The Author RashmiTrivedi Follow Current Read धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 21 By RashmiTrivedi Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books THE MIRROR KEEPER The village library stood like a quiet guardian in the heart... Predicament of a Girl - 13 Predicament of a Girl A romantic and sentimental thriller Ko... HAPPINESS - 104 Keep erasing hatred from hearts in the universe. Keep... Love at First Slight - 28 The Grand Event at Marina Bay SandsThe night was alive with... The Village Girl and Marriage - 2 Diya had only seen the world of books; she had not witnessed... 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"पता है मैं क्या सोच रही थी,काश उस समय कोई सीसीटीवी कैमरा लगा होता विला में तो पुलिस भी दो मिनिट में सॉल्व कर लेती इस केस को लेकिन यह ग्यारह साल पहले की बात है।", जेनेट ने कहा। उसकी बात सुन शिवाय ने कहा,"माना कि यह थोड़ा मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है। मैं अपने डैड से भी इस केस के बारे में बात करूँगा, हो सकता है वह इसके बारे में कुछ जानते हो!" "वैसे एक और बात मेरे दिमाग़ में घूम रही है मगर मैं डरती हूँ कही क्रिस्टीना की आत्मा सुन लेगी तो बुरा मान जाएगी।", जेनेट ने सबकी ओर देख कहा। "कौनसी बात?", वेनेसा ने पूछा। "जॉन अंकल ने कहा कि क्रिस्टीना की मॉम यानी जेनी आँटी चाहकर भी यह विला बेचने का सोच नहीं सकती थी क्यूँकि यह विला क्रिस्टीना के नाम था। मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि आजकल लोग प्रॉपर्टी के लिए भी किसी की भी जान ले सकते हैं! चाहें वो आपकी बेटी भी क्यूँ न हो!...तो... और फिर तुमने सुना नहीं.. क्रिस्टीना के ग़ायब होने के बाद जेनी आँटी ख़ुद भी इस विला में रहने से डरती थी। कहीं और जाकर रहने की क्या वजह हो सकती है?", जेनेट ने अपने म की बात कहीं। क्रिस ने उससे कहा," जेनेट,मैं तुम्हारी बात को समझ रहा हूँ। मौक़ा मिलते ही मैं क्रिस्टीना से इस बारे में बात करूँगा।" इस तरह वो लोग बातें करते हुए पैराडाइस विला पहुँचे। तभी अतुल ने कहा," यार, आज तो ऐसे ही पूरा दिन निकल गया। देखो शाम भी हो गई। मुझे तो बहुत तेज़ भूक लगी है। अब हमें घर चलना चाहिए बाकी की इन्वेस्टिगेशन कल हो जाएगी।" उसकी बात सुन क्रिस ने कहा,"डोंट वरी फ़्रेंड्स! पहले सब लोग अंदर चलो। मैंने अशोक अंकल से कह दिया था,खाना रेडी ही होगा। अब तुम लोग डिनर कर के ही घर जाना।" "थैंक्स यार,इतनी भूक लगी है कि मैं तो घर तक भी नहीं जा पाऊँगा। उसके पहले ही बेहोश हो जाऊँगा!",शिवाय ने मज़ाक में कहा। "ओह, चालू हो गई इसकी ओवरएक्टिंग!",जेनेट ने उसकी टांग खींचते हुए कहा। तभी वेनेसा ने सबकी ध्यान अपनी ओर करते हुए कहा," गाइज, यह सब तो ठीक है मगर क्या किसी को होश है कि कल क्रिसमस ईव है। तुम लोगों को पता है न,हर साल 24 दिसंबर की शाम मेरा मेरे परिवार के साथ होना कितना कंपल्सरी होता है। इस फ़ैमिली गैदरिंग पार्टी को मैं टाल नहीं सकती। फिर मेरी