Rishto ki Kashmkash - 4 in Hindi Women Focused by Naaz Zehra books and stories PDF | रिश्तो की कश्मकश - 4

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रिश्तो की कश्मकश - 4



अब आगे

शान ने मीत के कान छोड़ें ,,और बोला,, औ,, नौटंकी अपना ड्रामा बंद कर चल भाभी थक गई होगी,, जा‌ ,,रूम में लेकर जा ,,,मीत ने हां में सिर हिलाया और साक्षी के पास आई,,, जो मुंह पर हाथ रख कर हंस रही थी,,, और बोली चलिए भाभी आप रूम में आराम कर लीजिए वरना भाई मुझे कभी आराम करने नहीं देंगे,, चलिए यह कहकर वो साक्षी को कमरे में ले गई,,,

मीत खुराना

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यह ,,पूजा जी की छोटी,, बेटी,, यह अजय से छोटी है और बहुत शरारती भी अगर यह एक दिन भी शरारत ना करें ,,,इनका खाना हजम नहीं होता,,, और लड़ाकू भी बहुत है हर किसी से लड़ जाती हैं चाहे वो सही हो या गलत,,,





शालिनी और राजेंद्र मीत की बात सुनकर मुस्कुरा दिए इतने में उनके पास उनका समसे छोटा बेटा वीर,, आया और बोला मां मैं और भाई ने सारा सामान रख दिया है,,, अब मैं थक गया हूं सोने जा रहा हूं मनीष हां ठीक है जाओ ,,और तुम्हारे दोनों भाई कहां है और बहन ,,,पापा वह तीनों बाहर हैं आते ही होंगे मैं थक गया हूं,,, मैं जा रहा हूं मुझे अब कुछ मत पूछो यह कहकर वो चला गया,,,




यह है वीर मनीष जी के सबसे छोटे बेटे ,,,,यह भी बहुत शरारती हैं बिल्कुल अपनी बहन की तरह लेकिन उतने ही मासूम,,,

वीर खुराना

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जैसे ही वीर जाने को हुआ इतने में ,,संदीप,,, अजय,, और आलिया ,,,उनके पास आए,, और संदीप बोल पापा सारा काम हो गया है ,,जो सामान भाभी के घर से आया था,, वो भी मैं रख दिया है,, अब जो होगा सुबह को देखा जाएगा,, अभी सब थक गए हैं तो जाकर आराम कर ले ,,और शान ,,की तरफ देखकर बोला आप भी अपने रूम में जाओ भाभी इंतजार कर रही होंगी ,,,शान ने हां में सिर हिलाया और वहां से चला गया ,,,,




जैसे ही,,, शान अपने रूम में जाने को हुआ इतने में उसकी दोनों बहने आके दरवाजे पर खड़ी हो ,,,गई और बोली ऐसे कैसे आप अंदर जा सकते हैं,,, पहले हमारा नेक दीजिए जब आपके रूम में जाने की इजाजत मिलेगी ,,,वरना आज रात बाहर ही सोने को मिलेगा,,,


शान,, अपने कमर पर हाथ रखकर बोला ,,अरे भाई तुम दोनों कहां से आ गई जाऊं बहुत रात हो गई,, अपने रूम में सो जाऊं,,,तुम्हें पता नहीं है मैं कितना थक गया हूं ,,,और तुम दोनों हो मेरा रास्ता रोक कर बैठी हो,,, आलिया नहीं हम अपने रूम मे नही जाएगे ,,, जब तक आप हम दोनों को नेक नहीं दे देते,,,


ऐसे कैसे पहले हमारा नेक दीजिए जब जाइए अंदर आप थक गए हैं ,,,तो हम भी तो थक गए हैं,, हमें भी सोने जाना है जल्दी से हमारा नेक दीजिए,,, ज्यादा समय नहीं है,,, हमारे पास,,, शान अरे भाई सुबह सुबह को ले लियो अभी मुझे जाने दो ,,,साक्षी मेरा इंतजार कर रही होगी ,,




आलिया,, ने मीत की तरफ देखा,, और मुस्कुरा कर बोली तो करने दीजिए हमें फर्क नहीं पड़ता ,,,जब तक आप हमें हमारे पैसे नहीं दे देते थे,,, तब तक आप अंदर नहीं जा सकते,,, शान तुम मुझे अंदर जाने नहीं दोगी ,,आलिया और मीत ने अपनी कमर पर हाथ रखे और ना में सर हिला दिया,,,



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To be,,,,,,,continue