Love Life - 14 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | लव लाइफ - भाग 14 - सवाल ?

Featured Books
  • NICE TO MEET YOU - 6

    NICE TO MEET YOU                                 પ્રકરણ - 6 ...

  • ગદરો

    અંતરની ઓથથી...​ગામડું એટલે માત્ર ધૂળિયા રસ્તા, લીલાં ખેતર કે...

  • અલખની ડાયરીનું રહસ્ય - ભાગ 16

    અલખની ડાયરીનું રહસ્ય-રાકેશ ઠક્કરપ્રકરણ ૧૬          માયાવતીના...

  • લાગણીનો સેતુ - 5

    રાત્રે ઘરે આવીને, તે ફરી તેના મૌન ફ્લેટમાં એકલો હતો. જૂની યા...

  • સફર

    * [| *વિચારોનું વૃંદાવન* |] *                               ...

Categories
Share

लव लाइफ - भाग 14 - सवाल ?


एपिसोर्ड 14 ( सवाल ? )
श्रेया को अक्षत पर शक सा हो रहा था , की अक्षत उसकी बात इतनी आसानी से तो नहीं मान सकता है | पर उसने उससे कोई सवाल नहीं किया | क्यूंकि उसे नजर आ रहा था , की अक्षत का मूड ठीक है नहीं है |
सीन 1 ( हॉस्टल में हिना )
हिना : है भगवन ! कितना काम है ! क्या करूं मैं ... मुझे कुछ भी कर के पापा को ये यकीन दिलाना ही होगा ,,, की मैं श्रेया से ज्यादा काबिल ,,, ओर कंपनी को उससे बेहतर संभल सकती हूँ |
हिना ये सब सोच ही रही थी ... की अचानक उसका फ़ोन बजता है | उसने देखा की उसकी माँ उसे कॉल कर रही है | पहले तो वो फ़ोन नहीं उठाना चाहती थी ... पर जब बार बार हिना की माँ का उसे फ़ोन आ रहा था ,,, तो उसे फ़ोन उठा ही लिया |
हिना : ( चीखते हुए ) हाँ मोम ... क्या हुआ अब ?
सुषमा जी : ( उदास आवाज़ में ) मुझे तुम्हारी याद आ रही थी | इसलिए फ़ोन कर रही थी | ( ताना मरते हुए ) तुम्हे तो मेरी याद आती ही नहीं |
हिना : देखो मोम ... अगर आपको मेरी शिकायत करनी है .. तो प्लीज़ ... मैं फोन काट रही हूँ | बाय |
सुषमा जी : अरे अरे ... बीटा मेरी बात तो सुनो | मैंने इस के लिए फ़ोन नहीं किया है तुम्हे |
हिना : फिर क्यूँ किया हिया | क्या ये बताने का कष्ट करेंगी आप |
हिना के बात करने के तरीके से सुषमा जी को बहुत तकलीफ हो रही थी | पर उन्होंने हिना से कुछ नहीं कहा | क्यूंकि वो जानती थी | की अगर उन्होंने कुछ बोला | तो हिना उनसे बात नहीं करेगी |
सुषमा जी : बात ये है की .. तुम्हारे पापा ... आपनी विल चेंज करने का सोच रहे है |
हिना : ( खुश होते हुए ) क्या .. सच में | ( पर अचानक उदास होते हुए ) पर कहीं वो सब कुछ उस चुडेल श्रेया को देने का तो नही सोच रहे हैं न | देखो मोम अगर पाप ने ऐसा कुछ किया न ... तो ....
सुषमा जी : मुझे कुछ पता नहीं है बेटा | मुझे जितना पता था . मैं तुम्हे बता चुकी हूँ | बाकि मैं उन पर नजर रखूंगी | पता करूंगी की ... की तुम्हारे पापा क्या करने की कोशिश कर रहे है | मैं उन्हें कुछ गलत करने दूंगी ही नहीं | तुम चिंता मत करो | मैं तुम्हारे पापा को ... तुम्हारा हक किसी कोर को नहीं देने दूंगी |
सीन 2 ( अक्षत के घर पर )
अक्षत ने श्रेया को बहुत आराम से बिस्तर पर बिठाया ... श्रेया की बाहें अक्षत की गर्दन के पीछे थीं | ओर अक्षत का एक हाथ श्रेया की कमर के पास ओर दूसरा उसके सर के पीछे था | अक्षत बहुत प्यार से श्रेया को देख रहा था | अक्षत मन ही मन सोच रहा था |
अक्षत : ( मन ही मन ) अगर आज श्रेया को कुछ हो जाता न ... तो .. मुझे नहीं पता की मैं क्या करता |
श्रेया ये फील कर पा रही थी .. की अक्षत के दिमाग में कुछ चल रहा है | पर वो अभी कुछ कहना नहीं चाहती थी | फिर अक्षत ने श्रेया से पुछा |
अक्षत : क्या पहले तुम्हारी तबियत ऐसे खराब हुई है ?
श्रेया अक्षत का ये सवाल सुनकर , सोचने लगी ,, की क्या उसकी तबियत खराब हुई है या नहीं |
श्रेया : म .... जहाँ तक मुझे याद है | नहीं | क्यूँ क्या हुआ ?
अक्षत : ( श्रेया का सर सहलाते हुए ) कुछ नहीं | बस ऐसे ही पूछ रहा था | अब तुम थोड़ी देर आराम कर लो | ठीक है |
ये कहते ही अक्षत ने श्रेया को बिस्तर पर लेटा दिया |
आखिर अक्षत के दिमाग में क्या चल रहा था ? क्यूँ वो जानना चाहता था , श्रेया की मेडिकल हिस्ट्री ? क्या उसे डॉक्टर पर भरोसा नहीं था ? ओर अगर नहीं ,,, तो क्यूँ ? क्या वजह था ? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ | ओर पढ़िए ... लव लाइफ |