Ishq da Mara - 22 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 22

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इश्क दा मारा - 22

राजीव को देख कर बंटी बोलता है, "यार लग तो रहा है कि ये किसी अमीर बाप की औलाद है"।

तब यूवी बोलता है, "MLA की औलाद है "।

ये सुनते ही बंटी चौक जाता है और बोलता है, "यार ये MLA के लड़के को तुझ से क्या परेशानी है"।

तब यूवी बोलता है, "उठेगा तो खुद ही पूछ लियो "।

तब बंटी बोलता है, "भाई जब तक ये होश में नहीं आ रहा है तब तक चल थोड़ा...........

तब यूवी बोलता है, "तू पागल है क्या, तुझे पता नहीं है कि मैं शराब नहीं पीता हूं"।

तब बंटी बोलता है, "यार चल आज थोड़ा टेस्ट ही कर ले "।

तब यूवी बोलता है, "मां ने कसम दे रखी है अपनी, और मैं मां की कसम तोड़ नहीं सकता हूं"।

तब बंटी बोलता है, "तो क्या करे यहां पर "।

तब यूवी बोलता है, "इसके उठने का इंतजार"।

उधर गीतिका के डैड और भाई MLA के घर चले जाते हैं क्योंकि उन्होंने अचानक गीतिका के डैड और भाई को डिनर पर बुलाया होता है ।

यूवी के पापा घर पर आते हैं और उसकी मां से पूछते हैं, "अब कैसा है यूवी"।

तब यूवी की मां बोलती है, "मुझे क्या पता की वो कैसा है"।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "क्यों घर में आंखे बंद कर के रहती हो, जो तुम्हे दिखाई नहीं आता है कुछ"।

तब यूवी की मां बोलती है, "अगर आपकी आँखें ठीक है और खुली हुई है तो आप खुद देख लीजिए "।

तब यश बोलता है, "पापा वो घर में नहीं हैं "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "क्या मतलब घर में नहीं हैं कहा गया वो"।

तब यश बोलता है, "वो किसी को कुछ बता कर जाता है, पता नहीं कहा गया है बंटी के साथ "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "बंटी आ गया "।

तब यश बोलता है, "हा....

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "वो इस तरह अचानक ये सब कुछ हो गया और हम कुछ कर भी नहीं पाए, इसलिए मैने सोचा है कि कल रात को पूरे गांव की दावत करेंगे और राधा के घर वालों की भी "।

तब यश बोलता है, "अब इसकी क्या जरूरत है पापा "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "जरूरत क्यों नहीं है, मैने सारी तैयारी करवा दी है"।

उधर यूवी राजीव के ऊपर पूरी भरी हुई बाल्टी का पानी डाल देता है, जिससे कि राजीव अचानक उठ जाता है और बोलता है, "कौन है......

तब यूवी बोलता है, "तेरा बाप.......

तब राजीव बोलता है, "कौन है तू और मुझे ये बांध कर क्यों रखा है "।

तब यूवी बोलता है, "अच्छा गोली मार कर बोलता है कि मैं कौन हूं "।

तब राजीव बोलता है, "तू जिंदा है......

तब यूवी बोलता है, "तो तुझे क्या लगता है कि मैं तुझ जैसे गीदड़ के हाथ मरूंगा , जिसमें इतनी भी हिम्मत नहीं है कि सामने से मारे "।

तब राजीव बोलता है, "तू मुझे यहां पर क्यों लाया है "।

तब यूवी बोलता है, "तुझे जान से मारने के लिए"।

तब राजीव बोलता है, "लगता है कि तू जानता नहीं है कि मैं कौन हूं और मेरा बाप कौन है"।

तब यूवी बोलता है, "ना ही तो मुझे तुझे जानने में कोई इंट्रेस्ट और ना ही तेरे बाप को "।

तब राजीव बोलता है, "अगर मेरे डैड को पता चल गया ना कि तू मुझे इस तरह यहां पर ले कर आया है, तो वो तेरे पूरे खानदान को खत्म कर देंगे किसी का नामोनिशान भी नहीं मिलेगा "।

तब यूवी बोलता है, "मेरे साथ मेरे घर वालों को लाने की कोशिश भी कभी मत करियो, वरना अच्छा नहीं होगा , अगर हिम्मत है तो सीधा मुझ से लड़, घर वालों को बीच में क्यों ला रहा है "। 

तब बंटी बोलता है, "मगर तुम दोनों के बीच किस बात का झगड़ा है................