Sath Zindgi Bhar ka - 53 in Hindi Love Stories by Khushbu Pal books and stories PDF | साथ जिंदगी भर का - भाग 53

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साथ जिंदगी भर का - भाग 53

वरद और ऐश्वर्या के आने को वजह से बहुत खुश हो गई आस्था उसकी खुशी उसकी आंखों से झलक रही थी वह फिर से सब से बातें करने लग गई थी

इतने दिनों बाद सबके मिलने की वजह से उसे कितने बातें करूं और कितनी नहीं ऐसा हो गया था रूद्र सारा ने धीरे से पुकारा हां कहिए रूद्र आपको नहीं लगता कि डॉल और एकांश भाई सा को अकेले में मिलना चाहिए

सारा लगता तो है लेकिन क्या कर सकते हैं रूद्र ने कहा और उसे देखकर सारा नै ना में सिर हिलाया लाइक इनका कुछ नहीं हो सकता

उसने जोसफ जि से को मैसेज किया और उठकर किचन से चली गई उसने अपने साथ पानी का गिलास लिया और जानबूझकर एकांश के शर्ट पर गिराया सॉरी भाई सा गलती से हो गया है

सारा ने छोटा-सा मुंह पेश करते हुए कहा ओके सारा वॉशरूम एकांश ने आस्था की और देखा कहा लेकिन उसने उसे इग्नोर कर दिया आइए हम ले चलते हैं आपको सारा ने एकांश से कहा और एकांश भी उसके पीछे चला गया था

भाई सा यह डॉल का कमरा है आप फ्रेश हो है सारा ने कहा और वहां से चली गई एकांश भी बहुत खुश हुआ और जल्दी से अंदर चला गया उसे उसकी जान का कमरा जो देखना था लेकिन अंदर जाते ही उसके चेहरे पर स्माइल आ गई

उसने अपने सर पर हाथ मार दिया यह लड़की अभी तक नहीं सुधरी अभी भी उतनी ही confuse होती है कपड़ों को लेकर इतने बेड पर फैले हुए कपड़ों को देखकर कहा उसे याद आया कि आस्था पहले भी जब उसके लिए कपड़े निकालते थे तब आधे से ज्यादा कपड़े बेड पर फैला देती थी

वहां की हर एक चीज को छू कर देखने लगा उसने आस्था का एहसास अपने अंदर समाने की कोशिश कि सारा ने नीचे आकर जो शख्स को ओके का इशारा किया और तभी आस्था को फोन रिंग हुआ उसने कॉल रिसीव किया और ओके कह कर रख दिया

जैनी आप हमारे कमरे से रेड कलर की फाइल ले आओ और जेनी को दे दो और जॉन फाइल मार्क अंकल को दे दो आस्था ने कहा और फिर से बातें करने लगी

वेट डॉल वह सबके लिए कॉफी बना देगी तुम फाइल ले आओ ना जेनी फाइल लेकर आइए हम कॉफी और चाय बनाते हैं

आस्था ने कहने पर सारा को समझ नहीं आया कि वह क्या कहें आज हम सबके लिए कॉपी बनाएंगे और सारा हमें कष्ट करेंगे आप अपना काम देख लो रोज ने कहा और किचन की और चली गई चला गया आस्था भी फिर अपने कमरे की ओर फाइल कहां रख दी हमने इधर-उधर ढूंढने लगी उसकी आवाज सुनकर बाथरूम के बाहर आ गया और फिर उसने निहारने में बिजी हो गया

शिवजी यह कपड़े को पहले रूम साफ करने को बोल देते किसी ने देख लिया तो क्या सोचेंगे हमारे बारे में आस्था ने कमर पर हाथ रख कर बेड पर फैले कपड़ों को देखकर कहा नहीं कि आपकी आदत अभी तक नहीं बदली है

एकांश उसके पीछे लेकिन थोड़ा दूर ही खड़ा हो गया आप यहां आप यहां क्या कर रहे हैं आस्था उसे देखकर हैरान हुए विकास ने अपना कोर्ट उतार कर रखा हुआ था उसकी शर्ट के ऊपर दो बटन भी खुले हुए थे जिसमें से उसका चौड़ा सीना साफ साफ दिखाई दे रहा था

