अब तो वह काफी हद तक ठीक है ,,,,,,,,, और हमने उनकी कई टेस्ट भी लिए है,,,,,,जिसका रिपोर्ट कुछ देर में मिल जाएंगे ,,,,,यह कह डॉक्टर रोहि की तरफ देखते हुए ,,,,,और प्लीज आप पैसे काउंटर पर जमा करा दीजिएगा ,,,,,यह कहे वह वहां से चली जाती है
और वही रोहि पैसे का नाम सुनती है,,,,,,तब उसे याद आता है ,,,,,कि उसके पास तो पैसे थे ,,,,,,जो आयुष ने उसे दिए थे,,,,,,,जिसे याद कर,,वहां उस पैसे के बारे में सोचने लगती
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कि इस वक्त पैसे कहां होंगे ,,,,,,जिसे उसे याद आ जाता है ,,,,,,,, कि उसने वह पैसे तो,,,,,
जिससे रूही वहां से दौड़ते हुए ,,,,,हॉस्टपिटल से बाहर निकल जाती है,,,,,,,,, रुही रो रोते हुए ,,,,,आसमान की तरफ देखते हुए,,,,,,,प्लीज भगवान् जी पैसे वहीं पर हो,,,,,,कोई उसे न उठाय हो,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,रूही लगातार भागे जा रही थी
उससे भागा भी नहीं जा रहा था ,,,,,,,उसकी सांसे उखड़ रही थी,,,,,,,उसका पैर भी दुख रहा था ,,,,,,,,और साथ में उसके पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा था,,,, जिससे रूही दौड़ते हुए ,,,,,,,अपने पटी; को थोड़ा और टाइट कर देती है ,,,,,,,,,जो इतनी देर बाद लॉस हो चुका था
लगभग डेढ़ घंटे दौड़ने के बाद,,,,,रूही उस जगह पहुंचती है ,,,,,,,जिस जगह उसकी मां का एक्सीडेंट हुआ था ,,,,,,वह उस जगह बहुच,,,,,, अपनी नजर चारों तरफ ,,,, घुमाते हुए ,,,, वह अपने पैसे ढूंढने लगती हैं
लेकिन उसे पैसे कहीं भी नजर नहीं आते ,,,,,,, जिससे रूही की आंखों में पानी आ जाता है ,,,,,,,, उसे इस वक्त बहुत रोना आ रहा था, ,,,,,,,कि उसकी किस्मत थी आज कल ,,,,, उसका साथ नहीं दे रही थी,,,,,,उसे मिले हुए पैसे भी ,,,,,अब उसके पास नहीं थे,,,
जिससे रूही,,, आसमान की तरफ देखते हुए ,,,,,,,क्यों भगवान क्यों क्यों ,,,,,,,आप मेरे साथ ऐसा करते हो ,,,,,,,क्यों आप बार-बार मेरी परीक्षा ले रहे हो
अब मैं थक गई हूं ,,,,,,मुझे भी सकून चाहिए ,,,,,,,जीने दो मुझे भी ,,,,,,,,क्यों भगवान मुझे एक अच्छी जिंदगी नहीं मिल सकती ,,,,,,मैं मांग ही क्या रही हूं ,,,,,,,,सिर्फ एक सुकून,,,,,,, यह कहते हुए रोहि जोर जोर से,,,,,रोने लगती है
आज उसे अपनी किस्मत पर रोना आ रहा था,,,,,,,,,कि भगवान ने उसकी किस्मत किस पेन से लिख दी है ,,,,,,,,,जो कि उसकी लाइफ में दुख जा ही नहीं रहा है
और फिर वह फूट-फूट कर रोने लगती है,,,,,,,
और वह पागलों की तरह बढ़ बढ़ाई जा रही थी,,,,,,,,,कि मैं अपनी मां को नहीं खो सकती ,,,,,,,नहीं नहीं रुही मुझे कुछ करना होगा ,,,,,,,,आप मेरी लाइफ में सिर्फ और सिर्फ मेरी मां के सिवा कोई नहीं है ,,,,,,,अगर उन्हें कुछ हो गया ,,,, तो मैं,,,,,मर जाऊंगी,,,,,,,
इसलिए मुझे कुछ करना होगा ,,,,,, की तभी उसके दिमाग में आयुष का ख्याल आता है ,,,,,हां हां आयुष आयुष मेरी मदद जरूर करेगा,,,,,,,
की तबी उसे; याद आता है ,,,,,कि उसने तो आयुष का दिया हुआ नंबर भी फाड़ दिया था ,,,,, जिससे उसे, ,,,खुद पर बहुत गुस्सा आने लगता है
जिससे वहां जल्दी से उसे जगह से उठ जाती है,,,,,,और फिर भागते हुए ,,,,,,बस स्टैंड के पास जा ,,,,,जमीन पर पागलों की तरह, ,,,,उस पेज को धुडने लगती है
जो कुछ देर पहले उसी ने फाड़ दिए थे,,, लेकिन उसे एक भी पेज नहीं मिलता,,,,,, जिससे वह पागलों की तरह ,,,,,अपने बाल पकड़ ,,,,,एक चीख के साथ ,,,,,, रोते हुए,,,,,,,, अब में क्या करूं
और वह वहां बैठे जोर-जोर से रो रही थी ,,,,,उसे समझ नहीं आ रहा था,,,,,,, की वह आब,,,,इतने पैसे का इंतजाम ,,,,,करे तो करें कहां से ,,,,,,कितने मुश्किल से कुछ ही पैसे मिले थे,,,,वह भी उसने गवा दिए,,,,,और साथ में आयुष का नंबर भी
वही लोग खड़े हो,,,,,रूही को रोता हुआ तमाशा देख रहे थे ,,,,,
और फिर रुही उन लोगों को देख,,,,,,,अपने आंसुओं को पूछ ,,,,,,,नहीं नहीं,,,,,तुझे अपनी मां को बचाना होगा,,,,,उसके लिए तुझे जो करना पड़े वह करेंगी,,,,,यह सोच,,,रूही दोबारा हॉस्पिटल की तरफ भागने लगती है
आज के लिए बस इतना तो रूही कैसे बचाएंगे अपनी मां को जाने के लिए पढ़ते रहे ,,,, डेविल आई हेट यू