घर में तहलका मचाने आया 
"मनमोहिनी पत्र "
इत्र की खुशबु में नहाया 
खूबसूरत सा गुलाबी पत्र 
अम्मा के हाथ में आया 
यह "मनमोहिनी पत्र "
शायद 
प्रेम का सन्देशा लाया 
यह "मनमोहिनी पत्र "
खाट खड़ी कर दी थी 
इसने 
पूरे घर की 
अम्मा जो रहती थी शांत 
थाम के हंटर 
करने लगी सवाल पे सवाल 
अम्मा - 
हाँ बोल तितली 
कहां कहां फिरती तु उड़ी चली 
तितली  - 
ना अम्मा कसम से 
मैं तो बस फ़ूलों के संग रहती 
भौरों के पास नहीं कभी भटकती
अम्मा -  हाँ तू बोल रंगीला 
रंगीला -  ना अम्मा ना 
मेरो तो हैं नाम रंगीला 
मैं ना हूं कोई छैल छबिला
बालक हूँ थारा छोटो सू
छोरियन से एकदम दूर भगत हूँ 
अम्मा -  हाँ तू बोल दिल्लगी 
दिल्लगी  -  तुम्हें तो पता हैं अम्मा 
हमको हैं दिल्ली जाना 
पढ़ लिखकर हैं नाम कमाना 
"दिल लगाने का नहीं शौक रखते 
मजनू लोगों को तो हम चप्पल से पीटते "
अम्मा  -  सच बोलियो सारे के सारे 
वर्ना ये हंटर 
तुम लोगन की चमड़ी उघाडे 
अम्मा -  हाँ तु बोलिए पोपट 
पोपट -  अम्मा मैं बोलू थोड़ा सा ज्यादा 
पर इस पत्र से 
ना हैं मेरा कोई दूर तक वास्ता 
अम्मा अंत में 
अपने पतिदेव को घूरते हुए 
पतिदेव  -  ना भाग्यवान ना 
मो पे शक मत करियो 
म्हारी का मज़ाल 
जो तुमको छोड किसी और पर डालूँ निगाह 
तोप सा शोर सुनकर
छबिली बुआ दौड़ी चली आई 
बोली , क्यों री शांति 
आज तूने क्यों 
इतनी अशांति मचाई
अम्मा  - जे देख 
इत्र में डूबा गुलाबी पत्र 
जो मेरे घर आई 
ना जाने कौन को प्रेम को सन्देशा लाई 
छबिली बुआ  -  पत्र ही तो है 
इसके लिए क्यों तूने हंटर उठाई 
पत्र खोल के पढ़ ले
"दूध को दूध, पानी को पानी" हो जावेगो
अम्मा - जे तो तूने लाख टके की बात करी 
पर तने तो पतो हैं 
मेरे लिए तो 
काला अक्षर भैंस बराबर
छबिली  -  तो बच्चन से पढवा लेती 
अम्मा - जिन पर तो मोए रत्ती भर भी विश्वास ना हैं 
छबिली - इसलिए कहा था 
थोड़ा पढना लिखना सीख लो 
पर नहीं, बस 
बात बात में हंटर उठाना जरूर सीख गयी 
बच्चे बिचारे सुबह से हो गए थे परेशान 
हिम्मत करके एकसाथ पड़े चिल्ला 
बुआ, अब तो खत खोल कर पढ़ दो 
हमें भी तो पता चले 
इत्र में डूबे इस गुलाबी पत्र में 
कौन सा छुपा है कांड 
जिसके लिए सुबह से निकाली हैं 
अम्मा ने
हंटर से हमारी जान 
छबिली बुआ 
खत खोलते ही 
हो गयी हंसी से 
लोटपोट की शिकार 😹😹😹
बोली-
इसके लिए निकाली थी
तुमने बच्चन की जान 🙉🙉
सब एक साथ बोल पड़े
क्या हुआ बुआ 🤔🤔
खा ली है क्या तुमने भांग  
जो पत्र पढ़कर हुई जा रही
हंस हंसकर बेहाल 🐵🐵
अरे तुम भी पढ़ोगे
तो करोगे धमाल 🤓🤓
तभी तितली
बुआ के हाथों से पत्र छीनकर पढ़ती हैं 
" पत्र पढ़ने वाला जो भी व्यक्ति 1001 बार  
"जय श्रीराम " लिख कर ऐसे ही 5 खत और 5 लोगों को भेजेगा,,उस व्यक्ति को 5 दिनों के अंदर बहुत ही अच्छी खबर सुनने को मिलेगी "
🙏🙏जय श्री राम 🙏🙏
दिल्लगी - खोदा पहाड निकली चुहिया 
रंगीला ना बहना ना  - गुलाबी पत्र अम्मा का हंटर 
🙉🙉🙉😂😂😂😂🙉🙉🙉
अंत में सब हंसते हुए
" मनमोहिनी पत्र "
😜😜😜😜😜😜😜😜
अम्मा -  बताओ जे भी कोई बात हुई 😏