इन शर्ट वह बहुत हॉट दिख रहा था और उसकी स्माइल उसके हॉट नेस को और भी ज्यादा बढ़ा रही थी एकांश से कुछ बोला ही नहीं गया

वह बस आस्था को ही देखता जा रहा था कमर पर रखे हाथकड़ी आशा अपनी बड़ी बड़ी आंखों को और बड करते हुए देख रही थी एकांश को बहुत गुस्सा लग रही थी आस्था उस टाइम उसने जल्दी से सामने आकर उसका नाक की खिंची आस्था कुंवर जी कहते कहते रुक गई लेकिन एकांश को उसके मुंह से को कुंवर सा सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था

सॉरी हमें ऐसा नहीं करना चाहिए था एकांश ने कहा आस्था ने कुछ नहीं बोला गया एकांश को उसका यू नाक खींचना उसे पसंद बहुत आया

लेकिन उसे अपने गुस्से और नाराजगी के चलते उसने बताया कि उसे अच्छा नहीं लगा आस्था कैन आई कैन आई हग यू एकांश ने कहा और बिना उसका जवाब सुने ही उसको अपनी बाहों में भर लिया

उसकी आंखें नम हो गई उसे अब उससे दूर होना बहुत मुश्किल हो रहा था कितना सुकून कितनी खुशी कितना महसूस कितना अच्छा था वह इस वक्त बीते 5 सालों में कितना तड़प तड़प रहा था उसे एक नजर देखने के लिए उसे अपने आगोश में लेने के लिए और अपनी पकड़ और मजबूत कर ली माना अगर उसने उसे छोड़ा तो वह दूर चली जाएगी दुबारा से आस्था बहुत ज्यादा हैरान थी

उसके इस तरह गले लगाने पर एक उसे भी तो यही चाहिए था भले ही वह सब के साथ बातें कर रहे थे मगर उसका पूरा ध्यान एकांश की तरफ ही था वह भी उसे गले लगा कर रोना चाहते थे

उसे सवाल करना चाहती थी कि क्यों क्यों क्यों उसने किया है ऐसा क्यों दूर किया उसे क्यों उसके मोहब्बत को नहीं समझा लेकिन इस वक्त वह सब सवाल भूल गई और खूब ही अपने कुंवर जी की बाहों में और उसने धीरे से एकांश की पीठ पर अपना घर पर आता हुआ हाथ रखा

आई मिस यू जान आई मिस यू सो मच एकांश का उसको एहसास होते ही उसने कहा लेकिन आज तक होना ही कुछ सुनाई दे रहा था और ना ही उसने कुछ जवाब दिया

आस्था एकांश ने उसे पुकारा आस्था की खोई हुई आवाज से आई डी डी यू मिस मी ए काय नो आई डोंट मिस यू आस्था ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली उसकी बातें और उसकी हरकतें कम्प्लीट अपोजिट भले ही वह ना कर रहे हो लेकिन उसकी पकड़ से यह साफ बता रहे थे कि उसने किस हद तक उसे याद किया

एकांश को भी समझ गया था उसके चेहरे पर स्माइल आ गई उसने अपना एक हाथ उसकी पीठ पर रखा तो एक हाथ उसकी कमर पर रखा और अपने बेहद गरीब और ज्यादा खींच लिया आस्था तब तक आस्था सिहर उठी उसके खुली पीठ पर रखा एकांश के हाथ में उसे और भी ज्यादा बेचैन कर दिया था

वह पहले भी कई बार एकांश की बाहों में गई थी लेकिन आज कुछ अलग था कुछ उसकी बाहों में कुछ स्पेशल लाइक मैग्नेटिक जो आस्था को अपने उसको अर्जी की ओर खींच रहा था

उसे बेचैन कर रहा था उसकी बेचैनी में उसने एकांश को इतनी जोर से पकड़ा कि उसके एकांश को चुभ गए लेकिन इस मीठे दर्द का एहसास होने के लिए वह होश में कहा था ना जाने कितनी देर से वह वैसे ही रहे उन्हें वक्त का एहसास था और ना ही किसी बात का वह बस इस पल को जीना चाहते थे दोनों भी अपने अपनी आंखें बंद किए हुए एक दूसरे को महसूस कर रहे थे

