को अपने एक हांथ में थाम लिया और बस उस लड़की की सांसे तेज़ हों गई।

दूसरी ओर 

समुंद्र के किनारे एक कई सारे ट्रक में, इलीगल वेपन और ड्रग्स की सप्लाई हों रहीं थी, ओह Fuck शुभ Are you sure न की वे दोनो यहां नही आयेंगे, एक लड़की ने शुभ से सवाल किया।

I don't know इतना कहकर शुभ ने अपने घड़ी पे टाइम देखा, 1, 2, 3 शूट मन्नत शुभ ने इशारा किया और शुभ के इशारे से मन्नत ने शूट किया, पर ये क्या मन्नत और शुभ दोनो के गन खाली थे।

Oh shit आरव प्लान B शुभ और मन्नत इतना ही बोल पाई थी, की उनके जबड़े में उन्हें तेज़ दर्द का अहसास हुआ।

इसकी मां की प्रशंसा ठाकुर पे हाथ उठाया, शुभ कराहने लगी और अगले ही पल उठकर, खड़ी हों गई।

ओह भाड़े के टट्टू है मन्नत सम्हाल लेना, शुभ ने कहा पर उसे मन्नत की ओर से कोई जवाब न मिला, मन्नत मन्नत शुभ मसरूफ हों गई।

की एक दफा फिर उसके गालों में दर्द हुआ, अबे इसकी मां की शुभ का पारा चढ़ गया, उसने एक जोरदार किक अपने सामने खड़े आदमी को मारा, और उसके एक किक से वह आदमी ढेर हो गया।

इधर मन्नत का भी यहीं हाल था, उसके सामने 4 से 5 मर्द खड़े हों चूके थे, मन्नत और शुभ ने खुद को पूरी तरह से कवर कर रखा है।

वे दोनो ब्लैक जींस और ब्लैक लेदर जैकेट में थे और साथ ही साथ उनके चहेरे पे मास्क लगा हुआ था और बालों की बांधा हुआ था, उन्हे देखकर कह पाना मुश्किल था की वे लड़के है या लड़की।

साले बहुत नुकसान करवाया है तूने, एक शक्श जो की the beast gang का मेम्बर था, उसने अपने दांत पीसते हुए कहा।

आ जा हों जाए मन्नत ने इशारों में कहा और पहले वाले के गर्दन को पकड़ एक झटके में मरोड़ दिया और दुसरे वाले के टांगो के बिच अपने लात से वार किया।

आह मार साले को वह दुसरा शक्ख चीखा, तुम न मर्दों के बस की बात नही, मन्नत ने अपने होंठों को तिरछा कर कहा और फ्लाइंग किक तीसरे शक्श के चहेरे पे दिया।

जिससे वह तीसरा शक्श भी निपट गया, साले न मर्द मन्नत ने अपने होंठो को अपने अंगूठे से साफ किया और चौथे को मारने के लिए अपनी नज़रे उठाई, पर उससे पहले ही एक झन्नाटेदार तमाचे ने उसके सुनने और समझने की सकती हो उससे छीन लिया ।

मन्नत गिर पड़ी और घुल में उसका चेहरा सन गया, काफी देर तक उसके कानो में सन सन सन ही आवाज गूंजती रही।

दुसरी ओर 

शुभ ने अपने गर्दन को टेढ़ा किया और उन गुंडों में से एक गुंडे के गले पे अपने दो उंगली से वार किया, जिससे वह गुंडा गिर पड़ा, आजा शुभ के होंठो पे जहरीली मुस्कान थी , उसने दुसरे और तीसरे कर सारे गुंडों के बेहद बेदर्दी से मारा।

न मर्द कहीं के चूड़ियां पहन ये लफ्ज़ और शुभ के जबड़े हिल गए, वो फर्श पे गिर पड़ी और उसके मुंह से खून निकल आया और कानो में, सन ही आवाज कुछ देर तक फैल गई।

उसे एसा लगा की मानो उसके जबड़े टूट गए होंगे, आह कौन है बे शुभ ब मुश्किल उठने की कोशिश करती हैं, पर अफसोस न कामयाब हो चुकी थीं।

आखिर किसने उसके जबड़े हिलाए? शुभ  ने अपनी अधखुली आंखों से सामने की ओर देखा, मां कसम क्या खाकर पैदा किया था, सिम्हिका ठाकुर ने इन्हें शुभ ने अपने मन में कहा।

आ आ अरमान The beast शुभ के लब थरथराए,

दूसरी ओर 

मन्नत ने भी अपनी अधखुली आंखों से सामने देखा, ये आदमी खाने में क्या खाता है? इस उम्र में भी मेरे जबड़े हिला दिए? जवानी में क्या ही करता होगा, हॉर्लिक्स खाकर पैदा किया था क्या इन्हे?

मन्नत ने अपने मन में कहा, वे वे वेदांत अंकल मन्नत के होंठो पे नाम आया, मन्नत और शुभ वे दोनो ही अपने लोगो से घिरी थी, वे दोनो शेरनी थी, तो शावा शेर भी मौजूद थे।

उनके घर वाले उनका बाप अरमान और वेदान्त।

दुसरी तरफ़ 

गोदाम 

आरंभ ने उस लड़की की कलाई खींची, पर उस लड़की ने फुर्ती से अपनी कलाई आरंभ से रिहा की और आरम्भ पे वार किया, पर आरंभ ने फौरन ही उसकी कलाई पकड़ी और उस लड़की के बालों को मुट्ठी में भरा, पर इतने में उस लड़की ने आरंभ पे अपने पांव से वार करना चाहे, पर आरंभ ने इस दफा भी फुर्ती दिखाई।

उसने उसके पांव जकड़ लिए, और उस लड़की के चेहरे से मास्क हटाने को हुआ, पर उस लड़की ने झट से आराम की कलाई मरोड़ती और अपने कहनी से उसके नाक पे वार किया।

आह आरंभ कराह उठा, और अगले ही पल उसने उस लड़की के बाजू को पकड़ा, पर उस लड़की ने भागना सही समझा, जिस कारण , उस लड़की की स्लीव्स आरंभ के हाथों में आई।

आरंभ उस लड़की के खुले हांथ को देख हैरान रह गया, 

चाहत 

आरंभ ने हैरानी से कहा।

To be continued .. .. .. .. ..