Sath Zindgi Bhar ka - 63 in Hindi Love Stories by Khushbu Pal books and stories PDF | साथ जिंदगी भर का - भाग 63

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साथ जिंदगी भर का - भाग 63

आस्था हमारी बात तो सुनिए एकांश आस्था के केबिन में आ चुका था हमें कुछ नहीं सुनना चाहिए जाकर काम कीजिए अपना किसी ने आपको हमारे केबिन में देख लिया तो प्रॉब्लम हो जाएगी आस्था अभी भी गुस्से में थी हम दिल्ली जा रहे हैं एकांश कै कहते ही आस्था का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था

तो जाइए हमने कहा रोका रखा है आपको आस्था उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई जान प्लीज प्लीज एकांश ने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके कान पर रख दिए आस्था से सिहर कर बेचैनी से मुड़ी और उसकी बांहों में छुप गई इसलिए कुंवर जी इसलिए कहा था मत लगाइए हमें आपकी आपके छुअन की इतनी आदत कि कुछ दिन भी हम आपके बिना नहीं रह पाएंगे

आस्था जान सच में काम है मैं बिजी थे एकांश ने उसकी आंखों में देखा शिवाय बेबसी की तड़प के उसे कुछ और दिखाई ही नहीं दे रहा था काम क्या हमें काम नहीं कर रहे हम बिजी नहीं हैं दो-दो ऑफिस हम भी संभालते हैं और भी बहुत कुछ है जिसे हम देखना होता है इसके बावजूद भी निकल निकालते हैं ना आपके लिए वक्त पता है लंच के लिए भी रात भर को आपकी बाहों में सोने के लिए भी पागलों की तरह इंतजार किया है हमने आपका

लेकिन आप नहीं आए इतने करीब भी हम 4 दिन बाद आ रहे हैं ना आस्था ने उसकी आंखों में देखते हुए उससे सवाल किया वह जानती थी कि एकांश मजबूर है लेकिन उसका दिल भी तो मजबूर था एकांश के लिए उसके प्यार के लिए बहुत बेइंतेहा तड़प रहा था पहले भी वह काफी दूर रहे लेकिन उस वक्त एक दूसरे के मोहब्बत से अनजान थे

उस प्यार भरे छुअन से अनजान थे वह लेकिन अब उन्हें आदत हो गई थी एक दूसरे की और आस्था के लिए यह जुदाई बहुत ही मुश्किल हो गई थी जान प्लीज आई एम सॉरी एकांश में उसका चेहरा अपने हाथों में थाम लिया था कब तक वापस आएंगे आस्था ने उसका हाथ हटा दिया कल शाम तक एकांश पार्टी में आएंगे या नहीं आस्था की बेरुखी वाले सवाल और एकांश ने झट से उसे अपने करीब करके उसके होंठों को अपने होंठों में बंद कर दिया

जितनी बेकरारी से एकांश उसे किस कर रहा था इतनी बेकरारी से ही आस्था भी उसका साथ दे रही थी एक दूसरे के बिना उन्हें कुछ सोच ही नहीं रहा था एकांश ने उसके होठों को छोड़ गले पर कॉलर बोन पर अपने होंठ चलाने शुरू कर दिए थे आस्था पूरी तरह से उसे सरेंडर कर चुकी थी आखिर वह भी तो एकांश के प्यार के लिए तड़पती रही एकांश उसे दीवानों की तरह प्यार करने में मजबूर हो गया था चाहे दिन हो वह भी तो इस अहसास से दूर रहा था उसे भी आस्था से जुदाई किसी भी हाल में मंजूर नहीं थी

शायद आस्था से भी ज्यादा वह तड़पा था लेकिन उसकी जिम्मेदारी ने उसे बांध रखा था अब भी आस्था को नाराज छोड़ दिल्ली जाना उसकी जान पर आ गया था लेकिन फिर भी उसका जाना जरूरी था आस्था को किस करते हुए वह छोड़ थोड़ा सा नीचे आया और उसके गले के थोड़ा नीचे और सीने पर सीने सीने के थोड़ा ऊपर एक लव बाइट दे दिया

