Shyambabu And SeX - 10 in Hindi Drama by Swati books and stories PDF | Shyambabu And SeX - 10

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Shyambabu And SeX - 10

10

इंस्पेक्टर 

 

 

यह क्या बकवास है !!! वह चिल्ला पड़ाI  संजू क्लॉस के बाद मुझे मिलो,  अब सारे  स्टूडेंट  शोर मचाने लगे।  “साइलेन्स  प्लीज !!”  तभी टाइम खत्म हो गया और हंगामा तेज़ होने लगा।  श्याम जल्दी से क्लॉस से निकला और सब संजू को घेरकर बैठ गए।  श्याम ने डिपार्टमेंट में आकर पानी पिया और वही बैठ गया।  “सर सब ठीक तो है??” कुसुम ने पूछा।  उसने हाँ में सिर हिलाया।  इतने में संजू भी आ गया। उसने उसे बाहर ले जाकर डाँटना शुरू किया।

 

अपने प्रोफेसर के बारे में ऐसी बकवास करते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती!!

 

सर !!! पापा कह रहें थें कि आप जैसा कोई देखा था ।

 

“मेरे जैसा और मुझमे होने में कोई फर्क नहीं है। मैं तुम्हें लास्ट वार्निंग दे रहा हूँ, इसके बाद सीधा प्रिंसिपल के पास लेकर जाऊँगा।“  उसने उसे डाँटते  हुए कहा।  संजू ने मुँह नीचे कर लिया। 

 

उसके जाते ही श्याम ने चैन की साँस ली। “कसम खाता हूँ, आज के बाद कभी उस एरिया की तरफ  मुँह नहीं करूँगा।“ यह बात मन में बुदबुदाते हुए,  वह कैंटीन की तरफ चला गया।  उसे कैंटीन में आया देखकर, स्टूडेंट्स शोर मचाने लगे तो उसने उन्हें बुरी तरह डाँट दिया। 

 

फिर एक कुर्सी लेकर  कोने में बैठ गया।  कुसुम भी उसके पास आकर बैठ गई, अब कैंटीन वाला, उसके लिए चाय दे गया।  “सर, अब कोई क्लॉस है या फ्री है? इस ब्रेक के बाद एक क्लॉस और है।“  “आप बताए,  घर में सब ठीक है। अब तो पति से झगड़ा नहीं होता। उसकी आँखों में अब आँसू आ गए। “सर मेरे हस्बैंड का बाहर किसी से अफेयर है।“ “ओह!! यह तो बुरा हुआ।“ “आप श्योर है?” हाँ,  मैंने कल उनका पीछा किया तो वह किसी लड़की के साथ थें।

“क्या पता कोई दोस्त हो?  उन दोनों को देखकर नहीं लग रहा था कि वो उनकी दोस्त है।“  अब उसका गला भर आया।  उसने कुसुम को पानी पिलाया। तभी गायत्री का कॉल आया उसने बताया कि वो विकास के साथ जाने वाली है। वैसे कुसुम मेम !!! आपकी मैरिड लाइफ में  कोई दिक्कत तो नहीं है। “आई मीन !! कही आपके झगड़ों से तंग आकर उसने बाहर चक्कर तो नहीं चला लिया।“ “वो ख़ुद कौन सा काम का आदमी है!! “बेहद बेकार,  डरपोक और फट्टो था, मैंने उसे काबिल बनाया है।” “मैं कुछ समझा नहीं, “अब उसकी बातों में उसकी दिलचस्पी बढ़ने लगी कि तभी इलेक्ट्रिक बजी और फिर कुसुम और श्याम दोनों अपन क्लास लेने चले गए।

 

इमरती को केमिस्ट की दवाई से आराम नहीं आया तो वह बबलू को बेकरी में जाकर बोली, “ओह !! मोटे, मुझे किसी डॉक्टर को दिखा।“ 

 

“यह कैसे बात कर रही हो।“  उसने उसे डाँटा।

 

“आप तो खा खाकर सांड हो रहा है और मुझे कुछ पच नहीं रहा।“ उसने भी ऊँची आवाज़ में कहा।  “धीरे बोलो।“ उसने उसे अंदर आते ग्राहक की तरफ ईशारा किया। “दस मिनट बाद,  घर आ जाना, समझे ।“  उसके जाते ही बबलू सोचने लगा, “लगता है,  बीमारी दिमाग में चढ़ गई है।“  डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा।  

 

अब श्याम आख़िरी क्लॉस लेकर कॉलेज से बाहर निकला तो उसने देखा कि गायत्री विकास के साथ उसकी गाड़ी में बैठ रही है। अब वह अपनी गाड़ी की तरफ जाने लगा तो उसकी नज़र सामने से आते जगदीश मालिक पर गई,  अगर इसने मुझे देख लिया तो कहीं इसे कुछ याद ही न आ जाए।  अब वह जल्दी से अपनी गाड़ी में बैठ गया और वहाँ से निकालने लगा। तभी वो इंस्पेक्टर उसकी गाड़ी के सामने आकर खड़ा हो गया।  “प्रोफेसर साहब!, ज़रा बाहर आयेंगे, आपसे बात करनी है।“यह सुनकर उसका गला बुरी तरह सूखने लगा।