Muzrim ya Mulzim? - 4 in Hindi Thriller by anita bashal books and stories PDF | मुजरिम या मुलजिम? - 4

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मुजरिम या मुलजिम? - 4

नील कमल अपार्टमेंट
किसी समय यह इस एरिया का सबसे खूबसूरत अपार्टमेंट था, लेकिन वक्त की मार हर किसी को भी पुराना बना देती है चाहे वह इंसान हो या फिर कोई अपार्टमेंट। किसी समय इस एरिया के शान होने वाला यह अपार्टमेंट इस वक्त काफी रुखा सुखा सा दिख रहा था।
उस अपार्टमेंट का नाम भी आधा आधा ही दिखाई दे रहा था। दीवारों में पानी के निशान दिखाई दे रहे थे। देख कर लग रहा था इसे काफी समय से रेनोवेट नहीं किया गया है। बड़े से गेट के बाहर कोई वॉचमैन नहीं था इसलिए श्रुति और अंकुश को ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ा वह बस चुपचाप अंदर चले गए।
उस अपार्टमेंट की तरफ देखते हुए अंकुश ने पूछा।
" हमें यहां पर किसके घर जाना है?"
श्रुति का भी पूरा ध्यान उस अपार्टमेंट के तरफ ही था। उसने बिना अपनी नजर हटाई जवाब दिया।
" तेरा नंबर की फ्लेट में।"
अंकुश ने आगे कदम बढ़ाते हुए कहा।
" तो फिर इंतजार किस बात का? जल्दी चलो ऑफिस में मेरा कोई इंतजार कर रहा है।"
श्रुति ने भी अपनी नजर हटाई और अंकुश के पीछे पीछे जाते हुए कहने लगी।
" वहां पर वह लड़कियां है जिसके पीछे तुम लाइन मारते फिरते हो। उसके सिवा दूसरा कौन इंतजार कर रहा है?"
वो लोग उस अपार्टमेंट की लिफ्ट के पास पहुंच गए थे। अंकुश ने लिफ्ट के बटन को दबाया लेकिन कुछ हरकत नहीं दिखाई दे रही थी। कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहने के बाद भी जब लीफ्ट में कोई हरकत नहीं हुई तो अंकुश ने लिफ्ट का दरवाजा खोला तो वह हैरान रह गया।
अंकुश ने अपने माथे पर हाथ रखा और अपनी गर्दन को घुमाकर श्रुति की तरफ देखा और फिर कहा।
" यहां पर लिफ्ट के नाम पर कुछ भी नहीं है। अगर यहां के लिफ्ट खराब है तो बाहर आउट ओफ ओर्डर का बॉर्ड तो लगा सकते हैं ना।"
कहते हुए अंकुशने जोर से दरवाजा बंद किया। दरवाजा बंद करने की आवाज से दरवाजा हिलने लगा। अंकुश ने अपने कदम पीछे की और श्रुति से कहा।
" जल्दी चलो वरना कोई और आगे कहेगा कि हमने दरवाजा तोड़ दिया।"
श्रुति ने अपने आसपास देखा और अपने हाथों से इशारा क्या यहां आस-पास कोई नहीं है। अंकुश ने भी वहां की सीसीटीवी कैमेरे के ऊपर उंगली से इशारा किया। श्रुति ने हंसते हुए उस कैमेरे के नीचे टूटे हुए वायर की तरफ इशारा किया। वह देखकर दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हंसने लगे और सीढ़ियों से ऊपर की तरफ जाने लगे।
वहां की सीढ़ियां भी थोड़ी खराब ही लग रही थी। वह लोग सेकंड फ्लोर पर पहुंचे और फिर आसपास देखने लगे लेकिन वहां कोई भी नहीं था। वह लोग ढूंढते हुए तेरा नंबर के फ्लैट के पास आकर रुक गए। लेकिन वहां पर बहुत बड़ा ताला लगा हुआ था।
यह देखकर अंकुश ने फिर से अपने सर पर हाथ रखा और कहा।
" धत् तेरी की, अब क्या करेंगे?"
श्रुति ने अपने आसपास देखा। वहां लगभग हर घर में ताला ही लगा हुआ था। सिर्फ तीन से चार घर ऐसे थे जहां पर ताले नहीं थे। श्रुति ने वहां के 1 दरवाजे पर नॉक किया तो एक बुड्ढी औरत ने आ कर दरवाजा खोला। उस औरत ने श्रुति की तरफ देखा और फिर पूछा।
" जी कहींये आपको किससे काम है?"
श्रुति ने तेरा नंबर के फ्लैट की तरफ इशारा करते हुए पूछा।
" आंटी क्या आप मुझे बता सकती है कि गोहिल फैमिली कहां गई है?"
उस औरत ने उस फ्लैट की तरफ देखा और फिर श्रुति की तरफ देख कर कहा।
" वह तो 6 साल पहले ही यहां से चले गए थे। इसी शहर में कहीं पर है लेकिन कहां है वह नहीं पता। लेकिन तुम कौन हो और उन लोगों से तुम्हें क्या काम है?"
