The Six Sense - 10 in Hindi Thriller by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार books and stories PDF | द सिक्स्थ सेंस... - 10

Featured Books
  • ભાગવત રહસ્ય - 149

    ભાગવત રહસ્ય-૧૪૯   કર્મની નિંદા ભાગવતમાં નથી. પણ સકામ કર્મની...

  • નિતુ - પ્રકરણ 64

    નિતુ : ૬૪(નવીન)નિતુ મનોમન સહજ ખુશ હતી, કારણ કે તેનો એક ડર ઓછ...

  • સંઘર્ષ - પ્રકરણ 20

    સિંહાસન સિરીઝ સિદ્ધાર્થ છાયા Disclaimer: સિંહાસન સિરીઝની તમા...

  • પિતા

    માઁ આપણને જન્મ આપે છે,આપણુ જતન કરે છે,પરિવાર નું ધ્યાન રાખે...

  • રહસ્ય,રહસ્ય અને રહસ્ય

    આપણને હંમેશા રહસ્ય ગમતું હોય છે કારણકે તેમાં એવું તત્વ હોય છ...

Categories
Share

द सिक्स्थ सेंस... - 10

मुंबई के वरसोवा थाने के इंस्पेक्टर मिलिंद के कॉल और वॉट्सएप पर आये अशोक और मधु वर्धन के मोबाइल की कॉल लिस्ट को देखने के बाद अब इंस्पेक्टर उदय के सामने एक बात तो साफ थी कि 90% चांसेज ऐसे हैं जो इशारा कर रहे हैं कि हो ना हो सुहासी के मां बाप ही राजवीर की इस हालत के जिम्मेदार हैं और ये कांड करवाने के बाद जब उन्हें पता चला होगा कि राजवीर मरा नहीं है बल्कि जिंदा है और कोमा में है तो इसीलिये उसके होश में आने से पहले ही वो लोग ये देश छोड़कर चले गये ताकि उन्हें कोई पकड़ ना सके लेकिन एक सवाल और था जो उदय को परेशान कर रहा था और वो ये कि सुहासी ने अमेरिका में अचानक से जॉब क्यों छोड़ी और छोड़ने के बाद कंपनी को इन्फॉर्म क्यों नहीं किया?

इंस्पेक्टर मिलिंद से मिली जानकारी के बाद अब इस केस को आगे बढ़ाने की सारी जिम्मेदारी इंस्पेक्टर उदय की थी जिसमें अब वो बिल्कुल भी देर नहीं करना चाहता था, उसने मुंबई में सुहासी के घर से और इंस्पेक्टर मिलिंद से मिली जानकारी को आधार बना कर इस केस के आगे की जांच तेजी से शुरू कर दी|
जब उदय को पता चला था कि सुहासी के मां बाप अशोक और मधु वर्धन के मोबाइल की लास्ट लोकेशन दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के पास की थी तो उसने सबसे पहले ये पता लगाना शुरू किया कि क्या वाकई वो लोग वहां के बाद देश से बाहर चले गये हैं या कोई और माजरा है, इसी के चलते जब उसने उड्डयन मंत्रालय में अर्जी लगायी तो जो रिपोर्ट वहां से आयी उससे पता चला कि मिलिंद और उसका... दोनों का शक बिल्कुल सही था!! तीन महीने पहले जिस दिन अशोक और मधु का फोन ऑफ हुआ था उनका उसी दिन का कनाडा का टिकट बुक था यानि वो लोग सच में ये देश छोड़ कर भाग चुके थे!!
अब उदय के सामने वैसे तो काफी चीजें क्लियर थीं लेकिन एक सवाल अभी बाकि रह गया था और वो ये कि जब सुहासी अमेरिका में है तो फिर उसके मां बाप कनाडा क्यों गये.. अमेरिका क्यों नहीं?? इसका एक मतलब ये भी निकल रहा था कि अचानक से बिना रिजाइन किये और बिना किसी को बताये सुहासी भी अपनी जॉब छोड़कर कनाडा चली गयी होगी और ये बात पता करने के लिये इंस्पेक्टर उदय ने एक बार फिर से विदेश मंत्रालय का रुख किया ताकि कम से कम ये कंफर्म हो सके कि इस पूरे प्रकरण में सुहासी भी गुनहगार है और वो भी अपने मां बाप के साथ ही अब कनाडा में है और अगर ऐसा है तो ये केस अब सॉल्व नहीं होने वाला क्योंकि भारत सरकार की कनाडा के साथ प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है जो इन लोगों को कनाडा की पुलिस गिरफ्तार करके भारत को सौंप दे..!!

उदय जानता था कि अब वर्धन परिवार को गिरफ्तार करना दूर की कौड़ी साबित होने वाला था लेकिन वो ये जानना चाहता था कि राजवीर को मारने के पीछे वर्धन परिवार का आखिरकार मोटिव क्या था? इधर राजवीर को भी होश नहीं आ रहा था उधर दूसरी तरफ से भी केस फिर से हाथ से निकलता जा रहा था इस बार फिर इस केस की जांच एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे हट गयी थी लेकिन इसी बीच विदेश मंत्रालय से जो रिपोर्ट आयी वो बेहद चौंकाने वाली थी उस रिपोर्ट में लिखा था कि "सुहासी वर्धन लगभग पांच महीने पहले अमेरिका से नई दिल्ली आयी थी और तब से वो यहीं इंडिया में ही है उसके वापस जाने की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है..!!"

चूंकि विदेश मंत्रालय के पास भारत से बाहर जाने और वापस आने वाले हर नागरिक की पूरी जानकारी होती है इसलिये वहां से आयी ये रिपोर्ट इस बात का एक बहुत बड़ा सबूत थी कि सुहासी वर्धन इंडिया में ही है!!

भले ही उदय को ये साफ था कि सुहासी इंडिया में है लेकिन इस केस में अभी तक जितनी भी चीजें खुलकर सामने आयी थीं वो एक और अनसुलझा सवाल अपने साथ लेकर आ रही थीं और हर बात की तरह ये बात भी अपने साथ कई सवाल लेकर आयी थी और वो ये कि "पहला सवाल - अगर सुहासी इंडिया आयी थी तो वो दिल्ली क्यों आयी मुंबई क्यों नहीं, दूसरा सवाल- उसके इंडिया आने के दो महीने बाद उसके मां बाप दिल्ली क्यों आये उससे पहले क्यों नहीं, तीसरा और सबसे जादा परेशान करने वाला सवाल- जब सुहासी इंडिया में है तो अशोक और मधु वर्घन कनाडा क्यों गये और वो भी इस तरह से... चुपचाप!! "

क्रमशः