आह ..... कुंवर जी आस्था ने उस पर की पकड़ मजबूत कर ली एकांश ने भी तेजी से अपने होंठ वहां घुमाने शुरू कर दी है आस्था की हर एक सांस कि उसे बेकाबू कर रही थी और एकांश का हर एक मोड़ आस्था को अलग ही दुनिया में लेकर जा रहा था इस अहसास को कोई भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं था

मोबाइल की रिंग से एकांश होश में आ गया उसने एक नजर आस्था की तरफ देखा जो आंखें बंद करें अभी भी एकांश के स्पर्श में खोई हुई थी सॉरी जान एकांश ने उसके सर पर किस करके कहा और बिना एक पल भी वहां रुके बाहर की और चला गया दोनों भी अपने अपने केबिन के वॉशरूम में जाकर अपने आप को नार्मल करने में लगे हुए थे

आस्था का उसका यू उसे तड़पाता हुआ छोड़कर जाना बिल्कुल अच्छा नहीं लगा वह अपने रिश्ते को उस मुकाम तक पहुंच गए थे जहां वह पूरी तरह से एकांश का होना चाहती थी अपना सब कुछ उस पर कुर्बान करना चाहती थी और एकांश का इस तरह उसे छोड़ना उसे बहुत हर्ट कर गया था एकांश का भी हाल कुछ इसी तरह ही था 4 दिन बाद वह अपनी जान को महसूस कर रहा था

उसके अपने आपको पर सारा का कंट्रोल छूट गया था आस्था को अपने सामने यूं पाकर वह चाह कर भी नहीं रोक पाया वह आस्था को पूरी तरह अपने रंग में रंग ना चाहता था लेकिन आकाश की कॉल से होश में आकर वह बाहर आ गया एकांश दिल्ली चला गया और उसके याद में आस्था बिना कुछ खाए पिए ही देर रात तक काम में बिजी रहे एकांश को किसी तरह से अपना काम जल्द से जल्द खत्म करके वापस अपनी जान के पास वापस आना था

वह भी अपनी भूख प्यास सब छोड़ कर काम में बिजी हो गया था ताकि आस्था के पास जल्दी से जल्द पहुंच सके भाभी सा यार इस तरह उदास मत होइए रूद्र को आस्था की खामोशी अब बर्दाश्त नहीं हो रही थी सारा श्रावणी और स्वप्न भी मौजूद थे आई मिस हिम हमें कुंवर जी चाहिए दा रोते हुए उसके गले लग गई यार तू कब से इतनी कमजोर हो गई सारा की आंखें भी नम हो गई थी

पता नहीं लेकिन हमें नहीं अच्छा लग रहा है उनका इस तरह हमें इग्नोर करना है ना वह बिजी है लेकिन एक कॉल एक कॉल नहीं कर सकते क्या वह हमेशा अपने जज्बातों से हार चुकी थी डॉल हमारी कल रात की रिटर्न फ्लाइट है तू यहां भाई सा के बिना 1 दिन भी नहीं रह पा रही है फिर न्यूयॉर्क में कैसे रहेगी सारा को अब सच में आस्था की फिक्र हो रही थी

वह वापस क्यों जाएगी हमारे पास प्लान रेडी है हम उन्हें रोक लेंगे स्वप्न अपना प्लान बताने को रेडी हो गया लेकिन सारा ने उसे बीच में ही रोक दिया था भाई सा डॉल का जाना जरूरी है ऑफिस में कुछ प्रॉब्लम हो गयी है जो सिर्फ डॉल के वहां जाने से ही सॉल्व होगी

