Venom Mafiya - 1 in Hindi Drama by Frost RE books and stories PDF | Venom Mafiya - 1

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Venom Mafiya - 1

पुणे की सड़कों पर रात की ठंडी हवा चल रही थी। चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। उस सन्नाटे को तोड़ती हुई एक काली एसयूवी सड़कों पर तेज़ रफ्तार से दौड़ रही थी। गाड़ी के अंदर अंश दीक्षित बैठा था – पुणे का कुख्यात माफिया जिसके नाम से लोग खौफ खाते थे। उसके साथ उसका सबसे भरोसेमंद आदमी, कबीर, गाड़ी चला रहा था और उसके बगल में आदित्य बैठा था।



"भाई, आज का काम तो बेहतरीन हुआ," आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा।



अंश ने एक हल्की मुस्कान के साथ उसकी ओर देखा और धीरे से कहा, "ये शहर अब हमारे हाथों में है। कोई भी हमें चुनौती नहीं दे सकता।"







लेकिन उसके कहते ही एक तेज़ धमाका हुआ, और गाड़ी के सामने से एक काले कपड़ों में चेहरा छुपाए कुछ लोग अचानक सामने आ गए। इससे पहले कि कबीर कुछ समझ पाता, एक गोली सामने के शीशे पर लगी, और शीशा टूट कर बिखर गया।



"भाई, ये तो हमला है!" कबीर ने गाड़ी के स्टेयरिंग को घुमाते हुए जोर से कहा।



अंश ने तुरंत अपनी बंदूक निकाली और गोली चलानी शुरू कर दी। ये हमला उसके सबसे बड़े दुश्मन, राघव मल्होत्रा ने करवाया था – जो पुणे में अंश का दबदबा बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।



"कबीर, गाड़ी निकालो! हमें यहां से निकलना होगा," अंश ने गुस्से में कहा। उसकी आँखों में गुस्से की आग भरी हुई थी।



गाड़ी ने फिर से रफ्तार पकड़ी, और कबीर ने किसी तरह से उस गाड़ी को बचे रास्ते से निकालने में कामयाबी पाई। जैसे ही गाड़ी ने वो खतरे वाला इलाका पार किया, अंश ने एक गहरी सांस ली और अपनी बंदूक को वापस अपनी जेब में डाल दिया।







"भाई, ये तो राघव का काम है। वो हमें मारने की फिराक में था," आदित्य ने कहा, गुस्से से दांत भीचते हुए।







"राघव को इसका जवाब मिलेगा," अंश ने गुस्से से कहा, "वो क्या समझता है कि मुझे खत्म कर देगा? वो अभी मुझे जानता नहीं है।"





गाड़ी के अंदर सन्नाटा छा गया था, लेकिन अंश की आँखों में गुस्सा साफ दिख रहा था। उसकी साँसे तेज़ थीं, लेकिन वो अब भी ठंडे दिमाग से सोच रहा था कि कैसे राघव को उसकी इस हरकत का अंजाम भुगतना पड़ेगा।





जैसे ही वो शांत इलाके में पहुँचे, अंश ने कबीर से कहा, "गाड़ी कॉलेज के पास ले चलो। मैं कुछ देर वहीं रुकूंगा।



सिया की दुनिया में हलचल



उसी वक्त, पुणे के मेडिकल कॉलेज एक इवेंट चल रहा था। स्टूडेंट की भीड़ में सब अपने-अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर रहे थे। रंग-बिरंगी लाइट्स और सॉन्ग की आवाज़ ने पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया था।



सिया शर्मा, एक सीधी-सादी मेडिकल स्टूडेंट, अपनी दोस्त निधि के साथ खड़ी थी। उसकी आँखों में एक मासूमियत और चहरे पर हल्की मुस्कान थी। निधि उससे कुछ मजाक कर रही थी, और सिया हंस रही थी।



"सिया, आज का इवेंट बहुत शानदार है ना?" निधि ने खुश होकर कहा।



"हां, सच में निधि। लेकिन मुझे अब भी अपने एग्जाम्स की चिंता है। ये सब टाइम पास ही है," सिया ने हल्के से मुस्कुराते हुए जवाब दिया।



सिया की लाइफ काफी नॉर्मल थी। उसे सिर्फ अपने सपनों की परवाह थी और अपने परिवार की इज्जत का ख्याल था। उसे ये भी नहीं पता था कि उसकी इस साधारण दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति कदम रखने वाला है,।



 जो उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा। वहीं अंश की गाड़ी कॉलेज के पास जाकर रुक गई। उसने बाहर उतरकर आसपास देखता है । उसकी आँखें गुस्से से भरी हुई थीं, लेकिन तभी उसकी नज़र कॉलेज के गेट के अंदर खड़ी सिया पर जाती हैं। 



रंगीन लाइट्स में सिया का चेहरा चमक रहा था, और उसके चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान थी।



अंश ने पहली बार ऐसा महसूस किया कि उसकी नज़रें एक जगह ठहर गई हैं। उसे समझ नहीं आया कि वो इस अनजान लड़की को क्यों देख रहा है, लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब सी मासूमियत और कशिश थी। अंश ने अपने मन में सोचा, "कौन है ये लड़की?"



कबीर ने अंश को ध्यान से देखा और पूछा, "भाई, सब ठीक है? आप क्या देख रहे हैं?"



अंश ने खुद को संभालते हुए कहा, "कुछ नहीं, बस यूँ ही। चलो, काम पर ध्यान देते हैं।"



लेकिन अंश के मन में सिया की वो हल्की मुस्कान छप सी गई थी। उसकी जिंदगी में इतने गुस्से और खून-खराबे के बीच ये मासूम चेहरा एक अनजानी सी ठंडक दे गया था। उससे नहीं पता था। कि ये पहली मुलाक़ात उसकी ज़िन्दगी को कैसे बदलने वाली है। 





तो आगे क्या होता जाने के लिए पड़ते रहिए Venom Mafiya मिलते है। Next part मैं।