श्रुति ने अपने गले पर लटका हुआ आईडी कार्ड दिखाया और कहा।
" जी वह मुझे उन लोगों का इंटरव्यू लेना था। वैसे वो लोग तो नहीं है अगर आप चाहो तो मैं आपका इंटरव्यू ले सकती हूं।"
उस औरत ने अपने आपको सीधा खड़ा किया और अपने बाल सवारने लगी। बालों को संवारने के बाद श्रुति की तरफ देखा और फिर पीछे खड़े हुए उस लड़के की तरफ देखा जिसके हाथ में कैमरा था। उस औरत ने श्रुति को अंदर आने के लिए कहा।
उसने उन दोनों को सोफे पर बैठने के लिए कहा और आवाज लगाते हुए कहा।
" बिना पानी लेकर आ तो।"
एक लड़की जिसकी उमर श्रुति के आसपास की ही थी, वह हाथ में पानी का ट्रे ले कर आई और उन दोनों को पानी देकर बाजु में खड़ी हो गई। उस औरत ने अंकुश की तरफ देख कर कहा।
" मेरे कपड़े तो सही है ना इंटरव्यू के लिए?"
वह लड़की जिसका नाम बिना था वह हैरानी से श्रुति और अंकुश की तरफ देखने लगी। लेकिन उसने कुछ कहा नहीं। अंकुश ने थम्स अप का इशारा किया। श्रुति ने अंकुश को कैमरा ऑन करने को कहा और फिर उस औरत की तरफ देखकर पूछने लगी।
" जी आपका नाम क्या है? और आप आप गोहिल फैमिली को कैसे जानती थी?"
उस औरत ने कैमरे की तरफ देखा और कहा।
" मेरा नाम गोदावरी है गोहिल फैमिली की फैमिली फ्रेंड थी।"
श्रुति ने गोदावरी से गोहिल फैमिली के बारे में पूछा।
" गोदावरी जी क्या आप हमें बता सकती है कि गोहिल फैमिली में कौन-कौन सदस्य थे?"
गोदावरी ने कैमरे के सामने मुस्कुराते हुए कहा।
" दिनेश गोहिल और उनकी पत्नी रोमा गोहिल, उनकी बेटी मित्तल गोहिल। और हां रोमा गोविंद का भाई अश्विन भी रहता था।"
श्रुति ने तुरंत दूसरा सवाल पूछा।
" मित्तल के साथ जो कुछ भी हुआ था क्या वह सब आप जानती है? आपको क्या लगता है कि दोष किसका हो सकता है? निहाल दत्त मित्तल गोहिल का गुनहगार हो सकता है?"
श्रुति का ध्यान यह सवाल पूछते वक्त बिना की तरफ गया। बिना यह सवाल सुनकर अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा रही थी। लेकिन श्रुति ने उसे इग्नोर किया और गोदावरी की तरफ देखा। गोदावरी ने कैमरे की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा।
" हां मुझे तो पूरा विश्वास है सब कुछ उसी ने किया था। उस केस में निहाल दत्त का ही कसुर था। मित्तल तो सिर्फ 12 साल की थी उसके साथ यह सब कुछ करके उसने सारी हद पार कर दी थी।"
बिना गोदावरी की तरफ अजीब नजरों से देख रही थी जो श्रुति ने भी नोटिस कर लिया था। गोदावरी ने अपनी बात आगे कर रही थी।
" जिस दिन यह सब कुछ हुआ था ना उस दिन वह निहाल दत्त यहां पर आया था। मेरी समझ में तो नहीं आ रहा था कि वह यहां क्यों आया है। उसका सामान तो यहां था ही नहीं फिर भी वह कह रहा था कि उसका कुछ सामान रह गया है। पुलिस वालों को मित्तल की लाश के पास से कुछ सामान मिला था जो उस लिहल दत्त का ही था।"
श्रुति कुछ सवाल पूछे और फिर गोदावरी वहां से उठ कर वहां से जाने लगे। श्रुति ने रुक कर गोदावरी से कहा।
" क्या आप बिना को मेरे साथ भेज सकते हो? मुझे यहां के बाकी लोगों से भी बात करनी है?
गोदावरी वैसे भी अब सोने जाने वाली थी इसलिए उसने बिना को श्रुति के साथ भेज दिया। बिना को भी शायद कुछ जरूरी काम था इसलिए वह भी चुपचाप श्रुति और अंकुश के साथ बाहर आ गई। उस फ्लैट से बाहर निकलते ही श्रुति ने बिना से पूछा।
" बिना सच सच बताना गोदावरी आंटी ने जो कुछ भी कहा कि वह सब कुछ सच है? क्योंकि तुम्हारा चेहरा कुछ और ही बता रहा था।"
बिना ने एक बार अपने आसपास देखा और फिर धीरे से कहा।
" नहीं गोदावरी आंटी ने जो कुछ भी कहा वह सब कुछ गलत है। सच बात तो यह है कि मित्तल निहाल सर के पीछे पड़ी थी।"
आखिर सच्चाई क्या थी? श्रुति सच्चाई का पता लगा पाएगी या नहीं?