Haivaniyat - 2 in Hindi Short Stories by aruhi books and stories PDF | हैवानियत - 2

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हैवानियत - 2

और वही tina ko aab हल्का हल्का होश आने लगा था,,,,,लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी ,,,,,कि वह बेड पर बैठ भी सके,,,,जिससे वह खुद को चादर से लपेट,,,,,सिधा लेती थी,,,,

उसके चेहरे पर मिले-जुले भाव थे,,,,,एक खुशी की,,,,की अब वह विराज की पूरी तरह हो चुकी है ,,,,और एक टेंशन की क्यों कल रात विराज उसके साथ ,,ऐसे पेश आया हुआ,,,,,या सब सोच रही थी ,,,,,,कि तभी से एहसास होता है ,,,,किसके कमरे का दरवाजा खुल रहा है ,,,,

जिसे एहसास कर टीना आपनी नजरें दरवाजे की तरफ करती है ,,,,,तो किसी अनजान इंसान को,,,,कमरे का दरवाजा बंद करता देख,,,,टीना की होश उड़ जाते हैं 

जिसे टीना बेड पर बैठने की कोशिश करती ,,,,,,लेकिन विराज की जाति की वजह से ,,,,,वह दर्द नहीं बातें ,,,,,जिससे वहां इस तरह थोड़ा डरते हुए,,,,,तो तुम तुम  कौन हो,,,,,,,,और मेरे कमरे में क्या क्या करने आये हो,,,,,,विराज ,,

उसने इतना ही कहा होगा,,,,कि वह लड़का हंसते हुए धीरे-धीरे अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए ,,,,अपने कदम बेड की तरफ बढ़ने लगता है ,,, 
उस लड़के को अपनी शर्ट उतरता देख,,,, टीना कि तो जैसे होश उड़ गए हैं,,,,,और उसके शरीर में जैसे की जान आ गई है,,,,,वह अपनी पूरी ताकत लगा ,,,,,खुद को चादर से कवर कर ,,,,,,वह बेड पर बैठ जाती है,,,,,और फिर चारों तरफ देखते हुए,,,,,,विराज विराज चलने लगती है,,,,

इस वक्त उसके पास कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था ,,,,,,शिवाय विराट के नाम लेने से,,,,,,लेकिन एक ही पल में उसकी आवाज भी ,,,,,,,उसके गले में ही गिर जाती है,,,,क्योंकि वह लड़का पूरी तरह टीना पर हावी होने लगा था,,,,

वह बगैर मौका दिए टीना के शरीर से वह चादर हटा देता है,,,,,और एकदम  उसके ऊपर आ उसे बेरहमी से चूमन लगता है ,,,,,,और वही तीना,,अपनी पूरी कोशिश कर रही थी ,,,,,खुद को उसे लड़के से बचाने की,,,,,लेकिन वह नाकाम होती जा रहे थे ,,,,,

और वह लड़का तीना पर पूरी तरह हावी हो चुका था ,,,,,,और कुछ ही देर में उस कमरे में तीना की दर्द भारी चीख और रोने की आवाज गुजने लगी थी,,,,,,लेकिन वह लड़का एक बार भी ,,नहीं रुकता ,,,,,,,वहां खुद को बस संतुष्ट करने में लगा हुआ था,,, 
और वही कमरा के बाहर बैठे हुए,,,,,तीनों लोग,,,,,आपस में हंसते हुए ,,,,बातें कर रहे थे,,,,और टीना कि चिखे तो जैसे,,,उन्हें तो जैसी खुशी मिल रही थी ,,,,,कि उसका दोस्त कितना बहादुर है,,,, 
और यहां सिलसिला लगभग 3 घंटे तक ,,,,लगातार चलता है,,,,,,और फिर 3 घंटे बाद ,,,,वह लड़का टीना को जख्मी हालत में बेड पर छोड़,,,,बगैर उसे चादर से कवर किया, ही वह खुद के कपड़े पहन,,,,,कमरे से बाहर निकल जाता है ,,,,इस वक्त उसे लड़के के चेहरे पर सेटिस्फेक्शन थी,,, 

