Manzil Apni Apni - 2 in Hindi Short Stories by Awantika Palewale books and stories PDF | मंजिल अपनी अपनी - 2

Featured Books
  • खोए हुए हम - 2

    एपिसोड 02: अंधेरे से रोशनी तकहॉस्पिटल के बाहर हलचल मची हुई थ...

  • Shyari form Guri Baba - 4

    मैंने खुद को बर्बाद कर लिया,तेरी मोहब्बत में खुद को खो दिया।...

  • जुर्म की दास्ता - भाग 6

    उसके बाद वहां ज्यादा बातें नहीं हुई। जयदीप ने पूछा कि उन्हें...

  • लक्ष्मी है

    लक्ष्मी है (कहानी)अध्याय 1: गाँव की बिटियाउत्तर प्रदेश के छो...

  • अनोखा विवाह - 21

    पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि अनिकेत जब चेंज करके आता है तब भ...

Categories
Share

मंजिल अपनी अपनी - 2



घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर रखे हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है।

चंदा बोली अब ज्यादा मत बातें बनाओ। मैं तो शॉपिंग के लिए कब से तैयार बैठी हूं। हाथ पकड़ते हुए बोली चलो अब।

सूरज बोला चाय।
चंदा बोली क्या चाय पियोगे?

सूरज बोल पिला दो तुम्हारा राज के गुणगान गाएंगे।

चंदा बोली फिर वही झूठी चापलूसी।

तो फिर और किसकी चापलूसी काम आएगी तुम चाय बनाओगी तब तक मैं जरा सज धज लूंगा। क्रीम पाउडर लगा लूंगा। नई टाई लाया हूं देखता हूं तुम मेरी पर्सनालिटी की तारीफ करती हो कि नहीं सूरज बोला ।

सूरज चाय पीते हुए बोला वाह मजा आ गया ।क्या शानदार चाय बनाई है हमारी मालकिन ने।


चंदा बोली बस बस हो लिया जल्दी से खत्म करो वापस आकर शाम की पार्टी का बंदोबस्त करना है आपने तो सबके सब लोगों को निमंत्रण दे डाला।


सूरज बोला है तुम चिंता मत करो हम लोग अभी होटल में खाना खाएंगे फिर शाम को पार्टी के लिए खाने पीने की सारी चीजों का आर्डर देते हुए आ जाएंगे वहीं के बेर जाकर सर्वे करेंगे तुम काम से कम रात को यह तो नहीं कहा सकोगी नकल उतारते हुए हाय थक गई।।।।


चंदा बोली चलो हटो। अब चल भी पडो।।

सूरज बोल 1 मिनट कर दो निकलने दो।

चंदा बोली यह तो बहुत अच्छी जगह है। साफ सुथरा और खाने की सारी डिशेज भी मैंने तो भरपेट खा लिया।


सूरज बोला हां चंदा भाई मजा आ गया। खाने का यही इस शहर का एक आलीशान होटल है। अरे नौकर अब एक-एक आइसक्रीम और ला दो।


नौकर लाया साहब अभी लीजिए।

चंदा बोली दिसंबर में आइसक्रीम।।

सूरज बोला रिवाज हो गया है। तभी बनती है और बिकती भी खूब है।

नौकर थोड़ी देर में प्लेट रखता हुआ लीजिए साहब।

चंदा बोली वहां पर तो लगभग सभी बूढ़े नौकर है।

सूरज ने कहा उनकी मजबूरी देखो। बेचारे इस उम्र में भी काम कर रहे हैं। खाना तैयार करने वाले भी बड़ी उम्र के हैं। मालिक जानते हैं नौजवानों के मुकाबले यही ज्यादा ईमानदार भरोसेमंद और कार्य कुशल है ।जरा रुक कर अरे याद आया शाम को पार्टी पर चाचा मोहन को तो सूचना देना ही भूल गया।


चंदा बोली इसकी जरूरत नहीं है उन्हें वैसे ही याद रहता है।

सूरज बोला हां फिर भी जाकर बुलाना हमारा फर्ज बनता है।

चंदा बोली तो सुनिए घर पर आते ही आप पूछ रहे थे ना चंदा तुम कुछ उखड़ी उखड़ी सी लग रही हो वही आपका बुढा चाचा सारा मूड खराब कर कर गया। वही पुराना अंदाज लंबा पुराना कुर्ता मेले कंधे पर मत मेला झूला लगता है ।बहू तुम्हारे लिए केले लाया हूं। चलो हो गया अभी लेकिन यह पुराना राग एक खिलौना तो होना ही चाहिए। सच मुझे तो सारे बूढ़े ऐसे ही लगते हैं आज आप रहे हैं मुंह से झाग आ रहे हैं।

सूरज बोला ऐसा नहीं बोलते चंदा प्लीज चाय भी पिलाई थी या नहीं।?