Love Contract - 23 in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 23

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Love Contract - 23

अदिति और सांवरी जी मार्केट गई , मार्केट से आने के बाद घर के सांवरी अंदर आती है तो आश्चर्य से " आप कब अाई ?? "  जब तुम अपनी बहू के साथ घर से बाहर थी ।

सांवरी जी पास आकर पैर छु कर आशीर्वाद लेती है ,
बहुत दिन के बाद आप अाई दीदी( सुरभी जी ) .....सब कुशल मंगल है न । हम्म सब कुशल मंगल है घर में ,
आप तो अपने लिए बहू ले अाई घर में और अपनी ननद को बताना जरूरी नहीं समझा सुरभी जी बोली।
बस - बस अब आप कोई बहाना नहीं बनाना भाभी , शादी आपके पसंद कि लड़की से हुई नहीं थी या आपको पता ही नहीं था ।
दीदी ..... छोड़िए अपना गुस्सा वो भी शादी हुई थी वैसे भी हमलोग किसी को बताए ही नहीं है ।
आप तो जानती ही थी आपके भाई साहब कितना बीमार थे ऐसे में हम सब कोई फंशन नहीं कर पाए ..... अब आप 
अपने इकलौते भतीजे के शादी का तैयारियां कीजिए ।
हम सोच रहे अब सारी दुनिया को पता चल जा ना चाहिए । अच्छा फिर अपना कमर कस लो भाभी ननद को नेग देने के लिए .....  मुझे तो एक damond
नेकलेस चाहिए कह देती हूं  .........।।।
दीदी सब कुछ तो आप ही का है हुकुम कीजिए बस सांवरी जी मुस्कुराते हुए बोली.....
भाभी आप यहां अाई लेकिन आपकी बहू कहां गई ?? जरा मैं भी तो देखूं आखिर आपकी बहू कैसी है ??


उसमे कोई संस्कार है कि नहीं , कब से बुआ सास अा कर बैठी है और उसका कोई अता पता नहीं है .....
एक तो मै इतनी दूर से अाई हूं कोई एक ग्लास पानी पूछने 
वाला नजर नहीं अा रहा है .... इतने बड़े घर में भाभी 
आपने कोई नौकर - जाकर नहीं रखी है  ।
दीदी है लेकिन आज कल छुट्टी पर है तबियत ख़राब है उसका । 

भाभी कहां रह गई आपकी बहू ??? आजकल की लड़कियां सब ऐसी ही होती है अपने मन की करने वाली सुरभी जी तंज कसते हुए बोली...
लेकिन मेरी बहू आजकल के लड़कियों के जैसी तेज़ - तरार भी है और पहले कि तरह बहुत संस्कारी भी जब आप मिलेंगी तो ख़ुद ही देख लीजिए दीदी सांवरी जी अपनी बहू की तरफदारी करते हुए बोली ।
इतनी ही आपकी बहू संस्कारी है तो अभी तक अाई क्यों नहीं ??? उसको पता भी है कि नहीं कोई घर में आया है सुरभी जी बोली ??

' मुझे पता है बुआ जी की आप अाई हुई है .... गुस्ताखी माफ चाहूंगी थोड़ी सी देर हो गई मुझे बुआ जी अदिति मुस्कुराते हुए सुरभी जी के तरफ खाने से भरा हाथ में ट्रे लेकर बढ़ रही थी ।
सुरभि जी के पास आकर अदिति " टेबल पर ट्रे रख कर पहले पैर छु कर आशीर्वाद लेती है , फिर वो क्या है न बुआ जी मैं आपके लिए समोसे बनाने लगी थी इसीलिए देर हो गई आप मुझे माफ़ कर दीजिए ।मम्मी जी के साथ अंदर तो अाई थी पर गेट से ही आपको देख लिया था मैंने । इसीलिए आपके पसंद के आपके लिए समोसे बनाने लगी । पर तुम को कैसे पता मुझे समोसे पसंद है सुरभि जी सवाल की ??
मैं मम्मी जी को कहते हुए सुना था आपको समोसे पसंद है 
वो भी बहुत ...... 
आप दोनों खाइए तब तक मैं किचेन समेट लेती हूं ।



अदिति अलमीरा साफ कर रही थी तो उसे रिवान और आदिया के बचपन मिला जिसे देख कर अदिति के होश उड़ गए थे ???🤔





Continue .....


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