Kya Ekant hi sukh hai ? - 3 in Hindi Motivational Stories by Poonam Kuhar books and stories PDF | क्या एकांत ही सुख है ? - 3

Featured Books
  • तुझी माझी रेशीमगाठ..... भाग 2

    रुद्र अणि श्रेयाचच लग्न झालं होत.... लग्नाला आलेल्या सर्व पा...

  • नियती - भाग 34

    भाग 34बाबाराव....."हे आईचं मंगळसूत्र आहे... तिची फार पूर्वीप...

  • एक अनोखी भेट

     नात्यात भेट होण गरजेच आहे हे मला त्या वेळी समजल.भेटुन बोलता...

  • बांडगूळ

    बांडगूळ                गडमठ पंचक्रोशी शिक्षण प्रसारण मंडळाची...

  • जर ती असती - 2

    स्वरा समारला खूप संजवण्याचं प्रयत्न करत होती, पण समर ला काही...

Categories
Share

क्या एकांत ही सुख है ? - 3

आगे तुषांत अपने घर की ओर लोट रहा तो उसने देखा की महज 10,12 साल का छोटा सा मासूम सा बच्चा फटे पुराने कपड़े पहने हुए था और पूरा शरीर खून से लथपथ सुनसान रास्ते पर अकेले चल रहा था ।

जब मैने पीछे मुड़कर देखा तो कुछ 3,4 लोग उसका पीछा कर रहे थे और मेरे देखते - देखते ही उन लोगो ने उस मासूम से बच्चे को पकड़ लिया और उसे पीटने लगे ।

यह दृश्य देखकर मैं उनके पास गया और उनसे पूछा की आप इस बच्चे को क्यों पीट रहे है यह तो बहुत ही छोटा और मासूम बच्चा है । इसने आपका क्या बिगाड़ा हैं ।

तब उनमें से एक आदमी बोला की यह बच्चा तुम्हे हो मासूम लगता है । दरअसल यह एक चोर हैं जिसने मेरे पैसे चुराए हैं इसलिए हम इसका पीछा कर रहे हैं ।

लेकिन यह बच्चा क्यों चोरी करेगा और अभी इसकी उम्र ही क्या हुई हैं । तब तुषांत ने उस बच्चे से पूछा की यह आदमी सच बोल रहा है क्या ?
जो बात है वह तुम मुझे बता सकते हो में तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं।

तब वह बच्चा बोलता है की ये सही बोल रहे है मेने इनके पैसे चुराए है क्योंकि मुझे पैसों की जरूरत थी और मैने इनसे पैसे मांगे तब इन्होंने मुझे देने से मना कर दिया था ।
इसके लिए मेरे पास पैसे चुराने के अलावा कोई और option नही था ।

मेने इनसे बोला की में आपके लिए काम करने के लिए तैयार हूं पर आप मुझे पैसे दे दीजिए पर इन्होंने मेरी बात नही मानी इस कारण मेने चोरी की ।

ठीक है में तुम्हारी मदद करूंगा । सबसे पहले तुम इनके जो भी पैसे लिए है वापस कर दो । फिर वह बच्चा उस व्यक्ति को उसके पैसे वापस दे देता हैं और वह सभी लोग वहा से पैसे लेकर चले जाते हैं ।

उन सब के जाने के बाद तुषांत उस बच्चे से कहता हैं की तुम्हारा नाम क्या हैं ?

वह बच्चा बोलता हैं की मेरा नाम अवि हैं ।
तुषांत बोलते हुए - तुम्हे पैसे किस लिए चाहिए और तुम्हारे कपड़े खून से सन्ने हुए कैसे हैं ?

वह बच्चा अवि बोलता है की मुझे मेरी मम्मी के इलाज के लिये पैसो की सख्त जरूरत हैं ।
तुषांत बोलता है की आपकी ममी को क्या हुया हैं ?
अवि कहता की उनको एक गाड़ी ने टक्कर मार दी और फिर गाड़ी वाला वहा से चला गया मेरी मम्मी को इस हालत में छोड़कर ।

तब में उन्हें अस्पताल में लेके गया और भरती कराया तो उन्होंने बोला पहले पैसे जमा करवाए फिर हम इलाज करेंगे ।

