Mafiya o ki duniya me innocent girl - 5 in Hindi Drama by Mickey The Writer books and stories PDF | माफियाओं की दुनिया में इनोसेंट गर्ल - 5 - रिंदाश खन्ना

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माफियाओं की दुनिया में इनोसेंट गर्ल - 5 - रिंदाश खन्ना




यह कह कर वो तीनो पार्किंग की तरफ बढ़ जाते हैं और कार में बैठ कर दिल्ली जंक्शन के लिए निकल जाते है





सिंघानिया इंडस्ट्रीज
शाम 7 बजे





वियाँश अपने केबिन में बैठा लैपटॉप पर काम कर रहा था जिसमें वह बहुत ही अट्रैक्टिव लग रहा था उसका केबिन बहुत ही लग्जरियस था जिसमें बहुत ही महंगे ब्रांड के सामान रखे हुए थे महंगी महंगी पेंटिंग्स दीवारों पर लगी हुई थी एक तरफ एक तरफ सोफे लगे हुए थे और उसी के सामने वियांश की टेबल लगी हुई थी जिस पर बैठकर वह काम कर रहा था वह बहुत ही महंगी और ब्रांडेड थी।





वियाँश अपने काम में लगा हुआ था तभी गेट नॉक होता है। तो अंदर आने की परमिशन दे देता है





वियाँश:– कमिंग।





वियाँश अपने काम में लगा हुआ था तभी एक 25 साल का हैंडसम एंड चार्मिंग लड़का केबिन में अंदर आता है काली गहरी आंखें, गहरे गुलाबी हॉट, गोरा रंग ,v शेप फेस, हल्की बर्ड,लॉन्ग हेयर, दिखने में वह लड़का 6 फीट का लग रहा था चौड़ा सीना 6 पैक्स जो उसे और भी अट्रैक्टिव बना रहे थे।





उसने अभी वाइन कलर का 2 पीस सूट पहना हुआ था और ब्लैक कलर के सूट शूज पहने हुए थे उसने अपने एक हाथ को अपनी पेंट की जेब में डाला हुआ था और उसका हाई लेवल एटीट्यूड जो उसे और भी खास बना रहा था।








उस लड़के को देख कर वियांश उसे इग्नोर मार कर अपने काम में लग जाता है जिससे वो लड़का चिढ़ जाता वो लड़का वो लड़का चिढ़ते हुए वियांश से बोलता है :– ओ खडूस इंसान माना की तेरा चेहरा ही ऐसा है जो तुझे और भी खडूस दिखाता है मगर इसका मतलब हरगिज ये नही है की तू और खडूस बन कर मुझे इग्नोर करे।







वियाँश उस लड़के को घूर कर देखते हुए कहता है :– अच्छा।




लड़का :– yes क्योंकि आज तक किसी ने रिंदाश खन्ना को इग्नोर करने की हिम्मत नही की ( नौटंकी करते हुए) लेकिन तू हमेशा मुझे इग्नोर करता है। तू अपने भाई जैसे दोस्त को कुछ नही समझता है वियांश i hate you... i hate you।





वियाँश :– हो गया तेरा।





रिंदाश :– नही हुआ अभी तो बहुत कुछ बाकी हे लेकिन फिर भी तेरे लिए मैं चुप हो जाऊंगा लेकिन उससे भी पहले तेरे लिए एक मसालेदार खबर है।






वियाँश इरिटेड होकर :– अब बोल भी ज्यादा सस्पेंस रखने की जरूरत नहीं है।





रिंदाश :– लवकुश के कुछ आदमियों को दिल्ली जंक्शन में देखा गया है हो सकता है वो लवकुश हमे वही मिल जाए क्या कहता है।






वियाँश उठ कर अपना कोट पहनते हुए ;– कहना कुछ नही है बस निकल वरना वो लवकुश हाथ से निकल जायेगा इतने सालो से में उसे ढूंढ कर पागल हो चुका हू मैं उसे आज हाथ से नही जाने दूंगा।






रिंदाश :– चल फिर जल्दी मैं एक काम करता हु वहां पर कुछ गार्ड्स को भेज देता हु मगर हम उस लवकुश को पकड़ेंगे कैसे हमने तो उसे कभी देखा ही नहीं।