और ऐसे ही कर धीरे-धीरे वह दो लड़के भी तीना के साथ अपनी मनमानी करते हैं,,,,,टीना की हालत हद से ज्यादा खराब हो गई थी ,,,,,जिसे विराज  इंजेक्शन दे ठीक करता था ,,,,,ताकि वह उन्हें सेटिस्फेक्शन दे,,,,,,और वह चारों मील अपने मनमानी कर सके ,,,टीना के साथ पूरी,, 

और ऐसे ही तीन दिन बीत गए थे ,,,,और यह हर रात होने लगा था,,,,,एक-एक कर सभी टीना के साथ हम बिस्तर होते थे,,,,,,उसके इच्छा के बगैर से छूते और नोचते थे

और वही तीना सिर्फ रोने के सिवा कुछ नहीं कर सकती थी,,,,,,लेकिन फिर भी इसके अंदर की हिम्मत अभी हरि नहीं थी,,,,,इस दर्दनाक भरी जिंदगी से दूर जाना चाहती थी ,,,,,उसे नफरत थी सबसे ज्यादा विराट से ,,,,,,,की जिससे उसने मोहब्बत की ,,,,,,उसी ने उसे इस तरह,,,,,इस समाज में लाकर खड़ा कर दिया ,,,,,,और ऐसे ही हफ्ता बीत जाता है ,,,,,,लेकिन टीना कुछ नहीं कर पाती ,,,,,वह आप भी उन चार दरिंदों के बीच ,,,,,हर रात उन,,,सभी दरिंदों का शिकार होती थी ,,,,,,,वह तो जैसे  हिम्मत हारने लगी थी,,, 

और ऐसे ही 30 दिन भी जाते है,,,,,लेकिन आब भी टीना कुछ नहीं कर पाए थे,,, 

और वहीं दूसरी तरफ वह चारों लड़के आपस में बातें करते हुए ,,,,,यार विराज अब बस,,,,,मेरा मन भर गया इस लड़की से ,,,,,,जिसे सुन विराज मेरा भी,,,,,,तभी तो मैंने एक नया बकरा फसाया है,,, 

जिसे सुन वह देना दोस्त,,,,सच में क्या नाम है ,,,,,ऐसे कहें वह विराट की तरफ देखते रहते हैं,,,,,,जिससे विराज उस लड़की का भी तस्वीर अपने दोस्तों को दिखाती है ,,,,,,,जिसे देख वह सब हवस भरी नजरों से ,,,,,उस तस्वीर को देखते हुए ,,,,,तो इससे कब फसाने का इरादा है,,, 

जिसे सुन विराज ,,,,,जब इस लड़की को ठिकाने लगा देंगे ,,,,,क्यों नहीं ऐसे भी अपने उस कोठी पर ही भेज देते हैं,     कुछ पैसे मिल जाएंगे ,,,,,,टीना को मीना बाई कोठी पर टीना को फेक आते हैं,,,, 
और वही तीना उन चारों को अपनी घिन भरी नजरों से देखते हुए ,,,,,,मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगी,,,,,,,तुम्हें मौत की सजा न दी,,,,,तो मेरा नाम भी तीना नहीं,,,,,,,यह कहते हुए उसकी आंखों में आंसू थी,,,,,,और वही विराज टीना की आंखों को ,,,,इस तरह देख हंसते हुए,,,,,,अरे ज्यादा तो हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती,,,,,,यह के विराज वहां से चला जाता है ,,,,

और वही तीना रोने  की शिवा  कुछ नहीं कर पाती,,,,,वह कितनी मुश्किल से,,,,,,,एक दलर्दल की दुनिया से बाहर निकली ,,,,तो दूसरी दलदल में जा फंसी थी,,, 

उसे आज खुद से नफरत हो रही थी,,,,,,कि उसने क्यों,,,ऐसे इंसान पर भरोसा किया ,,,,,उसने क्यों अपने घर वालों की नहीं सुनी,,,,,,उसने क्यों अपने घर वालों का मुंह नहीं देखा,,,,,,और विराज के लिए अपना सब कुछ छोड़ आए ,,,,,आज वही विराज ,,उसे इस कदर ऐसी जिल्लत भारी जिंदगी में छोड़कर चला गया ,,,,,,,उसे अपने दोस्तों से ,,,,एक चीज की तरह बाटा, हुआ ,,, वह इंसान नहीं है वह एक हैवान है,,,,,,,जिसे सोच टीना फूट-फूट कर रोने लगती है,,,, 

