Vishwash - 18 in Hindi Human Science by सीमा बी. books and stories PDF | विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 18

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विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 18

विश्वास (भाग--18)

टीना बहुत दिनों के बाद अपने आप को हल्का महसूस किया। परिस्थितयाँ कैसी भी हों सबसे पहले हमारी नींद गायब हो जाती है। चाहे दुख हो या सुख!!! टीना बहुत देर तक भुवन की बातों पर सोचती रही फिर न जाने कब उसको नींद आ गयी।

बहुत दिनों के बाद टीना की घर में पहली सुबह भी शानदार रही। सबसे पहले वो गैलरी में चिडियों को देखने गई, चिड़ियों की चहचहाहट उसे अच्छी लग रही थी। उनके लिए दाना पानी सब रखा हुआ था, फिर भी एक चिडिया पिंजरे में चुप सी लगी। टीना को पिजंरा हॉस्पिटल लगा और चिडिया की जगह खुद नजर आई। बिना किसी को कुछ कहे या पूछे उसने पिंजरा खोल दिया।

पिंजरा खोल वो अंदर आ गयी। टीना की दादी और पापा ने उसको ऐसे करता देखा तो वो सब समझ गए। टीना ये बिल्कुल ठीक किया बेटा, "अब इनको यहाँ रहना होगा तो रहेंगी नहीं तो उड़ जाएँगी, हम को अच्छा लगा कि हमारी बेटी ने सही फैसला लिया"।

टीना की फिजियोथैरपी के लिए पास के एक हॉस्पिटल में पता करके डॉ को घर ही आने को उमेश ने कह दिया। सुबह 11 बजे का टाइम था तो टीना उससे पहले तैयार रहती। सब कोशिश करते कि टीना बोलने पर भी ध्यान दे। टीना भी कोशिश करती पर बोल नहीं पा रही थी। डॉ से पूछा तो उन्होंने कहा कि," उसके मन में डर है, जो धीरे धीरे चला जाएगा"।

दोपहर के खाने के बाद टीना भुवन को मैसेज करती। भुवन भी कॉलेज से आ जाता था तो दोनो बातें करते रहते। भुवन उसको फोन करता तो वो इयर फोन लगा कर सुनती और जवाब वॉचसप्प पर लिखती । ये तरीका भुवन ने ही बताया था जो टीना को काफी अच्छा लगा।भुवन उसको हमेशा शेरनी कहता और उसको चलने और बोलने की कोशिश के लिए कहता रहता।

टीना के दिल में भुवन के लिए इज्जत का भाव है। मेडिटेशन और योगा उसने भुवन के कहने पर शुरु कर दिया। उसका मानना है कि भुवन उसका अच्छा ही सोचता है। भुवन के तरीके से सोचा जाए तो उसे हर वो काम करना अच्छा लगता है, जिससे किसी का कुछ अच्छा हो। वो समझ गया था कि टीना को दोस्तो की जरूरत है, क्योंकि जैसे उसने भुवन को बताया था उसके काफी दोस्त थे।

वक्त के साथ साथ दोनो की दोस्ती गहरी होती जा रही थी। उमा जी ने काफी बार उसको घर आने को कहा पर उसने कहा कि "जब तक टीना बोलना और चलना शुरू नही कर देती तब तक वो नही आएगा"।

सरला और उमा जी ने भी 2-3 बार फोन पर हाल चाल जान लिया। समय अपनी चाल से बीत रहा था, टीना भी कुछ ठीक हो रही थी। कुछ दिन से भुवन को बुखार था तो ज्यादा बात नही कर पा रहा था। टीना का अपने दोस्त की फिक्र करवा लाज़मी ही था। वो रोज़ तीन चार बार पूछती उसकी दवा के बारे में ली या नही वगैरह .....।

डॉ के पास जाने पर पता चला कि भुवन को टायफॉइड हुआ है। उसने अपने घर पर बताया तो भुवन की छोटा भाई उसको गाँव ले गया। घर जाने से पहले उसने टीना को मैसेज करके बताया, "शेरनी मेरी तबियत ठीक नहीं है तो छुट्टी ले कर घर जा रहा हूँ, तुम वो सब करना जो कहती रहता हूँ, फोन बंद रहेगा तो परेशान मत होना, तबियत ठीक होते ही बात करता हूँ तब तक अपना ध्यान रखो "!!