मॉम ने इस बार की पार्टी की बहुत सी तैयारियाँ की हैं। इस बार बाहर के कुछ फ़्रेंड्स भी आएंगे घर पर! कल तो मेरा तुम लोगों से मिलना मुश्किल है!" "कल तो ठीक है,वी विल मैनेज लेकिन याद है न क्रिसमस हम सब एकसाथ सेलिब्रेट करेंगे और फिर इस बार तो एक स्पेशल मेहमान भी हमारे साथ है।", क्रिस ने कहा। अतुल ने हैरान होते हुए पूछा,"कौन? किसकी बात कर रहे हो?" क्रिस ने उसकी ओर देख कहा,"कैसे भूल सकते हो तुम लोग? क्रिस्टीना....मैं क्रिस्टीना की बात कर रहा हूँ!" शिवाय ने सब की ओर देखते हुए मज़ाकिया लहजे में कहा,"हाँ हाँ, सही कहा तुमने! वाक़ई में बहुत स्पेशल रहेगा यह और फिर ऐसा क्रिसमस तो पहली बार ही मनेगा,इंसान-आत्मा सब मिलजुलकर गायेंगे,'जिंगल बेल, जिंगल बेल'...." तभी जेनेट ने धीरे से जाकर पीछे से शिवाय के काँधे पर हाथ रखा जिसे महसूस करते ही वह चीख़ उठा,"क्रिस्टीना, आय एम सॉरी यार....मैं तो मज़ाक कर रहा था...हम तो दोस्त बन गए थे न?" उसके चेहरे की हवाईयां उड़ी देख सब लोग ठहाके लगाते हुए विला की ओर बढ़ने लगे। शिवाय को यह समझने में दो मिनिट लगे कि जेनेट ने उसके साथ मज़ाक किया था। सबको अंदर जाता देख वो भी विला के अंदर चला गया। यूँ ही हँसी मज़ाक करते हुए सब लोग विला के अंदर पहुँचे। क्रिस के कहने पर जल्द ही सबके लिए खाने का इंतजाम किया गया। थोड़ी ही देर में सब लोग डाइनिंग टेबल पर खाने का लुफ़्त उठाने लगे। सभी के जिद करने पर अशोक भी उन सबके साथ खाना बैठ गया था। "अशोक अंकल, ग्रैनी की कोई ख़बर?",क्रिस ने पूछा। "क्रिसबाबा,मैं आपसे उसी बारे में करनेवाला था। मैडम से बात हुई थी, वो दो दिन बाद गोवा लौटेंगी। लेकिन उन्होंने इस बात का अफ़सोस जताया हैं कि वह आपके साथ इस बार क्रिसमस नहीं मना पाएंगी!", अशोक ने जवाब दिया। क्रिस ने कहा,"ग्रैनी ऐसी ही हैं,उनके लिए काम सबसे ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट है।" ऐसे ही खाना खाते हुए उन सबकी बातें चल रही थी। तभी अचानक क्रिस के गले में कुछ अटक सा गया और वह ज़ोर ज़ोर से खाँसने लगा। उसे परेशानी में देख वेनेसा अपनी जगह से उठी और पानी का गिलास उसे देते हुए पूछने लगी,"क्या हुआ क्रिस? आरामसे...लो पानी पी लो!",फिर धीरे से उसकी पीठ पर हाथ घूमाते हुए उसने आगे पूछा,"आर यू ऑलराइट नाउ?" "हाँ वेनेसा मैं ठीक हूँ। तुम खाने पर से क्यूँ उठ गई? आय एम फाइन नाउ...तुम फ़िक्र मत करो।" उन दोनों को यूँ एक साथ देख शिवाय ने अपने ही अंदाज़ में जेनेट से पूछा,"यह वेनेसा आजकल क्रिस का कुछ ज़्यादा ही ख़याल रख रही है। आख़िर बात क्या है? तुम्हें तो पता ही होगा,तुम तो वेनेसा के यहाँ ही पड़ी रहती हो आधे से ज़्यादा टाइम!" जेनेट ने टेबल के नीचे से अपने पांव से शिवाय के पांव को एक झटका सा दिया और कहा,"मैं कहीं भी पड़ी रही हूँ,तुम्हें इससे क्या? और उन दोनों के बीच क्या बात है,यह तुम ख़ुद ही क्यूँ नहीं पूछ लेते!" क्रमशः ... रश्मि त्रिवेदी ‹ Previous Chapterधुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 20 › Next Chapter धुंध: द फॉग - एक हॉरर लवस्टोरी - 22 Download Our App