Rishto ki Kashmkash - 2 in Hindi Women Focused by Naaz Zehra books and stories PDF | रिश्तो की कश्मकश - 2

Featured Books
  • નિર્દોષ - 2

    ​અધ્યાય ૩: શંકાનું બીજ અને બુદ્ધિનો અજવાળ​૩.૧. તર્કની લડાઈ​ઇ...

  • સૂર્યકવચ

    ​સૂર્યકવચ: કેદીનું સત્ય – તપાસનો નાટ્યાત્મક વળાંક​પ્રકરણ ૧:...

  • ટેલિપોર્ટેશન - 1

    ટેલિપોર્ટેશન: પહેલું સંકટ​આરવની ગાથા (Aarav Ni Gatha)​પાત્ર...

  • એકાંત - 56

    કુલદીપ અને ગીતા એમનાં ઘરેથી ભાગી ગયાં હતાં. ગીતાનાં પપ્પાએ એ...

  • MH 370- 23

    23. દરિયાઈ વંટોળમાંફરીથી કોઈ સીટી વાગી અને હવે તો કેટલાંયે સ...

Categories
Share

रिश्तो की कश्मकश - 2



अब आगे



आपसे यह सब करने को लेकिन आपने फिर भी आपने इतनी अच्छी तैयारी करी,,, उसी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं,,, लेकिन आप को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है सब सही है किसी चीज की कमी नहीं है,,, राजेंद्र मनीष की बात सुनकर मुस्कुराए और बोले मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो आप जैसा समधी मिले हैं,,, बहुत से समधी ,,यह चाहते हैं लड़की के घर से जितना ज्यादा मिलें उतना अच्छा है ,,


और एक आप है जो यह कह रहे हैं आपने क्यों करवा लिया इतना सब कुछ,,, मैं भगवान का बहुत शुक्रगुजार हूं जो मेरी बेटी को आप जैसा परिवार मिला,,, मुझे आप अपनी बेटी की टेंशन नहीं है कि मेरी बेटी आपके घर जाकर कोई परेशानी में रहेंगी,,,मनीष जी हां इस बात से बेफिक्र रही है आपकी बेटी को कोई परेशानी नहीं होने दूंगा,,, क्योंकि वो मेरी बहु नहीं बेटी है,,, राजेंद्र मनीष की बात सुनकर मुस्कुरा दिये ,,,




राजेंद्र वैसे आपके बाकी बेटा बेटी कहां है,,, मनीष दोनों लड़कियां तो सीधा अपनी भाभी के पास गई होगी ,,,,और लड़के यही कही होंगे ,,राजेंद्र अच्छा और वैसे संदीप,, संदीप को नहीं देखा वो कहां है पहले भी उससे मुलाकात नहीं हुई थी। ,,,मनीष पीछे इशारा करते हुए बोले वो देखो वो बैठा है संदीप,,, राजेंद्र ने पीछे मुड़कर देखा जहां मनीष ने इशारा किया था,,, वहां पर एक लड़का सोफे पर बैठा मुस्कुराते हुए किसी से बात कर रहा था,,,




(संदीप खुराना,,, हमारी कहानी के हीरो ,,वैसे तो यह ज्यादातर खडूस रहते हैं लेकिन आज इनके भाई की शादी है इसलिए इतनी खुश है,,,)


**************************************

मनीष,,, वैसे मेरे बच्चों के बारे में पूछ लिया आप बताओ आपकी बेटियों कहां है,,, कोई दिख नहीं रही है मेरी राजेंद्र बेटियां अपनी बहन के पास ही हैं ,,,और इधर-उधर देखते हुए नीर अभी तो यही थी आपको तो पता है ,,,ना शादी वाले घर में बच्चे कहां एक जगह रुकते हैं ,,,कहीं इधर-उधर घूम रहे होंगे ,,,मनीष हां यह तो है मेरा ही बाकी के बच्चे नहीं दिख रहे है ,,,,


इतने में उन दोनों के पास,,, पूजा और शालिनी पास आई और बोली मूरत का टाइम हो रहा है,,, जल्दी करो अगर आप दोनों बातें करते रहेंगे तो शादी कब होगी,,, मनीष ,, हां हां आ रहे हैं मैं अभी दूल्हे राजा को बुलवाता हूं,,, मनीष ने संदीप को अपने पास बुलाया संदीप क्या हुआ बाबा कुछ काम है,,, मनीष हां संदीप जाकर अपने भाई को बुला लो मूरत का टाइम हो गया है ,,ठीक है यह कहकर संदीप वहां से चला गया,,,



थोड़ी देर बाद

**************************************


संदीप अपने भाई को लेकर आया और मंडप में बैठा दिया,,,



( शान खुराना,,)


संदीप के बड़े भाई,, आज इनकी शादी है


*************************************************


पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे ,,

थोड़ी देर बाद


उन्होंने दुल्हन को बुलाने को कहा ,,,राजेंद्र ने सोनाली की तरफ देखा और बोले जाइए जाकर बेटी को बुला लाइए,,, सुनौली ने हां में सर हिलाया और दुल्हन को बुलाने चली गई,,,

सोनाली दुल्हन को लेकर आई और मंडप में बैठा दिया पंडित जी ने मंत्र पढ़ना शुरू किया,,,


To be ,,,,,,,,,continue