The Alternative Dimension - 1 in Hindi Horror Stories by Vaibhav Surolia books and stories PDF | द अल्टरनेट डाइमेंशन - 1

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द अल्टरनेट डाइमेंशन - 1

भाग 1: “प्रोजेक्ट

कॉलेज का कैंपस सुबह-सुबह हमेशा की तरह चहल-पहल से भरा हुआ था। छात्रों का समूह लाइब्रेरी से लेकर कैफेटेरिया तक फैला हुआ था, और कुछ तो हॉस्टल में बैठकर गप्पें मार रहे थे। एक कक्षा के कोने में पाँच दोस्त बैठे थे:

• विक्रम - उसके चेहरे पर हमेशा बहादुरी की चमक होती थी। उसे भूत-प्रेत और रहस्यमयी चीजों में दिलचस्पी थी, और वह ऐसी किसी भी कहानी को सुनकर खुद को रोक नहीं पाता था। वह हमेशा कुछ ऐसा करना चाहता था जिससे वह साबित कर सके कि भूत सच में होते हैं।

• रोहित - अपने चश्मों के पीछे छुपे तेज़ दिमाग के साथ, वह किसी भी बात को वैज्ञानिक नजरिए से देखता था। भूतों के बारे में उसकी सोच बिल्कुल साफ थी: “ये सब मन का भ्रम है।”

• अमित - उसकी चेहरे पर हमेशा चिंता की लकीरें रहती थीं। किसी भी चीज़ से डर जाना उसकी आदत थी, और भूतों का नाम सुनते ही वह घबरा जाता था। वह हमेशा विक्रम को टोकता था कि उसे ऐसी बातों से दूर रहना चाहिए।

• नेहा और रिया - ये दोनों सोशल मीडिया की दीवानी थीं। उन्हें हर वक्त कुछ नया पोस्ट करने की आदत थी, और उनकी बातचीत में अक्सर इंस्टाग्राम और स्नैपचैट का जिक्र होता था। भूतों की कहानियाँ उनके लिए मजेदार होती थीं, लेकिन वे इन्हें असलियत में नहीं मानती थीं।

प्रोजेक्ट की घोषणा

कक्षा में शोर-शराबा मचा हुआ था जब प्रोफेसर शर्मा ने प्रवेश किया। उन्होंने अपनी भौंहें तानते हुए पूरे क्लास को देखा, और सभी छात्र चुप हो गए। प्रोफेसर शर्मा विज्ञान और रहस्य की बातों में गहरी दिलचस्पी रखते थे, और हर बार कुछ अनोखा ही पढ़ाते थे।

उन्होंने कहा, “आज का प्रोजेक्ट थोड़ा अलग है। इस बार मैं चाहता हूँ कि आप लोग एक ऐसी जगह जाएँ जो भूतिया मानी जाती है और वहाँ जाकर पता लगाएँ कि क्या सच में वहाँ कुछ असामान्य है।”

पूरी कक्षा चुप हो गई, और दोस्त एक-दूसरे की ओर देखने लगे। विक्रम का चेहरा खुशी से चमक उठा। वह यही मौका चाहता था।

“तुम सबको एक रहस्यमयी जगह का दौरा करना है और पता लगाना है कि वहाँ सच में कोई असामान्य ऊर्जा या गतिविधियाँ हैं या नहीं,” प्रोफेसर शर्मा ने समझाया।

इसके बाद उन्होंने पाँचों दोस्तों को एक टीम के रूप में चुना। उन्होंने कहा, “तुम लोगों का यह समूह विविधता से भरा हुआ है। तुममें बहादुरी, डर, और विज्ञान का सही मिश्रण है। यह प्रोजेक्ट तुम्हें अलग-अलग दृष्टिकोण से चीज़ों को समझने का मौका देगा।”

प्रोफेसर शर्मा ने उन्हें कुछ दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल करके वह इन घटनाओं को नाप सकते हैं और समझ सकते हैं। उन्होंने समूह को यह भी सलाह दी कि वे अपनी जाँच-पड़ताल में निष्पक्ष रहें और केवल तथ्यों पर ध्यान दें।

दोस्तों की प्रतिक्रिया और तैयारी

प्रोफेसर के जाने के बाद, समूह के बीच जोश और घबराहट की लहर दौड़ गई। विक्रम तो बस उठकर नाचने ही वाला था। उसने अमित की ओर देखकर कहा, “देखा, मैंने कहा था ना, भूत होते हैं! अब जाकर खुद देख सकते हो।”

रोहित ने उसे शांत करते हुए कहा, “अरे, जल्दी मत करो। अभी तो हमें वहाँ जाना है। मैं अपने साथ कुछ उपकरण लाऊँगा जो वहाँ की ऊर्जा को माप सकें। हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना होगा।”

अमित ने हिचकिचाते हुए कहा, “मुझे तो लगता है कि यह अच्छा विचार नहीं है। हम क्यों कुछ ऐसा करने जाएँ जिससे हमें डर लगे?”

नेहा ने मजाक उड़ाते हुए कहा, “अरे, डरपोक मत बनो अमित। हम सब साथ हैं, और मैं वहाँ का पूरा नज़ारा लाइव स्ट्रीम करूँगी। लोग देखेंगे और हमें फॉलो करेंगे!”

रिया ने उत्साहित होकर कहा, “सोचो, अगर वहाँ कुछ अजीब हुआ तो! यह हमारे इंस्टाग्राम फॉलोअर्स के लिए एकदम धमाकेदार होगा।”

उनके मन में एक अजीब उत्साह और डर का मिश्रण था। वे सभी अपने-अपने तरीके से इस यात्रा के लिए तैयार हो गए। रोहित ने तय किया कि वह वैज्ञानिक उपकरण लेकर जाएगा, जैसे कि ईएमएफ डिटेक्टर और थर्मल कैमरा, ताकि कोई असामान्य गतिविधि हो तो उसे नापा जा सके।

नेहा और रिया ने अपने-अपने फोन और कैमरा तैयार किए, और विक्रम ने एक टॉर्च और कुछ डरावने किस्से जुटा लिए, जिन्हें वह अमित को डराने के लिए इस्तेमाल करेगा।

अगले दिन, वे लोग उस जगह जाने के लिए तैयार हो गए जो ‘भूतिया हवेली’ के नाम से मशहूर थी। इस जगह के बारे में कई कहानियाँ थीं कि वहाँ जाने के बाद लोग गायब हो जाते हैं या फिर मानसिक रूप से अस्थिर हो जाते हैं।

दोस्तों ने इस यात्रा के लिए खुद को पूरी तरह तैयार कर लिया। वे नहीं जानते थे कि आगे क्या होने वाला है, लेकिन हर कोई अपने तरीके से इस यात्रा को लेकर उत्साहित था।

To Be Continued ..