आस्था का तब फोन रिंगटोन और उस मदहोश करने वाली खामोशी में अचानक हुए आवाज से आस्था डर गई इसमें होश में आया कुछ नहीं हुआ एकांश ने उसे शांत करने के लिए कहा उसके माथे पर अपने लबों की मोहर दे दी आस्था ने फिर भी एक बार अपनी आंखें बंद की और उसकी आंखों से आंसू लुढ़क गए आस्था क्या हुआ इतने उसके आंसू देख उसके चेहरे को अपने हाथ में था और फिर से पूछा और आस्था ने झट से उसका हाथ हटा दिया

पहले ह ही हम पर तरस खाकर बहुत एहसान कर चुके हैं आपको कुंवर सा अब और करने की जरूरत नहीं है अब और करने की जरूरत नहीं है आपकी झूठी फिक्र आपकी यह केयर अपने तक ही रखिए आप हम हम अब इस काबिल है कि अपना ध्यान खुद रख सकते हैं तो प्लीज नेक्स्ट टाइम ऐसा कुछ मत कीजिए

आस्था गुस्से में कुछ भी कहे जा रही थी वह खुद इतनी हर्ट थी कि उसे समझ में नहीं आया कि उसकी बातें एकांश को कितना हर्ट ज्यादा कर रहे हैं क्या हुआ है बच्चा आप ऐसे क्यों कह रहे हैं

एकांश ने फिर एक बार उसके चेहरे को थामना चाहा लेकिन आस्था पीछे हट गई प्लीज लीव कुंवर सा आस्था ने बिना कोई भाव अपने चेहरे पर लाए हुए कहा एकांश को भी उसे अकेला छोड़ना फिलहाल बेहतर लगा उसने अपना कोर्ट उठाया और बाहर चला गया

आस्था नीचे बैठकर सिसक सिसक कर रोने लगी लेकिन फिर एक बार फोन की आवाज सुन उसने अपने आंसू पोंछे और चेहरे पर पानी मार कर बाहर सब के पास आ गई

एकांश का उसका ही आने का इंतजार कर रहा था उसे उसको अकेले छोड़ने की बिल्कुल भी तमन्ना नहीं थी फिर भी वह आस्था के कमरे से बाहर आ गया वह फिर से बस उसी का इंतजार करने लगा एकांश आस्था को बाहर आता देख उसे राहत महसूस हुई और हैरानी भी आस्था बिल्कुल नॉर्मल थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं है आखिर उसने यह हुनर भी तो आपने कुंवर जी से ही सीखा था

अपने दर्द को अंदर के अंदर ही छुपा कर मुस्कुराना जॉन को फाइल देकर वह फिर बातों में लग गई आप सबके लिए हाजिर है टना टन आप सबके लिए हाजिर है रुद्र डे स्पेशल चाय रूद्र नौटंकी करते हुए एंट्री और सब को कप दिए भाभी सा स्पेशली आपके लिए रूद्र ने एक कप आस्था के हाथों में दे दिया थैंक यू दा

अब प्लीज एक गिलास पानी भी दे दीजिए आस्था ने इतनी क्यूट ली कहां की रूद्र मना ही नहीं कर पाया अभी लाते हैं रूद्र किचन की ओर गया और आस्था नजर से अपना और उसका कप चेंज कर दिया

सब उसकी तरफ देख रहे थे और उसने हंसते हुए अपनी आंख की पलके झपकते हुए कहा कि मुझे पानी है

थैंक यू रूद्र आस्था ने थोड़ा सा पानी पिया और अपनी चाय का कप उठा लिया रूद्र ने आस्था के एक्सप्रेशन इमैजिनेशन करते हुए अपनी चाय का बड़ा सीप लिया और अगले ही पल उसे मुंह से उड़ा दिया

आस्था के साथ सभी सभी जोर जोर से हंसने लगे और रूद्र उसे घूर कर देखने लगा जैसे को तैसा रूद्र दा आस्थ ने हंसते हुए कहा देख लूंगा मैं आपको रूद्र कहते हुए किचन की तरफ चला गया और फिर एक बार हंसने लग गए

चलिए जल्दी-जल्दी बताइए कैसा लगा आपको यह पाठ और

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