Rishto ki Kashmkash - 11 in Hindi Women Focused by Naaz Zehra books and stories PDF | रिश्तो की कश्मकश - 11

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रिश्तो की कश्मकश - 11

अब आगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वहीं दूसरी तरफ




संदीप बड़ी बेचैनी से अपने कमरे में इधर-उधर चक्कर लगा रहा था ।,,कभी संदीप दरवाजे की तरफ देखा, तो कभी घड़ी की तरफ संदीप दरवाजे की तरफ देखते हुए, बोला ओफ्फो बुआ आप कब तक आएंगी,,,, कितना समय हो गया ,,अब तक तो आपको आ जाना चाहिए था।,,,,,



वही आर्यन जो अपना चेहरा दोनों हाथों पर रखकर बैठा हुआ,, संदीप को देख रहा था ,, आर्यन संदीप की बात सुनकर उठकर खड़ा हुआ,, और चलकर संदीप के पास आया और बोल भाई तेरे पैरों में इतनी ताकत है तु रेस में हिस्सा क्यों नहीं ले लेता।,, पक्का तू ही जीत कर आएगा क्योंकि तेरे पैरों में जान जो बहुत है,,,





संदीप आर्यन की बात सुनकर खिसियाकर बोला अभी नहीं आर्यन बाद में ,,, मैं तेरी फालतू की बकवास सुनेगा,, लेकिन अभी नहीं क्योंकि मैं अभी बहुत परेशान हूं,, आर्यन संदीप की बात सुनकर बोला मुझे पता है,, तू बहुत परेशान है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है, कि तू इधर-उधर चक्कर लगाता रहेगा ,,तू आराम से बैठकर भी तो बुआ का इंतजार कर सकता है ,,


ऐसा तो होगा नहीं कि तेरे ऐसे चक्कर लगाने से बुआ यहां उड़ के आ जाएंगे ,,संदीप जो पहले से ही परेशान था,,अब आर्यन की ऐसी बातें सुनकर गुस्से में उसको घूरने लगा,,, आर्यन संदीप के घूमने से खिसियानी हंसी हंसते हुए बोला कोई बात नहीं ,,तू यहां चक्कर लगा ,,,(मैं वहां सोफे की तरफ इशारा करके बैठकर बुआ का इंतजार करता हूं ),,




यह कहकर आर्यन सोफे के पास आया,, और उस पर बैठकर अपने दोनों पैर टेबल पर रखें,, और दोनों हाथ सर के पीछे लगाकर सोफे से टिक्कर बैठ गया,,, संदीप ने आर्यन को देखा और फिर अपना सर ना में हिला दिया,,,, और खुद वापस चक्कर लगाने लगा,,,,



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थोड़ी देर बाद


लक्ष्मी संदीप के कमरे के दरवाजे पर खड़ी होकर संदीप को देख रही थी,, जैसे ही संदीप की नजर लक्ष्मी पर पड़ी ,,तो उसके चेहरे पर स्माइल आ गई ,,संदीप जल्दी से लक्ष्मी के पास आया,, और उनका हाथ पकड़ कर कमरे में लेकर आया और सोफे पर बिठा दिया,, और खुद उनके पैरो के पास बैठ गया ,,,



आर्यन भी लक्ष्मी को देखकर सीधा होकर बैठकर लक्ष्मी और परेशानी से देखने लगा,,, लक्ष्मी ने एक नजर दोनों को देखा फिर अपना सर नीचे झुका लिया,, संदीप लक्ष्मी के सर नीचे करने से अपने चेहरे पर घबराहट और परेशानी लाकर बोला बुआ,,, राजेंद्र अंकल ने शादी के लिए हां कर दिया ,ना,


संदीप की बात सुनकर लक्ष्मी की आंखें नम हो गई, लेकिन उन्होंने संदीप को कोई जवाब नहीं दिया,,, जिससे संदीप परेशानी से बोला,,, बुआ मैंने आपसे कुछ पूछा है ,,आप जवाब दें,, अंकल ने क्या कहा,, लेकिन अभी भी लक्ष्मी ने कोई जवाब नहीं दिया ,, जैसे ही आर्यन ने संदीप को इतना परेशान और डरा हुआ,,, देखा तो लक्ष्मी का हाथ पकड़ कर बोला ,,बुआ संदीप आपसे कुछ पूछ रहा है ,,जवाब दो उसको,,,( आर्यन ने एक बार संदीप की तरफ देखा ),,,