तब तुषांत कहता की तुम मुझे उस अस्पताल में ले चलो जहा तुम्हारी मम्मी admit हैं ।

फिर तुषांत उस बच्चे के साथ अस्पताल की ओर चल देता है और थोड़ी देर के बाद वो वहा पहुच जाते हैं ।
वहा जाने पर उसे पता चलता की उस अवि की ममी इस दुनिया में नही रही। तब यह बात तुषांत ने सुनी तो उसकी आंखों में आंसू आ गए थे और वह सोच रहा था की में अब अवि को क्या जवाब दू ।

तुषांत अवि से पूछता हैं की तुम्हारे घर में तुम्हारी मम्मी के अलावा और कौन - कौन हैं ?
अवि कहता हैं की मेरी मम्मी के अलावा मेरा और कोई नही हैं ।

"तब तुषांत सोचता है की अगर आज इस बच्चे के पास पैसे होते तो इसे आज ये दिन नही देखना पड़ता "

आजकल बिना पैसों के हर चीज मिलनी मुस्किल हो जाती हैं । और काश उन लोगो ने इस बच्चे को मदद की होती तो कितना अच्छा होता ।

वह सोचता रहता हैं फिर तुषांत उस बच्चे से बोलता है की मेरा दोस्त बनोगे ___

अवि बोलता हैं की मेरी मम्मी से मिलना है मुझे ,वो कैसी हैं मुझे उनकी बोहोत याद आ रही हैं ।
फिर तुषांत उस बच्चे को सारी बात भी नही बता सकता की उसकी मम्मी इस दुनिया में नही रही ।

वह बोलता हैं की अवि तुम मेरे साथ चलो यहा से फिर अवि बोलता है की मेरी मम्मी को क्या हुआ , वो ठीक तो हैं न , बताओ ना ।
फिर तुषांत उसे सच बता देता हैं और वह बच्चा रोने लग जाता हैं ।

तुषांत उस बच्चे को तसल्ली देते हुए - एसे रोते नही हैं सब ठीक ही होगा और तुम्हारी मां भगवान जी के पास हैं क्योंकि भगवान को तुम्हारी मां की बहोत जरूरत थी ।
वो इतनी अच्छी जो थी और तुम्हारी मां ने जाते वक्त भी तुम्हे एक नया दोस्त तुषांत दे दिया ।
में तुम्हे अपनी मम्मी के पास ले जाऊंगा वो भी तुम्हारी ही मम्मी हैं ।

ऐसा बोलकर तुषांत उस अवि को अपने घर ले जाता है और घर पहुंच कर अपने मम्मी पापा को सारी बाते बता देता हैं की में घर आ रहा तो मुझे ये बच्चा मिला और आगे बताता है की उसकी मम्मी की aaccident ने मौत हो गई ।
तब तुषांत की ममी उस बच्चे से बोलती है की बेटा आज से ने तुम्हारी मम्मी हु तो आज से तुम मुझे अपनी मम्मी समझाना ।

ऐसा बोलकर तुषांत की मां उस बच्चे को अपने गले से लगा लेती है और सहलाती रहती हैं ।

यह दृश्य देखकर तुषांत बहोत खुश था क्योंकि उसे आज पहली बार एक दोस्त के रूप में भाई मिल गया था ।
तुषांत सोचता हैं की जो मेरे साथ बचपन में हुआ वह अवि के साथ नही होगा । में उसको अच्छे से पढ़ाऊगा और इसे पैसों की कमी नही आने दूंगा ।

इस परकार उस बच्चे को नया परिवार मिल गया और वही तुषांत को नया दोस्त ,जिसके लिए उसे खुद को बदलना है और लोगो की सोच को बदलना हैं जिसके कारण इस बच्चे को चोरी करनी पड़ी । यदि वे इस बच्चे की मदद करते तो इसे आज ये दिन नही देखना पड़ता और वही दूसरी तरफ मेरे college का अध्यापक मेरे साथ खिलवाड़ नही करता तो में आज एक राइटर होता ।

पर अब जो हो गया सो हो गया पर आगे से ऐसा कुछ नही होगा पहले तो में अनजान था इन सब चीजों से पर अब मुझे सब चीजों का ज्ञान हो गया हैं और न ही में किसी के साथ गलत होने दूंगा ।

"सच में तुषांत एक अच्छा लड़का हैं जो दूसरों की इज्जत करना जानता हैं और हर किसी के दुख को अपना दुख मानता हैं "
पसंद आई तो कहानी का अगला भाग जरूर देखना ____

थैंक यू सभी का ____
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

आप खुश रहो ....
☺️❤️