Venom Mafiya - 6 in Hindi Drama by Frost RE books and stories PDF | Venom Mafiya - 6

Featured Books
  • You Are My Choice - 41

    श्रेया अपने दोनो हाथों से आकाश का हाथ कसके पकड़कर सो रही थी।...

  • Podcast mein Comedy

    1.       Carryminati podcastकैरी     तो कैसे है आप लोग चलो श...

  • जिंदगी के रंग हजार - 16

    कोई न कोई ऐसा ही कारनामा करता रहता था।और अटक लड़ाई मोल लेना उ...

  • I Hate Love - 7

     जानवी की भी अब उठ कर वहां से जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी,...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 48

    पिछले भाग में हम ने देखा कि लूना के कातिल पिता का किसी ने बह...

Categories
Share

Venom Mafiya - 6

अब आगे 

अंश की ज़िंदगी जैसे दो राहों पर खड़ी थी – एक तरफ उसकी बहन हर्षिता की टेंशन थी, और दूसरी तरफ सिया, जिसके खयाल ने उसे बेचैन कर रखा था। उसने अपनी फीलिंग्स से लड़ने की कोशिश की, पर सिया का मासूम चेहरा उसे चैन से सोने नहीं दे रहा था। उस लड़की में कुछ तो था, जो उसकी दुनिया को हिला रहा था।




दूसरी ओर, राघव और करण अपने मिशन पर थे। राघव का इरादा था कि अंश को उसकी बहन के जरिए तकलीफ दी जाए। उसने करण को हर्षिता के कॉलेज और घर के आस-पास नज़र रखने के लिए कहा। करण ने अपनी आदत के मुताबिक चीज़ें प्लान कीं, लेकिन इस बार उसकी प्लानिंग में एक खास ट्विस्ट था। वो जानता था कि अगर अंश को सीधा टारगेट किया तो बात बढ़ सकती है, लेकिन उसकी बहन को चोट पहुँचाना ज्यादा अच्छा होगा । 



इस बीच, सिया अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी। वो जानती थी कि उसे अंश से दूर रहना चाहिए, लेकिन उसके दिमाग में अंश का चेहरा बार-बार सामने आ रहा था । वो समझ नहीं पा रही थी कि ये क्या था – डर या कोई और एहसास। एक अजीब सा खिंचाव था, जो उसे बार-बार अंश की ओर खींच रहा था, भले ही उसकी आँखों में उस दिन का खौफनाक लम्हा अब भी बसा हुआ था।



अंश को जैसे ही हर्षिता पर मंडराते खतरे का एहसास हुआ, उसने तुरंत आदित्य को अपनी बहन की सिक्योरिटी बढ़ाने को कहा साथ ही उसने कबीर से भी कहा कि वो उसकी हर चाल की खबर रखे। अंश ने तय किया कि इस बार वो राघव को ऐसा सबक सिखाएगा, जिसे वो नहीं भुला पाएगा। 





दीवाली का फेस्टिवल करीब था, और अंश भी काफी समय बाद अपने घर जा रहा था। जब वो घर पहुँचता है। , तो उसकी माँ अर्चना दीक्षित और पिता राज दीक्षित ने उसे देख कर थोड़ा गुस्सा दिखाया। उन्होंने कहा, "इतने दिन बाद घर आए हो। लगता है जैसे हमसे कोई वास्ता ही नहीं तुम्हारा है!"



अंश मुस्कुराते हुए उनके गले लगा और फिर अपनी बहन हर्षिता को ढूंढने लगा। हर्षिता को पहले ही पता था कि कॉलेज के डीन ने अंश को बुलाया था, इसलिए वो उससे थोड़ी सहमी हुई थी और उसके सामने आने से बच रही थी। लेकिन जब दीवाली की पूजा का समय आया, तो उसे अंश के सामने आना पड़ा।



अंश ने उसकी ओर देख कर कुछ नहीं कहा, बस उसे एक प्यारा सा गिफ्ट दिया – एक गोल्ड की चेन जिसमें डायमंड का एक पेंडेंट था। उसने कहा, "इसको हमेशा पहनकर रखना।" हर्षिता ने गिफ्ट को खुशी-खुशी लिया और राहत महसूस की कि अंश ने उसे डाँटा नहीं। और वो अंश को अब गले लगाती है। और थैंक्यू भाई बोलती हैं। अंश उसके बाल पर हाथ फिरता है। और बोलता है। तुम अब बड़ी हो गई हो। तो थोड़ी शरारत कम किया करो वरना किसी दिन बड़ी मुश्किल मैं पढ़ सकती हो। जिसपर हर्षिता हा में सर हिलाती है। फिर

अंश अपने परिवार के साथ कुछ देर बिताने के बाद, अपने फार्महाउस चला जाता है । जैसे ही अंश अपने फार्महाउस पर पहुंचता है, उसके पास राघव का एक धमकी भरा मैसेज आता है। मैसेज में लिखा होता है, "खेल तो अब शुरू हुआ है, अंश। ये दीवाली तेरा अंत लेकर आएगी।" अंश को गुस्सा आ जाता है, और वो समझ जाता है कि अब राघव की प्लानिंग और भी खतरनाक हो सकती है। वो आदित्य को तुरंत कॉल करके कहता है, "अब इंतजार नहीं करेंगे। राघव की हर एक चाल को उसी के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे।"



दूसरी ओर, सिया अपने घर में रंगोली बनाने में बीजी थी। उसने रंगोली में कई खूबसूरत रंग भरे थे, जिसमें फूल और मोर के डिजाइन थे, जो बेहद प्यारे लग रहे थे। तभी उसकी माँ ने उसे आवाज़ दी, "सिया, और कितना काम करेगी? सुबह से घर को ऐसे सजा रखा है जैसे तेरी शादी हो रही हो!"



