Ishq da Mara - 25 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 25

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इश्क दा मारा - 25

राजीव की हालत देख कर उसे डैड घबरा जाते हैं और बोलते हैं, "तुम यहां पर कैसे मैने तो तुम्हे विदेश भेजा था, और तुम्हारी ये हालत, क्या हुआ है तुम्हारे साथ"।

उसके बाद राजीव अपने डैड को सब कुछ बता देता है और ये सब सुन कर MLA साहब को बहुत ही गुस्सा आता है और वो बोलते हैं, "उस लड़के की इतनी हिम्मत की वो तुम्हारे साथ ये सब करे, मैं उसे जिंदा नहीं छोडूंगा "।

तब राजीव बोलता है, "डैड वो ये सब खुद नहीं कर रहा है वो ये सब गीतिका के कहने पर कर रहा है, अगर आपको किसी से बदला लेना है तो पहले गीतिका से लो, उसके बाद उसे देखना "।

तब MLA साहब बोलते हैं, "तुम परेशान मत हो, अब देखो मैं इस गीतिका का क्या करता हूं, तुम चलो मेरे साथ "।

MLA साहब उसी उसी हालत में ले कर चले जाते हैं।

उधर यूवी के यहां पर दावत हो रही होती हैं। और राधा के घर वाले भी आ जाते है। 

यश किसी से भी नहीं मिलता है वो बस अपने काम में लगा रहता है।

यूवी बहुत ही परेशान रहता है। तभी बंटी बोलता है, "यार तू इतना क्यों परेशान हो रहा है, इंजॉय कर न"।

तब यूवी बोलता है, "क्या खाक इंजॉय करु, तुझे पता नहीं है क्या की वो यहां से जाने के बाद चुप नहीं बैठेगा, कुछ न कुछ तो जरूर करेगा"।

तब बंटी बोलता है, "तू परेशान मत हो मैने चारों तरफ अपने आदमी लगा दिए हैं और बोला है कि जैसे ही किसी पर शक हो उसे गोली से उड़ा दो "।

तब यूवी बोलता है, "मैं आज कोई तमाशा नहीं चाहता हूं "।

तब बंटी बोलता है, "मेरे भाई कोई तमाशा नहीं होगा, तू बस अपना मूड ठीक कर"।

उधर राधा अपनी बहनों से बात कर रही होती है। तभी राधा की छोटी बहन रानी राधा से बोलती है, "दीदी मुझे कुछ दिनों के लिए अपने ससुराल में रख लो ना, मैं तुम्हारी बहुत सेवा करूंगी "।

तब राधा बोलती हैं, "तुम्हे मुझसे इतना प्यार कब से हो गया है, जब मैं घर में थी तो चिल्लाती रहती थी कि मेरी मदद कर दो काम में, तब तो तुम कुछ भी नहीं करती थी,तो फिर आज क्या हो गया है तुम्हे " 

तब रानी बोलती हैं, "वाह दीदी वाह, आप तो शादी के बाद बिल्कुल ही बदल गई हो "।

तब राधा बोलती है, "ज्यादा ड्रामा मत करो और बताओ, कुछ कर के आई हो क्या घर पर"।

तब रानी बोलती है, "नहीं दीदी मैं कुछ भी नहीं करके आई हु और आप इतना शक मत करो मुझ पर, और बताओ मुझे यहां पर रखोगी या फिर नहीं "।

तब राधा बोलती हैं, "मैं कैसे बता सकती हूं, मैं तो खुद यहां पर अभी आई हूं, मुझे इनसे पूछना होगा"।

तब रानी बोलती है, "मैं तो यहां पर रहूंगी चाहे कोई हा बोले या फिर नहीं "।

उधर MLA साहब अपने बेटे राजीव को ले कर गीतिका के घर पहुंच जाते हैं। उन दोनों को यू अचानक देख कर सब चौक जाते है। टीअब गीतिका के डैड बोलते हैं, "MLA साहब आप इस टाइम और ये राजीव को क्या हो गया है"।

तब MLA साहब बोलते हैं, "ये तो आप अपनी बिटिया रानी से पूछिए "।

तब गीतिका के डैड बोलते हैं, "आप ये क्या बोल रहे हैं, राजीव की इस हालत के बारे मे गीतिका को कैसे पता होगा, उसकी तो तबियत खराब है और आज वो कॉलेज भी नहीं गई हैं"।

तब MLA साहब गुस्से में बोलते हैं, "क्यों जिस आशिक से उसने बोल कर मेरे बेटे का ये हाल करवाया है, उसने बताया नही कुछ...............