सारा भाभी सा रूद्र ने हताश होते हुए उसे आवाज दी जाना जरूरी है जाना जरूरी है आस्था ने उदासी से कहा रूद्र उसके चेहरे पर की उदासी देख ही नहीं पा रहा था हमारी प्यारी सी छोटी सी भाभी का कल जाना है ना तो आज क्यों उदास होना है आज की पार्टी आप फुल इंजॉय कीजिए और रहा सवाल भाई साहब का तो भाई सारे काम के चलते आपको इग्नोर किया है अब आप उन्हें इग्नोर कीजिए इनफैक्ट सिर्फ आज ही नहीं कल भी फिर देखिए रूद्र के आगे कुछ बोलने से पहले यह सारा ने उसे रोक दिया

कुछ भी मत बोलिए रूद्र क्या कहना क्या करना है इग्नोर करके यह 2 दिन उन्हें एक दूसरे के साथ में रहना चाहिए और आप उन्हें अलग रहने को बोल रहे हैं सारा एक तो पहले पूरी बात तो सुनेंगे आप रूद्र क्या सुने आप कुछ भी बकवास प्लान मत कीजिए

सारा सारा सुन तो ले लीजिए रूद्र भाई सा क्या कहना चाहते हैं श्रावणी ने उनके बीच की बहस शुरू की लेकिन अच्छा बोलिए सारा भाभीसा वैसे भी आप यहीं रुक नहीं सकते आप के ऑफिस में कुछ प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए आपको कम से कम 15 दिन के लिए वहां तो जाना ही होगा राइट रूद्र हां आस्था तो हम यह कह रहे थे अगर आप भाई साहब को इग्नोर करेंगे उनसे नाराज होंगे तो उन्हें आपकी नाराजगी दूर करने के लिए आपके पास तो आना ही होगा और हम हमारे भाई साहब को अच्छे से जानते हैं वह अपने वह आपको मनाने के लिए न्यूयॉर्क तो क्या दुनिया की कोई भी कोने में जा सकते हैं रूद्र

यह भाभी का रूद्र एक राइट भाभी सा भाई सा आप को मनाने के लिए न्यूयॉर्क जरूर आएंगे और वैसे भी क्या फर्क पड़ता है आप यहां साथ रहेगा फिर वहां स्वप्न को विरोध का प्लान पसंद आया लेकिन एक प्रॉब्लम है हम उन्हें इग्नोर नहीं कर सकते यह हम से नहीं होगा आस्था ने अपना सिर झुकाते हुए कहा और यह सच ही तो कहा था एकांश की नजरों से निकलने वाली वह कैसे उससे नाराज रह सकती थी क्या नहीं होगा करना होगा यह डॉल तू एक काम कर भाई सा के पास देख ही मत तब तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी ना तुझे और वैसे भी सिर्फ कल का कल दिन भर का सवाल है पार्टी में तो हम सब बिजी रहने वाले हैं

सारा और रहा सवाल कल का तो भाभी का आप हमारे साथ ऑफिस चले हम आपको सारी नई ज्वेलरी कलेक्शन दिखाने के बहाने ले जाएंगे तो फिर भाई साहब का सामना करने का कोई सवाल ही नहीं रहा स्वामी श्रावणी आंखों में गहरी सांस छोड़ी और हां में सर हिला दिया पार्टी का टाइम होने की वजह से वह सब तैयार होने लग गए आस्था ने पार्टी के लिए ब्लैक कलर की नेट पार्टी वियर साड़ी पहनी हुई थी शॉर्ट क्लिप का डीप नेक ब्लाउज सामने से हेयर स्टाइल करो बालों का मन जिसमें उसकी पीठ काफी एकट्रैक्ट दिख रही थी