की तभी कुछ लड़के तीना को,,,,जबरदस्ती खींचते हुए उसे एक कोठरी में जाकर बंद कर देते हैं,,, 
और वहीं दूसरी तरफ विराज एक नई लड़की ले आया था ,,,,,और उसके साथ भी वही सब शुरू हो गया था,,,,,जो तीना के साथ होता था,,,, 

और यहां टीना भी एक नई दलदल में जा फंसी थी ,,,,,,जहां पर हर रात उसकी मुलाकात,,,,,हर एक नई मर्द से होती थी,,,,,,,जो मर्द उसे सिर्फ नोचने के सिवा कुछ नहीं करते थे ,,,,

यह तो जैसे उसका रोज का पेशा हो गया था ,,,,,,,महीना बीत चुका था ,,,,,लेकिन उन लोगों की दरिंदगी आब भी लाल खत्म नहीं हुई थी ,,,,,

तीना ही नहीं,,,वहां पर और भी कई लड़कियां थी जो इस दलदल में जा फंसी थी,,,,,और हर रात एक नई मर्द की दरिंदगी का शिकार होती थी,,,,,,वह लड़कियां शिवाय रोने सीखने के कुछ नहीं करती थी ,,,,,,,यह यूं कहीं की कुछ कर ही नहीं पाती थी,, 
लेकिन कहीं ना कहीं टीना के के मन में एक उम्मीद थी,,,, की  वह ,,,,,,,यह तो यहां से भाग जाएगी ,,,,,या फिर वह मर जाएगी ,,,,,,लेकिन ऐसी जिल्लत भरी जिंदगी नहीं चाहिए,,,

कि  यह सोच आखिर में तीना ने,,,,वह मंजिल अपना ही लिया यहां से भागने की ,,,,खुद की आजादी की ,,,,खुल के सास लेने की ,,,,वह आज कामयाब हो चुकी थी,,,,,,और वह उसे जिल्लत भरी जिंदगी ,,,,,और उस कोठे से बहुत दूर निकलती चली जा रही थी,,,, 
की एकदम से तीना के सामने,,,एक कार आकर रूकती है,,,,,जिसे देख टीना की आंखें बड़ी हो जाती है,,,,,और फीर वह डरते हुए ,,,,,अपने कदम पीछे की तरफ लेने लगती है,,,,,,,

लेकिन वह लड़का धीरे-धीरे आब भी,,,,,,,,जिया की तरफ अपने कदम बढ़ाए जा रहे थे,,,,,,की तभी वह चारों लड़के जिसमें एक विराज था,,,,,,वहां टीना की तरफ अपने कदम बढ़ाए जा रहा था,,,,,,कि तभी एक लड़का तीन के ऊपर पेट्रोल फेंक देता है ,,,,,,और विराट टीना की बेबसी देख,,,हंसते जोर-जोर से हंसने लगता है

और वही तीना जिसके बाल बिखरे हुए थे ,,,,,उसके पैरों से खून बह रहे थे ,,,,,,उसके हाथ तक जख्मी था,,,,,,और वह अब भी चल नहीं पा रही थी,,,,,,,अपने हाथ जोड़ते हुए ,,,,,,,विराज प्लीज मुझे जाने दो,,, मुझे खुद की जिंदगी जीना है,,,,,,,यह कहते हुए वह पीछे की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे थे ,,,,,,,

और वही विराज हंसते हुए जिना है तुम्हें ,,,,,,जाना है,,,आजाद होना है ,,,,,तो ठीक है आज मैं तुम्हें अजाद कर देता हूं ,,,,,,,यह कहें विराट माचिस की तिली जला,,,,,उस जमीन पर फेंक देता है ,,,,,,जिससे वह आंग सड़क से होते हुए सीधा टीना के शरीर को जा लगती है,,,,,,और टीना तड़पते हुए अपनी जान दे देती है,,, 

आज के लिए बस इतना तो देखते हैं कि क्या टीना को इंसाफ मिल पाएगा,,,,,कौन कौन tina को इंसाफ दिलाएगा