Tamas Jyoti - 1 in Hindi Classic Stories by Dr. Pruthvi Gohel books and stories PDF | तमस ज्योति - 1

Featured Books
  • तुझी माझी रेशीमगाठ..... भाग 2

    रुद्र अणि श्रेयाचच लग्न झालं होत.... लग्नाला आलेल्या सर्व पा...

  • नियती - भाग 34

    भाग 34बाबाराव....."हे आईचं मंगळसूत्र आहे... तिची फार पूर्वीप...

  • एक अनोखी भेट

     नात्यात भेट होण गरजेच आहे हे मला त्या वेळी समजल.भेटुन बोलता...

  • बांडगूळ

    बांडगूळ                गडमठ पंचक्रोशी शिक्षण प्रसारण मंडळाची...

  • जर ती असती - 2

    स्वरा समारला खूप संजवण्याचं प्रयत्न करत होती, पण समर ला काही...

Categories
Share

तमस ज्योति - 1

प्रकरण - १

"दोस्तो! मैं हूं इस शो की होस्ट अमिता। आप सभी का तहे दिल से स्वागत करती हूं हमारी इस चैनल संवाद में। और आप देख रहे है हमारा ये कार्यक्रम रुबरु। जिसमें हम जानीमानी हस्तियों को हमारे स्टूडियो में बुलाकर उनसे रुबरु होते है। तो दोस्तो! आज ऐसी ही एक हस्ती हमारे साथ हमारे स्टूडियो में शामिल है, जिनका नाम है रोशन कुमार। जो की एक बहुत ही जानेमाने संगीत विशेषज्ञ है। तो आज हम इस कार्यक्रम में रोशन कुमार से रुबरु होंगे। आज के इस कार्यक्रम में हम रोशनकुमार की उस यात्रा के बारे में चर्चा करेंगे जिनके बारे में लोगो को बहुत कम पता है।"

"रोशन कुमार! ये नाम ही अपने आप में बहुत बड़ा नाम है। रोशन कुमार! जिन्होंने अपने जीवन में कई सारी कठिनाइयों का बहुत ही बहादुरी से सामना किया और आज वो जिस मुकाम पे पहुंचे है वह मुकाम हासिल किया है। वह संगीतकार बनने के लिए हर बाधा व मुश्किलो को बड़ी हिम्मत से पार कर गए थे। उनकी इसी सफर के बारे में आज हम सब जानेंगे।

"रोशनकुमार! जो फिलहाल एक संगीतकार है लेकिन बचपन से ही उनका सपना तो वैज्ञानिक बनने का ही था। लेकिन उनके जीवन में कुछ दर्दनाक घटनाएं ऐसी घटीं, जिसके कारण वह अपना ये सपना पूरा नहीं कर पाए और उनका वैज्ञानिक बनने का वह सपना अधूरा ही रह गया। तो आज हम उनके जीवन में घटी उस दर्दनाक घटना के बारे में भी बात करेंगे और साथ ही साथ उनके संगीतकार बनने के रोमांचक सफर के बारे में भी बात करेंगे। आशा है दोस्तों! आपको यह कार्यक्रम पसंद आएगा।"

"तो आइए दोस्तों! आप सभी के इस चहिते कार्यक्रम में मैं व्यक्तिगत रूप से स्वागत करती हूं संगीत विशेषज्ञ श्री रोशन कुमार का।"

अमिताने रोशन की ओर देखते हुए कहा, "रोशनजी! व्यक्तिगत रूप से हमारे इस कार्यक्रम में आपका तहे दिल से स्वागत है।"

ये सुनकर रोशनजी बोले, "धन्यवाद अमिताजी! आप सभी ने मुझे इस मुलाकात के योग्य समझा इससे बड़ी बात मेरे लिए और क्या हो सकती है? यह मेरा सौभाग्य है और उसके लिए मैं आपको और आपकी टीम का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। और खुशी की एक बात और भी है कि आज ही के दिन आपकी चैनल को भी एक साल पूरा हो गया है, तो उसके लिए भी मैं आप सभी को बहुत-बहुत बधाई भी देता हूं।"

अमिताने कहा, "बहुत बहुत धन्यवाद रोशनजी! तो आइए अब इस कार्यक्रम को हम अब आगे बढ़ाएं और अपने दर्शकों का मनोरंजन करें।”

रोशनने उत्तर दिया,"हां बिल्कुल। अमिताजी!"

