Shoharat ka Ghamand - 5 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 5

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शोहरत का घमंड - 5

नया घर का नाम सुनते ही आलिया के पापा चौक जाते है और बोलते हैं, "मीनू किस नए घर की बात कर रही है"।

तब आलिया की बोलती हैं, "ये तो बस यू ही कुछ भी बोलती रहती हैं आप इसकी बातो पर ध्यान मत दीजिए"।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "यू ही तो नही ये इस तरह की बाते बोलती है कुछ तो है जो तुम मुझसे छुपा रही हो"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "ऐसा कुछ भी नही है आप तो बस यू ही कुछ भी सोचने लगते है आपको पता नहीं है क्या की आपकी बेटी कैसी है बस ये तो कुछ बोलती रहती हैं, चलिए अब आप आराम करिए वैसे भी डाक्टर ने आपको आराम करने बोला है और आप उतना ही बिना वजह की बाते सोच रहे हैं"।

तभी आलिया की मम्मी मीनू की बाहर भेज देती हैं और मीनू बाहर चली जाती है। बाहर जा कर मीनू आलिया से बोलती है, "दीदी मेरे से एक गलती हो गई है"।

तब आलिया बोलती है, "क्या हुआ और तुमसे कोन सी गलती हो गई है"।

तब मीनू बोलती है, "दीदी वो पापा के सामने मेरे मुंह से गलती से नए घर का नाम निकल गया "।

तब आलिया बोलती है, "मीनू तुम ये क्या करती हो तुम्हे पता है न की पापा की कंडीशन अभी कैसी है और उन्हें कोई टेंशन नही देनी है फिर भी तुम इस तरह के काम करती हो "।

तब मीनू बोलती है, "आप परेशान मत होइए दीदी मम्मी ने सब संभाल लिया है "।

तब आलिया बोलती है, "चलो कोई बात नहीं अब तुम जल्दी से मेरे साथ घर चलो "।

तब मीनू बोलती है, "क्यो दीदी अभी घर क्यू चले मम्मी और पापा अकेले है न अगर मम्मी को किसी चीज की जरूरत होगी तो फिर वो क्या करेंगी अकेली "।

तब आलिया बोलती है, "तुम उसकी टैंशन मत लो तुम बस घर चलो क्योंकि हमे जल्दी से सारा सामान पैक करना है और घर खाली करना है "।

तब मीनू बोलती है, "दीदी क्या हमे नया घर मिल गया "।

तब आलिया बोलती है, "हा हमे नया घर मिल गया है "।

तब मीनू पूछती है, "दीदी हमारा नया घर केसा है "।

तब आलिया बोलती है, "मुझे नही पता क्योंकि मेने देखा नही है "।

तब मीनू बोलती है, "क्यो दीदी आपने क्यो नही देखा "।

तब आलिया बोलती है, "मेरी दादी अम्मा पहले जल्दी से घर चलो बाद मे सारी बातें करना आराम से "।

तभी दोनो घर पहुंच जाते है। घर पहुंचते ही दोनो जल्दी जल्दी से सामान पैक करने लगते है। थोडा सामान पैक करने के बाद आलिया बोलती है, "ऐसा करो की तुम बाकी का सामान भी पैक कर दो तब तक मे कुछ खाने का बना लेती हूं ताकी हम भी कुछ खा लेंगे और मम्मी के लिए भी ले जायेगे"।

तभी मीनू सामान पैक करने लगती है और आलिया खाना बनाने लगती है"।

उधर हॉस्पिटल में आलिया के नरेश अंकल आलिया के पापा से मिलने जाते है।

नरेश अंकल आलिया के पास पहुंच जाते है उन्हे देखते ही वो बोलते हैं, "चलो भगवान का शुक्र है भाई की तुम ठीक हो वरना हम तो बहुत ही परेशान हो गए थे की पता नहीं अब क्या होगा, भाभी और बच्चो के बारे में सोच सोच कर और परेशान हो रहा था, पर चलो भगवान का शुक्र है कि तू अब ठीक है।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "मुझे समझ में नही आ रहा है कि किस तरह से तेरा शुक्रिया करु अगर आज तू मेरे बीवी और बच्चो के साथ नही होता तो ये कितनी कमजोर पड़ जाती "।

तब नरेश बोलते है, "भाई ये कैसी बात कर रहा है मै तेरा भाई हू अगर खून का रिश्ता नहीं हुआ तो क्या हुआ इंसानियत का तो है न "।

तब वहा पर डाक्टर आ जाते है और उन्हे वहा से जाने बोलते है क्योंकि मरीज को ज्यादा बात करना अलाउ नही है। तभी आलिया की मम्मी और नरेश अंकल बाहर आ जाते है"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "भाई साहब आपको एक बात बतानी थी"।

तब नरेश बोलते है, "जी भाभी बताईए की क्या बात है"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "भाई साहब हमे नया घर मिल गया है"।

तब नरेश बोलते हैं, "क्या.......