You Are My Choice - 3 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 3

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You Are My Choice - 3

Aurora co. की office एक बड़ी सी बिल्डिंग के सातवे माले पर थी। काव्या जैसे ही अपने कॅबिन मे आती है, दानिश उसे गुड मॉर्निंग विश करता है।

“मॉर्निंग” काव्या ने अपनी चेर पे बैठते हुए कहा।

“मॅम, आपने जो फाईल मंगाई थी वो ये रही and...”

दानिश को हॅजिटॅट करता देख काव्या ने कहा, “What happen? Just say it.”

“Actually ma’am, I got a call from a University, और वो मुंबई मे ही है तो मेने हा कर दिया।"

यह सुनते ही काव्या गुस्से मे बोल पडी, “what the... क्या यार?”

“जाना ही पडेगा आपके पास इसबार कोई ओप्शन नही है। मिडीया थोडीना है, बच्चे ही तो है।"

“ठीक है। But this is first and last. अगली बार एसा कुछ किया ना तुने तो मेरे बदले तुझे जाना पडेगा।" काव्याने उसे गुरते हुए कहा।

“रॉनित सर की office से call था, we have a lunch meeting for signing the deal.”

“तुम दोनो वही करते हो जो मुझे पसंद नही है।"

उसे गुस्सा होता देख दानिश उसकी कॅबिन से बहार चला गया।
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जय अपने cabin मैं बैठा फाइल्स देख रहा था तभी हॉस्पिटल मे एक इमरजेंसी केस की announcement हुई। सुनते ही जय O.T की तरफ गया। नर्स ने उसे patient के विटल्स के बारे में बताया।

नर्स : सर, patient को चोट छत से घिरने की वजह से लगी है। BP is 90/60.

रेडी होके नर्स की briefing सुनते हुए जय डायरेक्ट सर्जरी करने अंदर चला गया।

रात को काव्या अपने ऑफिस में बैठे काम कर रही थी तभी उसका फोन ring हुआ। फोन पर “DAD” लिखा हुआ देख काव्या ने तुरंत फोन उठाते हुए कहा,

[Sorry Dad, I’ll be late.
हर्षवर्धन : क्यों overtime कर रही हैं?
काव्या : ये दानिश dad, उसने मेरा सेमिनार करने के लिए किसी यूनिवर्सिटी को हा बोला है। कितनी बार मना किया है, पर अब मुझे endtime पे बोलता है की अब cancel नहीं हो सकता। So just do it please. तो करना पड़ेगा।]

काव्या से बात करने के बाद वो सीधा दानिश को कॉल करते है।

[दानिश : uncle कुछ हुआ क्या?
हर्षवर्धन : मुझे यह समाज नहीं आ रहा की काव्या ने हा कैसे कहा?
दानिश : वो तो मेरे लिए भी shocking ही है। मेने उन्हें एक बार बोला, वो मन गए।
हर्षवर्धन : ठिक है, good night.
दानिश : Good night uncle]

“तू मीडिया से भी दूर भागती है, फिर यह सब क्या है?” केबिन में आता हुआ रॉनित बोला।

“Its because of Danish. यार मतलब हद है इसकी। उसेह कॉल पहले ही आ गया था और उसने हा कह दिया। मुझे आके बोला, दो दिन बाद आप जा रहे हो। Be ready. ऐसा कोन करता है?”

उसके सामने बैठा रॉनित मुस्कुराते हुए बोला, “ bro, seriously.”

“तू हस क्यू रहा है?” काव्या ने चीड़ते हुए पूछा।

“Actually, उसने मुझे कॉल किया था, पूछ रहा था की तू मानेगी या नहीं, मेने बोला मनाने वाला चाहिए तो ही तेरी बॉस किसकी बात मानती है। तो लड़के ने seriously ले लिया। जीत गया।“

“तो तू है इसके पीछे का रीजन। तभी तो, मुझे समझ नही आ रहा था की यह हुआ कैसे? मुझे पूछे बिना पहली बार इसने ऐसा कुछ काम किया है? ठिक है। करना पड़ेगा।“
“यह सब घर जाके करना, हम डिनर करने जा रहे है।" रॉनित ने उसका PC बंद करते हुए कहा।

“But...”

“No if, no buts.”

“पर हम dinner कहा करेंगे? But was meant for it.” काव्या ने कहा।

“जो हम दोनो को पसंद आए।“ बोलते हुए रॉनित उसका हाथ पकड़ते हुए उसे ले गया।


Continues in next episode....