अमिताने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "तो रोशनजी! सबसे पहले, आप हमारे दर्शकों को ये बताईए कि आज सफलता के इतने ऊंचे शिखर पर पहुंच कर आप कैसा महसूस कर रहे हैं? आप किस तरह की भावनाओं का अनुभव कर रहे हैं?"

रोशन कुमारने उत्तर दिया, "जी, बहुत ही अच्छा लग रहा है। सफलता किसे पसंद नहीं होती है? मुझे भी मेरी यह सिद्धि बहुत ही पसंद है। मैं आज जिस मुकाम पर पंहुचा हूं उसके लिए मैं अपने आप को बहुत ही खुशकिस्मत मानता हूं।"

अमिताने कहा, "आप बिलकुल ठीक कह रहे हैं। सफलता तो हर किसी को पसंद होती ही है। ये सब तो आपकी बाते हुई। अब आप हमें अपने परिवार के बारे में भी थोड़ा कुछ बताईएं। आपके परिवार में कौन कौन है?"

रोशनने कहा, "मेरे परिवार में मैं, मेरे माता-पिता, मेरी पत्नी फातिमा, मेरा बेटा वंश, मेरा भाई रईश, मेरी भाभी नीलिमा, मेरी भतीजी अरमानी और मेरी बहन दर्शिनी। बस कुल मिलाकर दस लोगों का परिवार हैं हमारा।"

ये सुनकर अमिता बोली, "ये तो बहुत ही अच्छी बात है कि आज भी आपका पूरा परिवार साथ साथ रहता है। नहीं तो आजकल कहा मिलते है ऐसे परिवार? सुनने में आया है की आप सभी के बीच बहुत ही प्यार है और पूरा परिवार आज भी मिलजुल कर एकसाथ रहता है?''

ये सुनकर रोशन की आंखों में एक चमक सी आ गई और वह बोला, "हां बिल्कुल! जैसा कि कहा जाता है की, जब परिवार साथ हो तो जीने का मजा ही कुछ और है...ऐसा ही कुछ। इतना सुंदर और प्यारा परिवार पाकर मैं खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस करता हूं।"

रोशन की यह बात सुनकर अमिता भी बोल पड़ी, "ये तो आप ठीक ही कह रहे है रोशनजी! मुझे भी अपने दर्शकों को यह बात बताते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि, आज भी इस जमाने में आप सब एकसाथ एक ही घर में एकसाथ रहते है ये सुनकर बहुत ही अच्छा लगता है। मुझे भी आपके परिवार पर गर्व होता है। मैंने सुना है कि, आपके माता-पिता भी संगीतकार है और स्टेज शो करते है? खून आखिर बोलता ही है उसी तरह आपको भी संगीत विरासत में मिला है। मैं सही बोल रही हूं ना?"

रोशन बोला, "हां, बिल्कुल। संगीत तो जनीन में ही होता है। कोई कभी कलाकार बन नहीं पाता। कलाकार तो पैदाईशी होते हैं। इसी तरह मेरे माता-पिताने भी इस अवनी पर कलाकार के रूप में जन्म लिया था। वे शादियों में, भजनों में और उसके अलावा स्टेज शो भी करते है। उनके उसी स्टेज शो से उन्हें जो भी आय मिलती थी उसीसे हमारे पूरे परिवार का गुजारा होता था।"

अमिताने फिर पूछा, "और आपकी बहन दर्शिनी? उसे तो आपके माता पिताने गोद लिया था। है ना?"

रोशनने उत्तर दिया, "हा! दो दो बेटों के जन्म के बाद भी मेरे माता-पिता को लगता था कि, बेटी तो घर की लक्ष्मी होती है। उन दोनों को लगता था कि, घर में बेटी होगी तो घर में रौनक रहेगी। इसलिए उन्होंने मेरी बहन दर्शिनी को गोद लिया था। बेटी को गोद लेने के पीछे उनकी भावना यह थी कि अगर हम एक की भी मदद कर सकें तो यह पुण्य का काम कहलाता है, इसलिए उन्होंने अपनी खुद की बेटी करने के बजाय एक लड़की को गोद लेने का फैसला लिया और दर्शिनी मेरी और मेरे भाई रईश की बहन बन गईं। और इस तरह से वह भी हमारे परिवार का हिस्सा बन गई। आज उसकी भी शादी हो चुकी है और वह भी अपने परिवार में बहुत ही खुश है।”

