Ishq da Mara - 10 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 10

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इश्क दा मारा - 10

अपनी भाभी की बाते सुनकर गीतिका बोलती है, "भाभी आप क्यो मेरे लिए इतना परेशान होती हैं सुबह से शाम तक, अब मैं खुद देख लूंगी की मेरा फायदा किसमे हैं और किस में नही, आप बस अपने फायदे पर ध्यान दीजिए"।

तब गीतिका की भाभी बोलती है, "आज कल तुम्हारी जबान कुछ ज्यादा ही नहीं चलने लगीं है ?????

तब गीतिका बोलती है, "मुझे ना ज्यादा बोलने का कोई शौक नही है मगर क्या करु मजबूरी है, बोलना पड़ता है, और आप जाइए आराम से सो जाइए, क्यो मेरी वजह से अपनी निंद खराब कर रही है "।

उसके बाद गीतिका की भाभी गुस्से में चली जाती है।

उधर यश शादी करके घर आ जाता हैं और उसका और उसकी बीवी का स्वागत होता है।

तभी यूवी को कोई जरूरी काम से कॉल आ जाती है और वो जल्दी से घर से चला जाता हैं।

यश चुप चाप अपने कमरे मे बैठा रहता है तभी अनु बोलती है, "क्या हुआ आप इतने परेशान क्यो लग रहे हैं कोई परेशानी है क्या "।

तब यश बोलता है, "नही ऐसी कोई बात नहीं है, वो बस मेरे सर में दर्द हो रहा है "।

तब अनु बोलती है, "अच्छा ठीक है मैं आपका सर दबा देती हूं "।

तब यश बोलता है, "नही नही तुम आराम करो, मैं भी थोडा सा सो जाता हूं "।

सुबह होती है...........

यश की मां यश के पापा से बोलती है, "रात से सुबह हो गई है, मगर अभी तक इस लड़के का कोई अता पता नहीं है "।

तब युवी के पापा बोलते हैं, "तुम इतना डर क्यों रही हो, वो कोई लड़की नहीं है, वो तो शेर है शेर "।

तब यूवी की मां बोलती है, "यही बोल बोल कर तो मेरे बेटे को बिगाड़ रखा है आपने"।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "अब तुम सुबह सुबह फिर से शुरू मत हो जाना, वैसे भी मेरा मूड बहुत ही अच्छा है, कल इतना सारा दहेज और पैसा और ज़मीन जो मिली है"।

ये बाते सुन कर यूवी की मां वहा से चली जाती है।

उधर गीतिका नाश्ता कर रही होती है। तभी उसके डैड बोलते हैं, "बेटा मैं देख रहा हूं कि जिस समय से मेने तुम्हारी शादी की बात की है, उस लड़की से तुम कुछ अजीब सा बिहेव कर रही हो"।

तब गितिका बोलती है, "जब आप जानते ही हैं की में अभी पढ़ना चाहती हूं शादी नही करना चाहती हूं तो फिर आप मेरी जबरदस्ती शादी क्यो कर रहे हैं"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "अब क्या हम पूरी ज़िंदगी तुम्हे घर में बैठा कर पढ़ाते रहे, इतना तो पढ़ा लिखा दिया है"।

तब गितिका बोलती है, "मगर मुझे और पढ़ना है"।

तब गीतिका की मॉम बोलती है, "तुम चाहें जो भी कर लो, शादी तो तुम्हारी हो कर रहेंगी अब, बहुत हो चुके तुम्हारे ड्रामे "।

ये सुनते ही गीतिका को गुस्सा आ जाता हैं और वो उठ कर कॉलेज के लिए चली जाती है।

तब गीतिका की मॉम उसके डैड से बोलती है, "देख रहे हैं आप इस लड़की की बदतमीजी "।

उसके डैड कुछ भी नही बोलते है, बस चुप चाप बैठे रहते हैं।

गीतिका कॉलेज जा रही होती है तभी राजीव अचानक से उसकी कार के आगे खड़ा हो जाता हैं। ये देख कर गीतिका को बहुत ही गुस्सा आ जाता हैं और वो बोलती है, "लगता हैं इसे मुझ से थप्पड़ ही खाना है, तभी ये ऐसी हरकतें कर रहा है"।

तब काका बोलते हैं, "नही नही बेटा, ऐसी गलती मत करना, तुम जानती नही हो इसे "।

तब गीतिका बोलती है, "काका ये मुझे नही जानता है"।

उसके बाद गितिका कार से उतरती हैं और जा कर बोलती है, "तुम्हारा बहुत ही मन कर रहा है मुझ से थप्पड़ खाने का जो मेरे बोलने के बाद आज फिर मेरी कार के सामने आ कर खडे हो गय"।

तभी राजीव बोलता है, "तुम लगता है मुझे जानती नही हो की मै कोन हू "।

उसके बाद राजीव गीतिका का हाथ पकड़ कर उसे जबरदस्ती ले जा रहा होता है। तभी वहा पर यूवी आ जाता हैं और सब देख रहा होता है और वो आ कर राजीव के आगे खड़ा हो जाता हैं.........................