Love Contract in Hindi Love Stories by Manshi K books and stories PDF | Love Contract - 7

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Love Contract - 7

आदिया जल्दी - जल्दी मितल मैंशन से बाहर निकल कर अपने फूलों से भरा मिनी ट्रक लेकर चली जाती है ।

रीवान हॉल में आया और आने के बाद टेबल पर रखा न्यूज पेपर उठा कर सोफे पर बैठ जाता है । कुछ देर बाद रिवान का ध्यान टेबल के नीचे गया । रीवान बिना कुछ सोचे उसे उठा कर अपने हाथ में ले लेता है उसके बाद वो अपनी मां को आवाज़ देता है ' रीवान का आवाज़ सुनकर सावरी जी किचेन से बाहर आती है , क्या हुआ रीवान ??

रीवान उस लॉकेट को दिखाते हुए ' मां ये आपका लॉकेट यहां इस टेबल के नीचे गिरा पड़ा था । '
सावरी देवी अपने हाथ में उस लॉकेट को देखते हुए , बेटा ये मेरा नहीं है पता नहीं ये हॉल में कहां से गिरा ।
कुछ देर पहले ही तो मैं सारा साफ सफाई की उसके बाद सोचते हुए फूल देने वाले के अलावा यहां अभी तक कोई बाहरी आदमी नहीं आया है ।

" रीवान " आपका नहीं है तो पक्का उस फूल वाले का होगा । अच्छा मैं इसे अपने पास ही रख लेता हूं अगर फूल वाला आया ढूंढ़ते हुए तो आप मुझसे कहना ले लेने के लिए।

" सावरी " को कुछ पैसे देते हुए , बेटा फूल वाले को ये सारा पैसा दे देना अगर आए तो। बिना पैसे लिए ही वो यहां से चला गया। शायद उसे कोई जरूरी काम था पैसे याद से तुम दे देना ।

कुछ ही देर में पूजा शुरू हो जाएगा और मैं व्यस्त हो जाऊंगी पूजा करने में तो तुम दोनों नाश्ता कर लेना रूम में रख दिया है मैंने ।

"रीवान " मां मैं जा रहा हूं अपने रूम में , आपको तो पता है मुझे ये सब पसंद नहीं । पूजा ख़तम होने के बाद मुझे बुला लेना ।

धीरे - धीरे मितल मैंशन में आस पास से आकर लोग पूजा में शामिल होने लगे थे ।

आदिया इंटरव्यू ख़तम होने के बाद फिर से अपना गेटअप बदलकर मितल मैंशन पहुंच गई ।

" रीवान " विराज से बोला था अगर फूल वाला पैसे लेने आया तो तुम मेरे रूम में भेज देना । विराज को पूजा - पाठ में ज्यादा मन लगता था इसीलिए वो नीचे था ।
बात दरसअल पूजा की नहीं थी ' विराज
भुखड उसे तो प्रसाद में मिलने वाली मोतीचूर के लड्डू से था '

विराज दरवाजे के आस पास ही था , आदिया आकर विराज से बोलती है " क्या आप सावरी मैडम को बुला दीजियेगा मुझे अपना फूलों का पैसा लेना था "

' विराज ' अच्छा वो फूल वाला तुम हो , सीढ़ियों के तरफ इशारा करते हुए कहा आगे से लेफ्ट ले लेना तुम्हे तुम्हारा पैसा मिल जाएगा ।

आदिया सीढ़ियों के तरफ बढ़ी आगे से लेफ्ट जाकर रीवान
के कमड़े के बाहर पहुंची और दरवाजा को नोक की ।
रीवान आवाज़ सुनकर आया और दरवाजा खोला ।
आदिया का ध्यान रीवान पर पड़ते ही अपने बड़े आंखे करते हुए शर्म से नज़रे झुका ली ' ये कहां से आया सावरी मैम कहां है ' शर्म नहीं आता बिना शर्ट के मेरे सामने खड़ा है ?? मैं भी क्या सोच रही हूं मैं तो खुद लड़के के गेटअप में अाई हूं ।

" रीवान " अंदर आओ , आदिया डरते हुए नज़रे झुका कर गई । ' अरे यार , तुम मुझे देख कर बिना शर्ट के लड़कियों के तरह क्यों शर्मा रहे हो '

" आदिया " मैं कोई लड़का नहीं लड़की हूं इसलिए शर्मा रही अब जल्दी से जल्दी मेरे पैसे दो मै यहां से ' नौ दो ग्यारह होती हूं '

रीवान आदिया को उसके पैसे दे देता है और वो लॉकेट लेने के लिए पीछे मुड़ कर ढूंढने लगता है ।
आदिया झटके में दरवाजे के तरफ भागना चाही लेकिन उसका पैर अचानक नीचे पड़े बॉल पर चला जाता है । आदिया एक कदम भी नहीं आगे बढ़ी थी वहीं रीवान के ऊपर गिर पड़ी .....




Continue.....



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