Mahila Purusho me takraav kyo ? - 105 in Hindi Moral Stories by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 105

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 105

अभय केतकी बदली तीनो मीरा होटल मे प्रवेश करते हैं । बदली ने साड़ी पहन रखी है । किन्तु ऐसा लग रहा था जैसे उसने नयी स्टाइल मे साड़ी पहनी है । लेकिन बदली को लग रहा था कि लोग उसे ही देख रहे हैं । यह स्वाभाविक है लोग स्त्रियों को एकबार तो देखते ही हैं । किन्तु बदली के दिमाग पर उस हादसे का असर अभी भी था । स्वागत कक्ष से अभय दो रूमो की चाबी लेकर आगया था .. उसके आगे आगे होटल का कर्मचारी रास्ता दिखाते हुए..आइए सर ! 

तीनों को कर्मचारी उनके रूम दिखाकर आजाता है । कर्मचारी के जाते ही बदली फफक कर रोने लगती है । अभय उसको ढांढस बधा रहा होता है ..तभी अभय ने बदली के सिर पर हाथ रखा तो बदली अभय के सीने से लिपट गयी ..बदली को रोते देख केतकी ने भी उसकी पीठ को थपथपाकर कहा ..अरे बदली तुम तो बहुत बहादुर हो । भूल गयी तुम पुलिस इंस्पेक्टर भी हो । अभय ने उसे अपने से अलग किया अब वह केतकी के गले लगकर रोने लग जाती है । 

तभी दरवाजे पर दस्तक होती है ..बदली बाथरूम मे दौड़कर चली जाती है ..अभय ने जाकर दरवाजा खोला ..सामने एक हृष्ट-पुष्ट महिला खड़ी थी ..महिला ने कहा ..सर बगल के रूम मे कोई इंस्पेक्टर ठहरी है न ? अभय उसकी बात को पुष्ट करते हुए कहा ..हां वह हमारे साथ ही है । अभी वह बाथरूम.. अभय की पूरी बात सुने बिना ही महिला ने कहा ओके ओके ..जाते हुए बोली ..उसे कहना तुम्हारी बॉस भी इसी होकर मे ठहरी है ..रूम नंबर  17  ..बता देना उसे । अभय ने हां मे सिर हिलाकर ओके मेडम कहकर गेट बंद कर लिया । अभय सोच रहा है शायद यह महिला भी बदली की सीनीयर होगी । 

केतकी ने बदली को आवाज लगाई.. बदली ! तुम ठीक हो ? बदली ने उत्तर दिया ..दीदी आप मेरा बैग दे दीजिए..मै कपड़े चेंज कर लूं .. केतकी ने ठीक है .. अभय ने बगल के रूम से उसका बैग लाकर दे दिया ... बदली स्नान करके तैयार होकर ही बाहर आई ..अब वह सहज लग रही थी .. अभय ने बदली से कहा ..बदली तुम्हारी बॉस भी 17 नंबर मे ही ठहरी हुई है .. बदली ने उत्सुकता दिखाई अच्छा ..आप लोग तैयार हो जाओ ..मै उससे मिलकर आती हूँ । यह कहकर बदली रूम से निकल जाती है .. अभय बोलता है ..चाय मंगवाई है वह तो पी लेती ? जीजू आप कॉल कर देना मै आजाऊंगी.. बदली को जैसे पंख लग गये हो वह फुर्र हो गयी । अभय ने लंबी श्वास लेते हुए कहा ..इन लड़कियों के मूड का भी पता नही चलता .. केतकी ने कहा मै फ्रेस हो लेती हूँ ..ठीक है पहले चाय पी लो । 

बदली अगले ही पल महिला बॉस के रूम मे थी ..बदली को देखकर महिला बॉस सोफे से उठकर खड़ी हो गयी ...अपनी बांहें फैलाकर बदली को अपनी छाती से लगा लिया .. बदली ! मैं अपनी जबान की पक्की हूँ मै आगयी हूँ । बदली ने कहा थैंक्स बॉस ! हां आपके साथ ओर कौन कौन है ? मेरे साथ तीन लड़कियां ओर हैं और चौथी तू है ..रूम मे दोनो खिलखिलाकर हंसने लगी ..वाह ..बॉस हम कामयाब तो होंगे न ,बदली ने पूछा । बॉस महिला ने कहा ..सुन यार तुम्हारे साथ वह क्या हुआ था ..बदली ने कहा हां वह तो सच मे मेरे साथ हादसा हो गया ..लेकिन मैने कुछ नाटक भी किया ताकि सहानुभूति बटोर सकूँ ।