और आगे,,,, बोला आप एक बार संदीप को देखो क्या हाल हो रहा है इसका प्लीज ,,बुआ कुछ तो बोलो आर्यन की बात सुनकर लक्ष्मी ने अपना सर उठाकर संदीप को देखा ,,जिसकी आंखें नाम और चेहरे पर बेचैनी डर दोनों था,, लक्ष्मी ने अपना हाथ मुंह पर रखकर बोली मुझे माफ कर देना ,,मेरे बच्चे मैं तेरी खुशी तुझे नहीं दे,सकी मुझे माफ कर देना,,,




यह कहकर लक्ष्मी ने संदीप के आगे हाथ जोड़ लिए ,,संदीप लक्ष्मी की यह कहने से कि मैं तुझे तेरी खुशी नहीं दे,, सकती वह एकदम से पीछे हो गया,, और उसने अपने दोनों हाथ जमीन पर रखे,, और लक्ष्मी की तरफ देखने लगा ,,जैसे केहे रहा हो यह सच नहीं है,ना बुआ आप झूठ बोल रही है, ना, मुझसे ,,,,



लक्ष्मी संदीप को ऐसे देखकर रोते हुए बोली मैं सच कह रही हूं, बेटा ,,नीर के पापा ने मन कर दिया,, यह सुनकर संदीप की आंखों में आंसू बहने लगे,, आर्यन ने जब संदीप को ऐसे देखा तो जल्दी से उसके पास आकर उसके कंधों पर हाथ रखकर रखने की कोशिश की,, लेकिन संदीप ने उसको हाथ दिखाकर मना कर दिया,, और वहां से खड़ा हुआ,,,,



और फिर कमरे से निकल गया,,आर्यन ने संदीप को एसी हालत में कमरे से बाहर जाते देखा,, तो जल्दी से संदीप के पीछे भागते हुए ,,बोला संदीप मेरी बात सुन तू कहां जा रहा है,, हम बैठकर बात करते हैं ,,लेकिन संदीप ने आर्यन की कोई भी बात नहीं सुनी,, और सीडीओ से नीचे जाने लगा ,,


आर्यन संदीप तू परेशान मत हो मैं हूं ना मै खुद जाकर अंकल से बात करूंगा अगर वह नहीं मानेंगे तो मैं उनके पैर पकड़ लूंगा और कहूंगा कि वह तेरी शादी नीर से कर दे तू बस शांत हो जा ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं है मैं खुद उनके पास जाकर बात करूंगा,,, मैं तुझसे वादा करता हूं ,,तेरी खुशी तुझे दिलवा कर ही रहूंगा,,



पर तू कुछ ऐसा कुछ मत करिए जिससे बाद में पछतावा हो यह बोलते हुए आर्यन और संदीप हाॅल में आ गए थे ,,,संदीप आर्यन की बात सुनकर रोक लगा और आंखों में आंसू लेकर आर्यन की तरफ पलट कर बोला,,, कैसे यार कैसे शांत हो जाऊं जबकि मेरी जिंदगी मेरी नहीं हो सकती ,,,नहीं रेह सकता मैं उसके बगैर,,, तो कैसे शांत हो जाऊं ,,,अपने सीने पर हाथ रखकर मुझे बहुत तकलीफ हो रही है),, यार बहुत तकलीफ ,,,




आर्यन और संदीप की आवाज सुनकर पूरी फैमिली हाॅल में इकट्ठा हो गई थी,, जब घर वालों ने संदीप की आंखों में आंसू देखे तो तो सब परेशान हो गए,, पूजा जल्दी घबराकर संदीप के पास आई,, और उसके गाल पर हाथ रखकर बोली संदीप तुम्हें क्या हुआ है,, तुम रो क्यों रहे हो कहीं चोट लगी है ,,मुझे बताओ क्या हुआ है,, बेटा क्यों तुम्हारी आंखों में आंसू है,, संदीप पूजा की बात सुनकर उनके हाथ पर अपना हाथ रखा,, और मासूमियत से बोल ,,,मां मुझे बहुत तकलीफ हो रही है ,, मुझे नीर चाहिए मैं उससे बहुत प्यार करता हूं,, मां ,,बहुत प्यार यह बोलते हुए,,,,,,,,( संदीप बहुत मासूम लग रहा था,,,) पूजा ने जैसे ही संदीप की बात सुनी ,,तो वो संदीप से दो कदम दूर हट गई,,,,


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To be,,,,,,,,continue ,,,,रेटिंग कमेंट देना ना भोलिए 👍🙏