Shoharat ka Ghamand - 104 in Hindi Women Focused by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 104

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शोहरत का घमंड - 104

आलिया वहां से चली जाती है। आलिया रास्ते में चल रही होती है और सब कुछ सोच रही होती है कि उसे उस गलती की सजा मिल रही है जो उसने की ही नहीं है, बेचारी वक्त और हालात की की मारी, अपनी जिंदगी के बारे मे सोच सोच कर रो रही होती है। आलिया समुंदर के किनारे पर चली जाती है और वहां पर जा कर बैठ जाती हैं। 

उधर आर्यन अरुण से बोलता है, "यार अब क्या करु मैं, डैड तो उसे घर में रखना नहीं चाहते हैं, मैं तो बीच में फंस कर रह गया हूं"।

तब अरुण बोलता है, "तुझे कैसी टेंशन, कौन सी तेरी बीवी है वो, बस झूठ मूठ की ही तो शादी थी ये, अगर तेरे डैड को उसका रहना अच्छा नहीं लगता है घर में, तो उसे भेज दें उसके घर, और वैसे भी वो कौन सा रहना चाहती है तेरे साथ "।

तब आर्यन बोलता है, "तुझे क्या लगता है, मैं उसे अपने घर में रखना चाहता हूं, मगर मुझे डर है कि कही अगर मैने उसे भेज दिया और मॉम और डैड ने मेरे साथ कुछ गलत किया तो"।

तब अरुण बोलता है, "तुझे अपने ही डैड और मॉम पर भरोसा नहीं है "।

तब आर्यन बोलता है, "अगर वही ठीक होते तो मुझे ये करना ही नहीं पड़ता "।

तब अरुण बोलता है, "तो फिर तू क्या करेगा अब "।

तब आर्यन बोलता है, "यही तो समझ नहीं आ रहा है"।

तब अरुण बोलता है , "तू आलिया को उसके घर भेज दे यार, ताकि वो भी चेन से रहे और तू भी, क्यों बिना वजह इस परेशानी में फंसा हुआ है, और वैसे भी आज न कल तुझे उसे भेजना ही है उसके घर"।

तब आर्यन बोलता है, "अच्छा ठीक है, मैं बात करता हूं उससे "।

शाम होती है........

आलिया समुंदर के किनारे पर बैठी रहती हैं। तभी आलिया देखती है कि कुछ लड़के एक लड़की को जबरदस्ती ले कर जा रहे होते हैं। सब लोग बस देख रहे होते हैं कोई भी उस लड़की की मदद नहीं करता है। मगर आलिया से ये सब देखा नहीं जाता है। तभी वो उठती है और वहां पर जा कर देखती है कि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि आर्यन की बहन आरू होती है। तभी आलिया उन लड़कों से बोलती है, "कौन हो तुम और आरू को कहा पर ले कर जा रहे हों ????

तब एक गुंडा बोलता है, "ओए मुंह बंद कर अपना और निकल यहां से"।

तब आलिया बोलती है, "ना ही तो मैं अपना मुंह बंद करूंगी और ना ही निकलूंगी यहां से, तुम सब चुप चाप से छोड़ो आरू को"।

तब एक गुंडा चिल्लाता है, "ओए ये क्या आरू आरू लगा रखा है, तेरे को समझ में नहीं आती है एक बात "।

तब आरू रोते हुए बोलती है, "भाभी, मुझे बचा लो " 

तभी आलिया आरू की तरफ बढ़ती है तो गुंडे उसे धक्का दे कर गिरा देते हैं। मगर आलिया दोबारा उठती है और एक गुंडे को धक्का देती है।

तभी दूसरा गुंडा आलिया का हाथ पकड़ लेता है और बोलता है, "तू कुछ ज्यादा हीरो नहीं बन रही है, जब तेरे को एक बार बोल रहा हूं कि तू जा यहां से, तो जा क्यों नहीं रही है"।

तब आलिया बोलती है, "मैं बिना आरू के कही पर भी नहीं जाऊंगी "।

तब गुंडा बोलता है, "तू बिना वजह क्यों पंगे ले रही है हम से "।

तब आरू बोलती है, "ये भाभी है मेरी "।

तब गुंडा बोलता है, "ओह....... भाभी मां, तभी इतना प्यार आ रहा है अपनी ननद पर, मगर भाभी तो ननद से ज्यादा अच्छी है, तो फिर हम ननद को क्यों ले कर जा रहे हैं, हमे तो भाभी को ले कर जाना चाहिए........