सिया ने हँसते हुए जवाब दिया, "माँ, दीवाली का फेस्टिवल है, और मुझे घर सजाना पसंद है, आपको पता है न? दीवाली मेरी सबसे फेवरेट फेस्टिवल है!" उसके पिता गौतम शर्मा ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे, हमारी बेटी की शादी पर इससे भी ज्यादा रौनक होगी!"



सिया हँसते हुए बोली, "पापा, आप भी ना! मैं कोई शादी नहीं करने वाली अभी। मुझे बस यह फेस्टिवल मनाना पसंद है।" उसने अपनी रंगोली पूरी की और फिर पूजा के लिए तैयार होने चली गई।



सिया ने ग्रे रंग का सुंदर लहंगा पहना और जब वो बाहर आई, तो बहुत खूबसूरत लग रही थी। वो अपनी माँ के पास गई और बोली, "चलो माँ, पूजा का समय हो गया है। पापा कहाँ हैं?" उसकी माँ ने कहा, "तुम्हारे पापा किसी से फोन पर बात कर रहे हैं, शायद थोड़ा परेशान हैं।" फिर भी, उनके चेहरे पर मुस्कान थी ताकि उनकी बेटी और पत्नी को उनकी परेशानी का अहसास न हो।



जल्द ही गौतम शर्मा भी पूजा में शामिल हो गए। उन्होंने पूरे परिवार के साथ मिलकर पूजा की। सिया ने दीवाली को खुशी के साथ मनाया, घर रोशनी और रंगों से भर गया।





सिया जब पूजा खत्म करके अपने कमरे में जाती है तो उसे अपने दरवाजे के नीचे एक चिट मिलती है। उस चिट में लिखा होता है, "तुम्हारा अतीत तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ेगा, सिया।" ये पढ़कर सिया घबरा जाती है और सोचने लगती है कि कहीं राघव उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश तो नहीं कर रहा। 





जैसे ही सिया अपने कमरे में उस चिट को पढ़ती है, उसके अंदर डर और बेचैनी का सैलाब उठता है। वो समझ नहीं पाती कि राघव आखिर उससे क्या चाहता है और उसे और उसके परिवार को क्यों तंग कर रहा है। परेशान होकर वो अपने पिता गौतम शर्मा के पास जाती है और कहती है, "पापा, ये राघव कौन है? ये मुझे क्यों बार-बार परेशान कर रहा है?"







गौतम शर्मा गहरी सांस लेते हैं और सिया को अपने पास बैठा लेते हैं। फिर एक फ्लैशबैक में वो उसे बताते हैं कि राघव से उनका पुराना झगड़ा क्यों है।





फ्लैशबैक



 कुछ साल पहले, गौतम शर्मा ने राघव के पिता की गैर-कानूनी कामों का पर्दाफाश किया था, जिससे उनका सारा अवैध कारोबार बंद हो गया था। राघव के पिता, जो अंडरवर्ल्ड में काफी नाम रखते थे, इस अपमान को सहन नहीं कर पाए और ये बदला लेने की ठान ली थी। राघव ने अपने पिता की मौत के बाद इस कसम को और मजबूत कर लिया। इसी दौरान उसने सिया पर नजर रखनी शुरू कर दी थी, क्योंकि वो जानता था कि अगर गौतम शर्मा की बेटी को वो अपने हिसाब से परेशान करेगा, तो ये उसके लिए एक करारा जवाब होगा।



राघव कई बार सिया को उसके कॉलेज और घर के आसपास परेशान कर चुका था, उसकी राह में अजीब-अजीब सी बातें कहकर उसे डरा चुका था। लेकिन सिया हमेशा अपने डर को छिपाती रही। गौतम शर्मा ये सब जानकर परेशान हो जाते हैं, लेकिन वो सिया को समझाते हैं कि राघव बस एक डरपोक इंसान है, जो सिर्फ धमकियाँ देकर अपनी जीत मानता है। वो सिया को हिम्मत बंधाते हैं कि वो उसके खिलाफ कानूनी कदम उठाने के बारे में सोचेंगे



फ्लैशबैक एंड 



गौतम से ये सब जानने के बाद सिया एक बार फिर डर में घिर जाती है,। 











उधर रात में, अंश एक सीक्रेट लोकेशन पर आदित्य और कबीर से मिलता है, और राघव को सबक सिखाने के लिए कुछ सोचने लगता है। उसने तय कर लिया है कि अब राघव को जवाब उसी की language में मिलेगा । 









देखते है। आगे क्या होता है। जाने के लिए पड़ते रहिए Venom Mafiya मिलते है। Next part मैं।