Khat wala PYAAR - 5 in Hindi Short Stories by Ek_Gunjati_AAWAZ books and stories PDF | खत वाला PYAAR - 5

Featured Books
  • ચંદ્ર પર રોમાંચક પ્રવાસ - 1

    ​પ્રકરણ ૧: રહસ્યમય ટાપુ​પ્રવેશ: આરવ, એક સાહસિક યુવાન, પોતાના...

  • નિર્દોષ - 2

    ​અધ્યાય ૩: શંકાનું બીજ અને બુદ્ધિનો અજવાળ​૩.૧. તર્કની લડાઈ​ઇ...

  • સૂર્યકવચ

    ​સૂર્યકવચ: કેદીનું સત્ય – તપાસનો નાટ્યાત્મક વળાંક​પ્રકરણ ૧:...

  • ટેલિપોર્ટેશન - 1

    ટેલિપોર્ટેશન: પહેલું સંકટ​આરવની ગાથા (Aarav Ni Gatha)​પાત્ર...

  • એકાંત - 56

    કુલદીપ અને ગીતા એમનાં ઘરેથી ભાગી ગયાં હતાં. ગીતાનાં પપ્પાએ એ...

Categories
Share

खत वाला PYAAR - 5

लड़का लिखता है कि,......

हे.......गॉववाली लड़की ....गांव वाली लड़की ......गांव वाली लड़की..... गांव वाली लड़की....... हमारे गांव में आकर खेत करेगी क्या ??

अगर ना आता हो तो मैं सिखा दूंगा वैसे तुमने अपना नाम नहीं बताया कोई बात नहीं कैसे भी करके मैं तुम्हारा नाम तुम्हारे ही मुहसे निकलवा लूंगा !!

देख गांव की छोरी , कोई बात नहीं हाल-चाल क्या है वह बता ,क्या पढ़ाई कर रही हो , या फिर कोई नौकरी कर रहे हो या फिर ऐसे ही गांव में घर पर ही बैठे रहते हो, ह...... यह बात बता पूरा दिन तू करती क्या हो वह तो मैंने अभी तक तुम को पूछा ही नहीं है....🤔 कोई बात नहीं अब बता दें कि पूरा दिन तुम घर पर करते क्या हो और हां सच सच बताना झूठ मत बताना वरना मैं तुम्हें पकड़ लूंगा सही ही बताना, समझ गई 👍 ......

( तुम्हारे खत का इंतजार रहेगा..... गांव वाली छोरी...)

लड़की लिखती है कि...

हेलो राहल ...... मानती हूं कि तुम बहुत अच्छे होगे मुझे भी पता है कि, तुम्हारी नौकरी होती है फिर भी तो तुम वक्त निकालकर मूझे टाइम पे खत✍️ भेजते रहते हो ....मेरा तो क्या है?? मैं तो पूरा दिन ऐसे ही रहती हूं कुछ काम तो रहता ही नही हैं....,बस ऐसे ही मम्मी के काम को हाथ बटाती रहती हूं। हमारे परिवार में बहुत सारे लोग हैं मेरे मम्मी पापा,चाचा चाची , बहन ,दादा दादी, दो भाई और भाभी भी हैं साथ में, मेरा बहुत बड़ा परिवार है.... हमारा उन सबके साथ रहते रहते पूरा दिन बीत जाता है पता भी नहीं चलता है कि कब शाम और कब सबेरा हो जाता हैं ........फिर भी पता नही की, क्यो अच्छा नही लगता है........जब तक तुम्हारा खत नही आता तब तक कुछ भी अच्छा नही लगता हैं😣 😣

शाम होते ही लगता हैं कि कब सवेरा होगा और कब तुम्हारा खत आये और कब में पढ़ू .....११ और एक बात तुम्हें पता है की, अब मम्मी तो मुझे उठाने भी नहीं आती है मा तो सोचने में पड़ गई कि यार....! यह क्यों इतनी बदल गई🤔 इतनी कि सुधर गई अब तो मुझे इसको उठाना भी नहीं जाना पड़ता है वह तो सुबह होते ही उठ जाती है अच्छे से तैयार होकर किचन में मेरे साथ काम करने लग जाती है मेरी मम्मी ना, उलझन में बहुत ज्यादा पड़ गई है....🤣🤣

और यह क्या बात हुई गांव वाली छोरी....गांव वाली छोरी....? कितनी बार लिखा तुमने अब मैं नाम ना बताऊंगी तो क्या तुम गांव वाली छोरी कहकर बुलाओगे ?? यह मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा मेरा भी नाम है मुझे भी नाम से कोई बुलाये पर छोड़ो कोई बात नही.....🙄 मेने ही तो मना किया था ।🤣🤣

चलो कोई बात नहीं, राहुल अब मुझे अपने परिवार के बारे में कुछ बताओ तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है१ क्या करते हैं १ कैसा परिवार है १ कितने लोग हैं १ मुझे भी जानना है तुम्हारे बारे में, तुम्हें क्या अच्छा लगता है क्या बुरा लगता है ...? वह भी सब बताओ मुझे भी जानना है तुम्हारे बारे में ............ अब अगले खत में तो बहुत लंबी लिस्ट होगे नहीं राहुल......??🤣🤣

( तुम्हारे खत का इंतजार रहेगा..... राहुल )