The Author Captain Dharnidhar Follow Current Read महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 81 By Captain Dharnidhar Hindi Human Science Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books શંકા ના વમળો ની વચ્ચે - 6 ઉત્તરાયણ પતાવીને પાછી પોતાના ઘરે આવેલી સોનાલી હળવી ફ... નિતુ - પ્રકરણ 52 નિતુ : ૫૨ (ધ ગેમ ઇજ ઓન)નિતુ અને કરુણા બંને મળેલા છે કે નહિ એ... ભીતરમન - 57 પૂજાની વાત સાંભળીને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા જ લોકોએ તાળીઓના ગગડાટથ... વિશ્વની ઉત્તમ પ્રેતકથાઓ બ્રિટનના એક ગ્રાઉન્ડમાં પ્રતિવર્ષ મૃત સૈનિકો પ્રેત રૂપે પ્રક... ઈર્ષા ईर्ष्यी घृणि न संतुष्टः क्रोधिनो नित्यशङ्कितः | परभाग... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Captain Dharnidhar in Hindi Human Science Total Episodes : 105 Share महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 81 (3) 1.3k 3.5k 1 कस्तुरी की सिसकारियों की आवाज सुन अभय और केतकी दोनों बाहर आगये। अभय ने पुकारा ..मम्मी ! क्या हुआ ? कस्तुरी ने कहा अरे बेटा सुबह सुबह ही नुकसान हो गया । मम्मी क्या हुआ ? आप ठीक तो हैं ? अरे बेटा मुझे क्या होगा मै तो ठीक ही हूँ , पर तेरे नाना की दी हुई घड़ी टूट गयी ..वह उनकी आखिरी निशानी थी । अभय ने कहा मम्मी कहां है घड़ी ? कस्तुरी ने अपने हाथ मे टूटी घड़ी दिखाते हुए कहा ..यह देख ..अभय ने घड़ी हाथ मे लेकर देखा और कहा.. मम्मी ..यह तो ठीक हो जायेगी ..चेन निकली है और शीशा टूटा है दोनों ठीक हो जायेंगे.. ऐसा कहते समय अभय की नजर मम्मी की कलाई पर चली गयी, उसने मम्मी की कलाई को हाथ लगाकर देखा जिसे कस्तुरी ने अपने दाहिने हाथ से पकड़ रखा था ..फिर पूछा हाथ को क्या हुआ ? कस्तुरी के हाथ मे सूजन आगयी थी ..अभय ने कलाई को हाथ लगाया तो कस्तुरी सिसकारने लगी ..ओ..ए..ओ..ए । मम्मी आपके हाथ मे तो मोच आगयी है ..देखो दोनो कलाईयो मे अंतर दिख रहा है । अभय ने अपने पापा को आवाज दी ..उसके पापा जगे हुए थे तुुरन्त उसके पास आगये । अरी भागवान यह क्या कर लिया ? केतकी अपने रूम मे गयी और फस्टेड बॉक्स लेकर आगयी ..अभय ने गर्म पट्टी बांध दी ..पट्टी बांधकर अभय ने कहा ..मम्मी अब कैसा लग रहा है ? मम्मी ने कहा कुछ ठीक लग रहा है पर दर्द तो है । अभय ने कहा ..मम्मी डॉक्टर को दिखवा दूंगा अभी पांच बजे है .. दिन निकल आये ..अभय कुछ कह ही रहा था कि मम्मी ने कहा .. नही नही ऐसे ही ठीक हो जायेगा , तुम ऐसा करो पडौस से ताई को बुलाकर ले आवो । वह मेरी मोच निकाल देगी । अभय ने बात काटते हुए कहा ..ताई के पास कोई डिग्री है ? उसने कोई डाक्टरी पढी है ? मम्मी ने कहा ठीक है ठीक है..तू दिखा देना । पर' ..अभी तो चाय पिला दे .. यह कहते हुए कस्तुरी बाहर लगी चेयर पर जाकर बैठ गयी । अपनी कलाई को देखते हुए बोली ..यह क्या हो रहा है घर मे .. पहले अभय का एक्सीडेंट हुआ तो इसके भी हाथ मे लगी थी , अब मेरा नंबर आगया। ऊपर से ठंड का मौसम ओर है .. जाडा मे मे तो पहले की गुम चोट भी दर्द करने लग जाती है । केतकी चाय बनाने रसोई मे चली जाती है । उधर अभय ने मम्मी से पूछा ..मम्मी तुम गिरी कैसे ? मम्मी ने कहा ..फर्श गीला था .. अभय ने कहा फर्श गीला कैसे हुआ ? अभय ने केतकी की ओर प्रश्नवाचक दृष्टि से देखा ? केतकी ने उत्तर दिया शायद पानी की टोंटी ठीक से बंद नही की किसी ने ... कस्तुरी ने बात को संभालते हुए कहा ..कोई बात नही बेटा .. जल्दी बाजी मे शायद मुझसे ही ठीक से बंद नही हुई होगी । ऐसा कहकर बात को खत्म करने के लिए केतकी बेटा तू चाय बनाकर ले आ । मम्मी मै अभी नहाई नही हूँ , अभी 10 मिनट मे तैयार होकर आती हूँ । केतकी जाने लगती है । कोई बात नही तू बाद मे बना लेना । अभय ने कहा मम्मी मै यहा पर आग जला लेता हूँ , तुम कहो तो उसी पर चाय बना ले ..आग से तप भी लेंगे । तभी गेट के बाहर एक कार आकर रूकती है .. ‹ Previous Chapterमहिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 80 › Next Chapter महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 82 Download Our App