The Six Sense - 8 in Hindi Thriller by रितेश एम. भटनागर... शब्दकार books and stories PDF | द सिक्स्थ सेंस... - 8

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द सिक्स्थ सेंस... - 8

सुहासी के घर जाकर भी जब उसके और उसके परिवार के बारे में इंस्पेक्टर उदय को कुछ पता नहीं चला तब उसका दिमाग जैसे शून्य सा हो गया, उसके दिमाग में अब सबसे बड़ा सवाल था कि "अब क्या??"

उसने सुहासी के पड़ोसियों से पूछताछ करके ये जानने की भी कोशिश करी कि उसका कोई रिश्तेदार ऐसा हो जिससे बात करके कुछ अंदाजा लगाया जा सके कि सुहासी और उसका परिवार कहां है लेकिन वहां भी उसके हाथ कुछ नहीं लगा, जब सुहासी के पड़ोसियों से हर तरह से पूछताछ करने के बाद भी उदय के हाथ कोई सबूत नहीं लगा तो उसकी समझ में इतना तो आने ही लगा था कि कोई बड़ी बात नहीं है कि इस परिवार के साथ कोई बड़ा हादसा हो गया हो या कहीं ऐसा तो नहीं है कि अमीर बाप का एकलौता बेटा राजवीर ही सुहासी के साथ हुये किसी अपराध के पीछे हो और इसी वजह से उसके ऊपर हमला सुहासी के परिवार के ही किसी सदस्य ने किया हो या भाड़े के गुंडो को राजवीर की सुपारी दी हो और वो लोग यमुना पुल पर राजवीर को मरा समझ कर वहां से चले गये हों और इसके बाद सुहासी अपने मां बाप के साथ आनन फानन में ये देश छोड़कर भाग गयी हो और राजवीर ये बात जानता हो कि उस पर हमला सुहासी ने ही करवाया है इसीलिये वो कोमा में होने के बाद भी उसका नाम ले रहा हो ताकि ये बता सके कि उसकी इस हालत की जिम्मेदार सुहासी है और हम लोग प्यार के एंगल में जांच कर रहे हों..!!

इंस्पेक्टर उदय इस केस को सॉल्व करने के लिये जितना जादा इसके अंदर जा रहा था उतनी जादा पर्तें और खुलती जा रही थीं लेकिन फिर भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है!!

जब उदय को सुहासी के घर से भी कोई सुराग नहीं मिला तो वो अपनी टीम के साथ मुंबई के उस वरसोवा इलाके जिसमें सुहासी का घर था के पुलिस स्टेशन चला गया, वरसोवा थाने में जाकर उसकी मुलाकात उस थाने के सीनियर इंस्पेक्टर मिलिंद देशपांडे से हुयी, मिलिंद देशपांडे से मिलकर इंस्पेक्टर उदय ने अपना परिचय देते हुये उससे कहा- Hello Mr. Deshpande, i am senior Inspector Uday, crime branch Delhi police..!!

उदय का परिचय सुनकर मिलिंद ने भी बड़े अच्छे तरीके से उसका वेलकम किया और अपना परिचय देते हुये कहा- Hello Mr. Uday!! I am senior inspector Milind Deshpande!!

इसके बाद दोनों ने हाथ मिलाया और अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठ गये, कुर्सी पर बैठने के बाद जब मिलिंद ने उदय से उसके मुंबई वरसोवा थाने आने का कारण पूछा तो उदय ने राजवीर केस से जुड़ी सारी बातें एक एक करके उसे बता दीं और अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये उसने कहा -..... और बस उस लड़की सुहासी को ढूंढते हुये मैं उसके घर के एड्रेस पर आया तो यहां पता चला कि उसके मां बाप करीब तीन साढ़े तीन महीने पहले पड़ोस में रहने वाले परिवार से दिल्ली जाने का कहकर निकले थे उसके बाद से वापस ही नहीं आये और उनका फोन भी लगातार बंद आ रहा है|

उदय की सारी बातें सुनने के बाद मिलिंद ने गहरी सांस छोड़ते हुये कहा- हम्म् ये केस तो काफी उलझा हुआ लग रहा है, इस केस में कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा है और उस लड़की सुहासी के परिवार का भी कुछ अता पता नहीं है, मु़झे तो लग रहा है कि उस लड़के राजवीर की इस हालत के जिम्मेदार... सुहासी के मां बाप ही हैं!! ये बात इसलिये भी कही जा सकती है क्योंकि जिस सिद्धिविनायक अपार्टमेंट का आप जिक्र कर रहे हैं जिसके फ्लैट में सुहासी का परिवार रहता है वो पॉश अपार्टमेंट में, वहां जितने भी लोग रहते हैं सब करोड़पति लोग हैं, ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं है कि सुहासी के मां बाप उसकी शादी राजवीर की बजाय किसी और से करवाना चाहते हों और इसीलिये उन्होंने राजवीर को मारने के लिये सुपारी दी हो और देश छोड़कर चले गये हों लेकिन उनका बैडलक कि राजवीर बच गया और आपने इस केस की जांच शुरू कर दी और यहां तक पंहुच गये..!!

अपनी बात कहने के बाद मिलिंद चुप हो गया और अपने होंठो को अपनी उंगलियों से दबाकर जैसे किसी गहरी सोच में डूब गया..!!

क्रमशः