Jungle - 9 in Hindi Thriller by Neeraj Sharma books and stories PDF | जंगल - भाग 9

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जंगल - भाग 9

---"शुरुआत कही से भी कर, लालच खत्म कर ही देता है। "कहने पे मत जाना, कुछ जीवन मे घटक होना ही तौफीक होती है। बर्दाश्त कितनी देर करोगे।                            ____"राहुल मेरे बेटे भूलने को, अरसे लगे गे।" बाबा जी (दादा जी ) ने आख़री सास लेते हुए आपनी चेयर पर ही दम तोड़ दिया था। ये एक झटका था, एक ओर.... मिलो के मजदूरौ के घर खाना राहुल ने  भेजवा दिया था। दस हजार मजदूर राहुल के साथ खडे थे। लीडर मजदूरों का बिमल कांत था। उसकी बेटी शकुंतला मनोज देवन से शादी के गण्ड बधन मे बधी हुई थी।मै बात कर रहा था... राहुल के एक ओर झटके की। उस वक़्त उसका हाथ बिमल ने पकड़ लिया था। बेटा उनीस साल का हो गया था। उसके भी सपने, उम्मीद थी... दादा जी गुज़र गए। बेहद दुख हुआ... जैसे जहाँ से सब कुछ चला गया।मेरी एक आशा थी दादा जी, जिससे  सारी बात दिल की मैं कर लेता था। बहुत स्नेह था।कोई पक्का नहीं आता, बरखुरदार।

मै जानता हुँ, सब शून्य है, शून्य से होके गुज़र जाना भी एक कला है, राहुल इतने बड़े घर मे अकेला था। कोई साथी होना चाइये, नहीं तो दीवारे घर की ओर अंदर की जिदे जी मार देती है। ख्वाइयश होनी ही, हसरत होनी ही, जीवन का एक बजूझ पहेली है।

राहुल की किस्मत एक अच्छे बिजनेस मैन की थी, पर साथी था अब उसका खून जॉन... दुबई से दिल्ली आने के बाद उसने एक मार्किट को तोड़ दिया, जो उसके सामने एक लम्मा सा दायरा बना रही थी। बैंक के लोन पे बीस लाख के शेयर अब उसके थे, ऐसा करते करते पांच मार्कीट उसकी हो गयी थी। लोन का पहाड़ था, कुल एक साल का सत्र लाख चैक पैमट बैंक को जाता रहा.... मुनाफा कया था... धीरे से खेलने वाली खेल, जिसका नतीजा कुछ भी हो, तभी मोबाइल की घंटी वजी " कहा हो, मेरे चेतक घोड़े, राहुल। "

रीना की सुरीली आवाज़ थी। पता नहीं वो उससे लगाव करता था,  या नहीं, रीना हद से जयादा।

ऊब चुकी थी। लेहाज, बशर्मी से। कयो वो दूर भागता था.... तभी उसे एक  दिमाग़ मे सुझाव आया।

"जरूरत जिसे जो है, वही परोस दो। " किसी रचना का उल्लेख था।

दस लाख, सत्र हजार का उस के नाम चैक भर, चुम कर, परोसा गया। ऑन डिलवरी वो बैंक मे था।

अकाउंटँट चैक किया। तो रीना की तरफ से उसे पैसे मिल गए। फोन पे कुछ बात हुई, "मेरी ओर से " रीना ने कहा।

"पर कयो "राहुल ने खुदारी दिखाई।

थोड़ा हौसला कर के बोली,"अगर माधुरी होती, तो यही कहते, मुझे मालूम है, रीना ने दुनिया देखी है।"रीना चुप थी।

 "अच्छा किया रीना "राहुल ने कहा।"मैंने चार मार्किट के शेयर खरीद लिए। ऊपर से तुम फरिश्ता  बन के आ गयी।"उसने भावक हो कर कहा।" ये हस्बेंड से पुछ के करा या नहीं। "

"वो ऐसा हरगिज़ नहीं करता।"रीना ने टपाक से कहा।

"अगर तुम्हारे पास दिल्ली आ जाऊ तो......" राहुल भचुका रह गया।

"हाँ आ जाओ " राहुल ने हाँ कर दी,और करता भी कया।

तभी........ चौकीदार ने आवाज़ दी।

"साहब ------कोई संगीना नाम की लड़की आप से मिलना चाहती है, ये उसका तीसरा दौरा है।"

"कया " राहुल उठा और ड्राइंग रूम मे चला गया।

                ------------*------------ (चलदा )