My Devil Hubby Rebirth Love - 29 in Hindi Love Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 29

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My Devil Hubby Rebirth Love - 29

सुबह के टाइम


जैसे ही रूद्र ने आंखे खोली तो उसकी आंखों के सामने रूही का मासूम चेहरा आ गया रूही जो रुद्र के सीने पर सर रख कर सो रही थी रूद्र ने अपने सर के नीचे अपना हाथ रख कर रूही को देखने लगा रूद्र तुम जानती हो मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं



और एक तुम हो जो हर वक्त मूझसे दूर जाने की कोशिश करती रहती हो मैं अब तूम्हारे बिना नहीं रेहे सकता मूझे बहुत तकलीफ होती है तूमसे दूर हो कर इसलिए मैं तुम्हे अपने से दूर नहीं जाने दे सकता यह कहकर उसने रूही के माथे पर किस कर दिया




रूद्र ने अपना मोबाइल उठाया और किसी को  मैसेज कर कर रूही को अच्छे से लिटा कर फ्रेश होने चला गया थोड़ी देर बाद रूद्र टॉवल पहनकर बासॅरूम से बाहर आया इतने में दरवाजे पर किसी ने नोंक किया रूद्र ने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने उसका असिस्टेंट विक्रम खड़ा था जो रूद्र के कपड़े लाया था उसने रुद्र की तरफ कपड़े बढ़ाएं  विक्रम सर यह रहे आपके कपड़े आपने जो मंगवाए थे  रूद्र ने उससे कपड़े लिए और दरवाजा बंद कर दिया रुद्र कपड़े लेकर वॉशरूम में चला गया थोड़ी देर बाद निकाल कर बाहर आया उसने एक नजर रूही को दिखा और सीधा नीचे चला गया जैसे ही वह नीचे आया उसने देखा दीपक जी जो सोफे पर बैठकर अखबार पढ़ रहे थे 


उसने उनको गुड मॉर्निंग कहां और सोफे पर बैठ गया सुनीता जी जो चाय लेकर आई थी  उन्होंने ‌रूद्र को देखकर कहा अरे बेटा‌ तुम उठ गए रूद्र गुड मॉर्निंग आंटी  गुड मॉर्निंग बेटा चलो आओ ब्रेकफास्ट कर लो सुनीता जी बात सुनकर दोनों ही ब्रेकफास्ट करना चले गाए अभी रूद्र ब्रेकफास्ट कर  ही रहा था



इतने में रूही  नीचे आई रूही गुड मॉर्निंग एवरीवन दीपक जी और सुनीता जी  गुड मॉर्निंग बेटा आओ‌‌ ब्रेकफास्ट कर लो रूही अनके  चेयर पर बैठ  गई रुद्र जो रूही को देखने में बिजी था दीपक जी रूद्र को देखकर कहा  बेटा पहले ब्रेकफास्ट कर लो बाद में देख लेना तुम्हारी है 

रुद्र दीपक जी की बात सुनकर मुस्कुरा दिया और रूही ने जैसे ही दीपक जी की बात सुनी तो उसने अपना सर शर्म से नीचे झुका लिया उसको बहुत शर्म आ रही थी उसने एक बार भी ऊपर नहीं देखा नीचे सर झुका कर ब्रेकफास्ट करने लगे 


थोड़ी देर 


सब  ने अपना ब्रेकफास्ट करके हाॅल में बैठकर बातें करने लगे रुद्र जो दीपक जी से बात कर रहा था इतना उसका फोन बज उसने फोन उठा  कर कान पर लगा लिया विक्रम सर आपकी एक इंपॉर्टेंट मीटिंग है 12:00 बजे रूद्र ठीक है यह कहकर उसने फोन काट दिया  रूद्र वाइफी तुम्हें ऑफिस नहीं जाना रूही नहीं मैं नहीं जाऊंगी रुद्र ठीक है


लेकिन तुम्हें फाइन भरना होगा  रूही क्या मतलब मुझे फाइन क्यों भरना ‌होगा रूद्र क्योंकि तुम्हें 6 महीने से पहले ऑफिस छोड़ा तो फाइन भरना होगा तुम्हें यह भी नहीं पता रूही नहीं तो रुद्र आप पता चल गया ना या तो ऑफिस  चलो यह फाइन भरो यह तुम्हारे ऊपर डिपेंड करता है यह कहकर रुद्र के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई रूही ने रुद्र की बात सुनकर कहां तुम बहुत बुरे हो हर बार मुझे परेशान करते हो ठीक है तुम जाऊं मैं थोड़ी देर में आती हूं रुद्र नहीं तुम मेरे साथ चलोगी जाओ जल्दी से  तैयार होकर आओ रूही नहीं मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी दीपक जी बेटा दोनों एक ही ऑफिस में जा रहे हो तो परेशानी क्या है चली जाओ रूही पर पापा दीपक जी प्लीज बेटा मेरे कहने पर चली जाऊं रूही ठीक है आप कह रहे हैं तो जा रही हो रूद्र की तरफ देखकर उसने कहा बस 5 मिनट रुको मैं अभी आई यह कहकर  जल्दी से अपने रूम में चली गई








थोड़ी देर बाद 





रूही नीचे आई  और रुद्र से कहा चलो रूद्र जो अपने फोन में  बिजी था रूही की बात सुनकर उसने रूही की तरफ देखा और रूही का हाथ पकड़ कर चलाने लगा रूही जो रूद्र के हाथ पकड़ ने से चौंक गई थी उसने रूद्र से हाथ छोड़ने की कोशिश करने लगी रूही मेरा हाथ छोड़ में खुद चल सकती हूं 


रूद्र ने रूही की कोई भी बात नहीं सुनी कार के पास लाया और कार का दरवाजा खोला रूही को बेठा दिया और खुद भी बैठ गया  और कार स्टार्ट करकर  निकल गया




Cantinue