ये सुनकर अमिताने कहा, "ये आपने बहुत ही अच्छी बात कही। मुझे ये बात बहुत ही पसंद आई। आज जब लोग अपने बच्चों को नही संभाल पा रहे है, तब एक बच्चे को गोद लेना अपने आप में एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी होती है। मैं आपके माता पिता के इस उत्तम फैसले की कद्र करती हूं और एक बच्ची को गोद लेने की पहल करने के लिए उनके इस साहस की भी सराहना करती हूं।"

रोशनने अमिता की इस सराहना को स्वीकार करते हुए कहा,।"जी शुक्रिया। अमिताजी!”

अमिताने मुलाकात को आगे बढ़ाया और बोली, "रोशनजी! आइए अब बात करते हैं आपके जीवन में आए उस महत्वपूर्ण मोड़ के बारे में जो बहुत ही दर्दनाक है। मैंने सुना है की, आप वास्तव में वैज्ञानिक बनना चाहते थे लेकिन एक दिन रसायनविज्ञान प्रयोगशाला में एक प्रयोग करते समय आपके साथ एक बहुत ही बड़ी दुर्घटना हो गई और उस दुर्घटना में आपकी आँखों की रोशनी चली गई? सुना है उसके बाद आपके जीवन में तमस सा छा गया था। आपने उस जीवन के अंधकार को अपनी संगीत की रोशनी से कैसे रोशन किया? मैंने तो ये भी सुना है की आपके भाईने आपकी आँखों की रोशनी वापस लाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की थी और वह उसमें सफल भी हुआ था। और उसकी उसी महेनत के चलते आपने एक बार फिर से ज्योति का अनुभव किया।"

रोशनने जवाब दिया, "हां अमिताजी। आप जो बाते कह रही है वो सारी बाते सही है लेकिन उसको विस्तार से जानने के लिए आपको मेरा पूरा अतीत जानना होगा। आइए मैं आपको अपने अतीत की यात्रा पर ले चलता हूं। मेरा ये अतीत भी बहुत ही दिलचस्प है।”

अमिता बोली, "ज़रूर। हमें और हमारे दर्शकों को आपके इस अतीत को जानना और उनमें से कुछ सीखना भी बहुत ही अच्छा लगेगा। तो बताइए क्या है आपकी कहानी?"

रोशनने अपनी कहानी कहना शुरु किया, "चलो फिर! मेरी यह कहानी मेरे बचपन से ही शुरू करते हैं।"

अमिता बोली, "जी बिलकुल। लेकिन रोशनजी! आप अपनी कहानी सुनाए उससे पहले हम आपको और हमारे दर्शको को कुछ दिखाना चाहेंगे। हमने आपकी जीवनी के बारे में एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, तो पहले आप सब इस डॉक्यूमेंट्री का आनंद लीजिए। और फिर हम आपके जीवन के बारे में विस्तार से बात करेंगे।"

और फिर स्क्रीन पर डॉक्यूमेंट्री तस्वीरें आने लगीं। स्क्रीन पर चल रही डॉक्यूमेंट्री में उनके बचपन की कुछ घटनाएं दिखाई गईं। उनके बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी दी गयी।

डॉक्युमेंट्री के खत्म होने के बाद अमिताने फिर बोलना शुरू किया, "दोस्तो! आशा है कि आप सभी को रोशनकुमार की यह डॉक्यूमेंट्री बहुत ही पसंद आई होगी। और अब हम एक बार फिर से रोशनकुमार के साथ उनके जीवन के बारे में चर्चा करेंगे।"

अमिताने अब रोशन से कहा, "तो रोशनजी! अब आप हम सबको अपनी कहानी बताईए। मैं और हमारे दर्शक आपकी इस कहानी को सुनने के लिए बहुत ही बेताब है। लेकिन आप अपनी कहानी बताए उससे पहले एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं। और एक छोटे से अंतराल के बाद हम जल्द ही मिलेंगे।"

(क्रमश:)