कानों में ब्लैक डायमंड और उसी पर मैचिंग पेंडेंट जो बहुत नाजुक सेंड में फिर आया हुआ था एक हाथ में वॉच तो दूसरे हाथ में प्लेन ब्लैक चूड़ियां कमल से लटकता चमकदार कमरबंद हल्का सा न्यूड मेकअप लेकिन थोड़ी डार्क रेड लिपस्टिक स्मोकी आई और चेहरे पर छोड़ी हुई वह बालों की लट डोली तू आज सरे आम सरे आम तू आज सरे आम कत्ल करने वाली है काश यार मैं लड़का होती ईश्वर तुझे ना ऐसे चुप चुप कर छुपाकर रखती की कोई देख ही नहीं पाता सारा ने अपने दिल पर हाथ रखकर आस्था को देखते हुए कहा हम भी सारा ऐसे ही करते वैसे हम भाई सा की हालत को सोचकर हंसी आ रही है

पता नहीं भाभी सा को इग्नोर करना वह 5 मिनट भी नहीं सह पाएंगे या नहीं श्रावणी करेक्ट कहीं ऐसा ना हो हम उन्हें उन्हें इग्नोर करने का प्लान बनाया और वह आस्था को लेकर गायब भी हो जाए सारा ने उसे चिढ़ाते हुए कहा जिसे सुनकर आस्था के गालों का रंग झर झर करके बदल गया शर्म कि वह गुलाबी रंगत उसके चेहरे पर छा गई वापस आ आप पहले बता देती कम से कम हमें इतनी मेहनत तो ना तो नहीं पड़ती

श्रावणी के ऐसा कहते ही आस्था कंफ्यूज हो कर उसे देखने लग गई क्या बता देते श्रावणी आस्था ने पूछा यही कि आपके चेहरे पर कि यह रंगत यह निखार सिर्फ भाई सा के नाम से ही चल जाता है हम मेकअप के बजाय उन्हीं का नाम ले लेते श्रावणी ने आस्था का चेहरा आईने की तरह करते हुए कहा आस्था के गालों पर और गुलाब खिल गए और होंठों पर खूबसूरत हंसी बिखर गई

उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी अपने आपको नजर उठाकर आईने में देखने की डॉल अपने आप को जरा देखो तो सही अगर ऐसे ही ब्रश करती रही तुम ना सिर्फ एकांश भाई सा बल्कि पार्टी में आया हर शख्स तुम्हारा दीवाना हो जाएगा सारा के कहने पर आपने अपने आप को देखा उसे अपने साथ साथ एकांत की छवि आईने में दिखाई दी दिखाएं उसकी आंखों के वह मुश्किल शरारत भरे भाग देख आसन की धड़कनें तेज हो गई है

उनके चल से ही यह हाल है आपका तो जब वह आपके सामने आएंगे क्या आप उन्हें इग्नोर कर पाएंगे वहां भा भी सा श्रावणी और सारा उसे चिढ़ाने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही थी और आस्था शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी अब बस भी कीजिए ना आप दोनों आस्था ने किसी तरह से उन्हें कहा उसे बड़ी शिद्दत से एकांश की याद आ रही थी

एकांश का वह बेकाबू होकर उसे किस करना अपने प्यार की निशानी आस्था के बदन पर छोड़ना और सबसे इंपोर्टेंट उसकी को सहारत भरी नजरों से देखना सोचकर ही आस्था के पूरे बदन पर रोंगटे खड़े हो गए उसने झट से अपनी नजरों को शर्म से झुका लिया और अपने जज्बातों पर कंट्रोल करने लगे आपको इग्नोर करना हम से नहीं होगा कुंवरजी आस्था ने दिल ही दिल में कहा और तेजी से अपनी आंखें बंद कर ली

अब आप इस पाठ को इंजॉय कीजिए तब तक मैं नेक्स्ट पार्ट में क्या लिखना है वह सोचती हूं और लिख दूंगी पब्लिक भी कर दूंगी अंडवा कमेंट करना मत बोलिएगा एंड गिव फिटिंग थैंक यू सो मच