वियाँश चलते हुए :– उसके गार्ड को तो देखा है ना तो अब जल्दी जल्दी पैर चला।






रिंदाश और वियांश वहां से कार में बैठ कर चले जाते है।





दूसरी तरफ
ट्रेन में





जब से वंशिका ट्रेन में बैठी थी उसे बार बार डब्बे और सीट चेंज करनी पड़ रही थी वो हर स्टेशन पर उतर कर दूसरे डिब्बे में चढ़ रही थी क्योंकि उसने उस आदमी के भेजे गए गार्ड को देख लिया था उनमें कुछ गुंडे भी थे ऐसे ही भागते भागते उसे 6 घंटे हो गए थे और इन 6 घंटो में उसने खाना तो दूर पानी का एक घूंट भी नही पिया था उपर से वो पैसे लाना भी भूल गई थी उसके पास अभी एक फूटी कौड़ी भी नही थी।






वंशिका मन में :– कैसे लोग है यहां मुझ जैसी मासूम सी 19 साल की बच्ची को इस तरह से भगा रहे है इन्हे तो मेरा श्राप लगेगा इन मोटे गेंडो और गेंडे हो जाए और इनकी शादी भी न हो और जिनकी शादी हो उनकी पत्नियां इन्हे मार मार कचूमर बना दे इनके बच्चे भी मेरी तरह शैतान हो मगर मेरी तरह क्यूट न हो। कहां मैं एक पल भूख बर्दास्त नही करती थी कहां इन लोगो ने मुझे एक घूंट पानी भी नही पीने दिया। ये सब वो अपने मन में कहते कहते कई तरह के चेहरे बना रही थी जिसमे वो और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी।
ऐसे ही उसे 25 मिनट भी बीत गए।




तभी एक गार्ड उसको देख कर अपने आस पास खड़े गार्ड को आवाज है :– अरे देखो वो लड़की। वो गार्ड वंशिका की तरफ इशारा करते हुए कहता है जिससे सब उसकी ओर बढ़ने लगते है वंशिका तो डर से अपनी आंखें बन्द कर लेती है घबराहट से उसका पूरा चेहरा पसिनो से भीग जाता है .................,..



वंशिका को पूरे 6:25 हो गए थे मगर उसके दिल्ली जंक्शन में उतरने से पहले ही एक गार्ड देख लेता है वो वंशिका की तरफ देख कहता है:– अरे देखो वो लड़की। वो गार्ड वंशिका की तरफ इशारा करते हुए कहता है जिससे सब उसकी ओर बढ़ने लगते है वंशिका तो डर से अपनी आंखें बन्द कर लेती है घबराहट से उसका पूरा चेहरा पसिनो से भीग जाता है।






तभी ट्रेन के रुकने की आवाज आती है जिससे वंशिका जल्दी से अपनी आंखें खोलती है तो वो देखती है की ट्रेन दिल्ली जंक्शन पर ही चल रही थी फिर वो ट्रेन के अंदर देखती है तो वो लोग वंशिका की तरफ ही बढ़ रहे है हालांकि ट्रेन की स्पीड कम थी लेकिन उस टाइम उसे बहुत डर लग रहा था वो फिर से गार्ड्स की तरफ देखती है लेकिन आखिर में वंशिका जल्दी से ट्रेन से बाहर कूद जाती है।




उसे इस तरह कूदता देख गार्ड्स भी ट्रेन में से नीचे उतर कर आते है लेकिन वंशिका उनका उसकी तरफ आता देख भाग जाती हैं गार्डस भी उसके पीछे जाती है। लेकिन तभी वो किसी मजबूत चीज से टकरा जाती हैं वो अपना सर को मसलते हुए देखती है तो वहां कोई आदमी खड़ा था ये देख कर वंशिका डर जाती हैं की कही वो गार्ड तो नही तभी वो अपनी निगाह उठा कर उपर देखती हैं तो वहां वियांश खड़ा हुआ था और उसी को ही देख रहा था.......








Countinue.........

क्या वियांश और वंशिका मिल पाएंगे ..???


ऐसा न किया करो मुझे बहुत दुख होता है आप लोग बिल्कुल भी समीक्षा रेटिंग नही देते ऐसे तो नही चलेंगा ना। प्लीज समीक्षा और रेटिंग दे दिया करो। आज हमारा मन वैसे ही उदास है 😔उसमे और उदासी न भरो🥺।

मुझे फॉलो करना ना भूले😮‍💨।