Devil I Hate You - 28 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil I Hate You - 28

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Devil I Hate You - 28






और वही रूही जबरदस्ती अपने आंसुओं को साफ करते हुए, ,,,,,,ह हां हां ,,,,,मैं में मैं ,,,,,अपनी मां को बचा लूंगी,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,,,, रुही जबरदस्ती अपनी मां को उठाने लगती है ,,,,,,,,लेकिन उसकी मां काफी भारी थी,,,,,,,और रुही काफी कमजोर,,,,,,क्योंकि वह 7 सालों से जेल में थी,,,,,,,,,,,और उसने तो कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था ,,,,,,,,,,और उसे जेल में भी रोटी जल्दी नहीं मिलती थी,,,,,,,,,,,उसे तो चार चार पांच दिनों तक,,,,,,,भूख;रखा जाता था जिससे उसकी बॉडी बहुत ही कमजोर हो गई थी

लेकिन रूही हिम्मत नहीं है हारती ,,,,,,,,और वह बड़ी मुश्किल से किसी तरह ,,,,,,,अपनी मां को उठा,,,,,,,किनारे ले जा,,,,,,, अस्पताल पहुंचाने के लिए ,,,,,,,किसी से हेल्प मांगने लगती हैं,,,,,,,,लेकिन कोई भी उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए तैयार नहीं था

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अब आगे_____________

जिससे रूही की आंखों में लगातार आंसू आने लगते हैं ,,,,,,,, उसने अपनी मां को अस्पताल पहुंचाने के लिए,,,,,,,,,,पता नहीं कितने लोगों स; मिन्ते,, मागी,,, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद करने के लिए ,,,,आगे नहीं आए थे

की तभी उसकी नजर एक बूढ़े अंकल पर जाती है,,,,,जो एक रेडी पर कुछ सामान रख,,,,,,चलाते हुए उसे ले जा रहे थे

जिससे रुही मदद उस अंकल के पास जा,,,,,,उनसे मदद मांगती है ,,,,,,,जिससे वह बुढ़ा आदमी उसकी मदद करने को तैयार हो जाता है,,,,,

क्योंकि उसे रूही पर बहुत तरस आ रहा था ,,,,,,और अच्छा भी लग रहा था,,,,,,,कि आज भी कुछ ऐसे बच्चे हैं ,,,,,,,,,जो अपने मां-बाप की कदर करते हैं,,,,,,,,,,ना कि उसके बच्चे की तरह ,,,,,,,,,सड़क पर छोड़ देते हैं ,,,,,,,जिससे उनका दिल पसीज जाता है ,,,,,,जिससे,,,वह अपना रेडी उसे ले जाने को ,,,,,दे देता हैं

और फिर वह रोहि दौड़ते हुए अपनी मां के पास जा ,,,किसी न किसी तरह अपनी मां को,,,,,,, रेडी पर लेटा देती है ,,,,,,,,और फिर खुद ही रेडी को चलाते हुए,,,,,,,,,,,,,वही किसी पास अस्पताल की तरफ,,,, ले जाने लगती हैं,,,,,

साइकिल चलाते-चलाते हैं,,,,,,,उसके पेट में बहुत तेज दर्द होने लगा था,,,,,,,,उसे ऐसा दर्द हो रहा था ,,,,,,,,कि जैसे उसका पेट कट गया हो ,,,,,,,उसे,,,,,; यह दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था ,,,,,

,लेकिन फिर भी वह,,,,,पूरी हिम्मत बढ़ा वह साईकिल चलाए जा रही थी

इस वक्त रोहित पूरी पसीने से भीज चुकी थी ,,,,,और फिर वह,,,,,,,,उसे चलाते हुए ,,,,,,एक बार पीछे मुड़ अपनी मां को देखते हुए,,,,,,,प्लीज माँ; मुझे छोड़कर मत जाना,,,,,,यह कह रूही,,,,,फिर साइकिल चलाने लगती हैं

लेकिन अब रूही से,,,,,, अपना यह दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था ,,,,,,,,,जिससे रुही ,,,,,,अपनी साड़ी का पल्लू फाड ,,,,,,,अपने पेट पर बांध देती हैं ,,,,,,,ताकि उसके पेट दर्द ,,,,कम हो जाए ,,,,,,

और कुछ ही देर में रुही होसपिटल पहुंच जाती है,, , , और उसका इलाज भी सूरू हो जाता है,,,,

और वही डॉक्टर ,,,,,,रूही को ,,,,उसकी मां के बारे में बताते हुए कहती है ,,,,,,,कि कि हमने आपकी मां को चेक कर लिया है

अब तो वह काफी हद तक ठीक है ,,,,,,,,, और हमने उनकी कई टेस्ट भी लिए है,,,,,,जिसका रिपोर्ट कुछ देर में मिल जाएंगे ,,,,,यह कह डॉक्टर रोहि की तरफ देखते हुए ,,,,,और प्लीज आप पैसे काउंटर पर जमा करा दीजिएगा ,,,,,यह कहे वह वहां से चली जाती है

और वही रोहि पैसे का नाम सुनती है,,,,,,तब उसे याद आता है ,,,,,कि उसके पास तो पैसे थे ,,,,,,जो आयुष ने उसे दिए थे,,,,,,,जिसे याद कर,,वहां उस पैसे के बारे में सोचने लगती 


अब क्या आगे होगा क्या रोहित को वह पैसे मिलेंगे और क्या रूही अपनी मां को बचा पाएगी जाने के लिए पढ़ते रहें


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