Shoharat ka Ghamand - 59 in Hindi Moral Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 59

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शोहरत का घमंड - 59

आलिया के जानें के बाद कुछ देर तक अबीर वही पर खड़ा रहता है और आर्यन की बातो के बारे में सोचता रहता है और उसे लगता है कि उसका वहा से चले जाना ही ठीक है, वरना पता नहीं आर्यन उसके बारे में और क्या क्या बोलेगा।

आलिया मेहमानों का स्वागत करने लगती हैं।

मीनू और ईशा बहुत ही इंजॉय कर रहे होते हैं। थोड़ी देर बाद आर्यन की मॉम आलिया के पास आती है और बोलती है, "बेटा मैं तुम्हे कब से देख रही हूं, तुम काम में ही लगी हुई हो, कुछ खाया पिया भी नहीं तुमने, बेटा शादी ब्याह में तो लोग खाने पीने और इंजॉय करने आते है"।

तब आलिया बोलती है, "मैं काम खत्म करके खाना खा लूंगी"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "बेटा शादी ब्याह के घर में काम खत्म ही नही होता है, तुम जितना करोगी उतना ही बढ़ता जायेगा, तो क्या तुम कुछ खाओगी पियोगी नही, चलो मेरे साथ, मै खाना खाने जा रही हूं तुम भी हमारे साथ खाना खा लेना "।

तब आलिया बोलती है, "आप परेशान मत होइए मैं खा लूंगी आराम से, आप जा कर खा लिजिए "।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "अब तुम मेरे सामने जिद करोगी, चलो चुप चाप "।

उसके बाद आर्यन की मॉम आलिया का हाथ पकड़ कर उसे ले जाती है।

आर्यन और उसके डैड और आरू बेठे रहते हैं तभी आर्यन की मॉम भी उसे वहा पर बैठा देती हैं। आलिया आर्यन के सामने ही बैठी रहती है।

तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "आलिया तुम इतनी गुम सूम सी क्यो हो, अपनी बहनों को देखो कितना इंजॉय कर रही है और खा पी रहे हैं आराम से "।

तब आर्यन बोलता है, "क्या पता इन्हे किसी की याद आ रही हो और ये उनसे मिल नही पा रही हो "।

तब आर्यन की मॉम आर्यन को आंख दिखाती है और चुप रहने के लिए बोलती है।

आलिया उनके साथ खाना खाने लगती है। उधर अबीर घर पहुंच जाता हैं। ऋतु उसे देख कर चोक जाती है और बोलती है, "तुम इतनी जल्दी कैसे आ गए और अकेले क्यो आए हो आलिया और उसकी बहने कहा है"।

तब अबीर बोलता है, "वो शादी में ही है"।

तब ऋतु बोलती है, "तुम्हारा दिमाग तो ठीक है तुम उन्हे वहा पर अकेले क्यो छोड़ कर आ गए हो"।

तक अबीर बोलता है, "वहा पर भी उसका बॉस पहुंचा हुआ था और वो फिर से बदतमीजी कर रहा था और उसने आलिया को बहुत उल्टा सीधा बोला"।

तब आलिया बोलती है, "क्या बोला उसने ???

उसके बाद अबीर ऋतु को सब कुछ बता देता है। ये सब सुन कर ऋतु को भी बहुत ही गुस्सा आता है और वो बोलती है, "उसके अंदर बिलकुल भी तमीज नही है क्या, लड़कियो से इस तरह से बात कोन करता है, आलिया उसकी कम्पनी में काम करती है, वो उसकी कोई गुलाम नही है जो वो इस तरह से उससे बात करता है "।

तब अबीर बोलता है, "वो इंसान नही है "।

उधर काफ़ी रात हो जाती हैं। तब आलिया नरेश अंकल से बोलती है, "अंकल अब मैं चलती हू, काफ़ी रात हो गई है "।

तब नरेश अंकल बोलते है, "बेटा इतनी रात को कहा जाओगी, रुक जाओ सुबह आराम से चली जाना "।

तब आलिया बोलती है, "नही नही मै रुक नही सकती हूं अंकल जी, क्योंकि सुबह मुझे भी ऑफिस जाना है और इन दोनो को भी स्कूल जाना है, आप बस हमे कोई ऑटो करवा दीजिए "।

तब नरेश अंकल उनके साथ बाहर आ कर ऑटो देखने लगते है।

तभी आर्यन की फैमिली भी जा रही होती हैं। तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "नरेश तुम इस वक्त बच्चियों के साथ यहां पर क्या कर रहे हो"।

तब नरेश अंकल बोलते हैं, "साहब मैं ऑटो देख रहा हूं, इनके लिए क्योंकि इन्हें घर जाना है"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "आप ये क्या कर रहे हैं, इतनी रात मे इन बच्चियों को अकेले ऑटो में भेजेंगे"।

तब नरेश अंकल बोलते हैं, "मेने इन्हे बोला की आराम से सुबह चले जाना, मगर ये मान ही नही रहे हैं"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "कोई बात नहीं अगर इन्हे इस टाइम जाना ही है तो आर्यन इन्हे छोड़ कर आ कर आ जायेगा.............