Love Life - 4 in Hindi Fiction Stories by Deeksha Vohra books and stories PDF | लव लाइफ - भाग 4

Featured Books
  • خواہش

    محبت کی چادر جوان کلیاں محبت کی چادر میں لپٹی ہوئی نکلی ہیں۔...

  • Akhir Kun

                  Hello dear readers please follow me on Instagr...

  • وقت

    وقت برف کا گھنا بادل جلد ہی منتشر ہو جائے گا۔ سورج یہاں نہیں...

  • افسوس باب 1

    افسوسپیش لفظ:زندگی کے سفر میں بعض لمحے ایسے آتے ہیں جو ایک پ...

  • کیا آپ جھانک رہے ہیں؟

    مجھے نہیں معلوم کیوں   پتہ نہیں ان دنوں حکومت کیوں پریش...

Categories
Share

लव लाइफ - भाग 4

सनी श्रेया को देख कर चौक गया |

सनी : जितनी खूबसूरत श्रेया फोटो में लग रही थी ,, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत वो हकीकत में है | सनी मन ही मन खुद से कह रहा था।

उसकी बड़ी बड़ी आंखें बिल्कुल अपनी मां पर गई थी | श्रेया की आंखें लाल थी | सनी की भी आंखें लाल हो गई | उसकी आंखें भर आई थी | श्रेया को देखकर , उसका मन कर रहा था ,,, कि श्रेया को कसकर गले लगा ले। पर वो ऐसा नहीं कर सकता था। क्योंकि उसके भाई ने उसे बहुत समझा कर भेजा था। फिर उसने प्यार से श्रेया के थैंक्यू का रिप्लाई दिया।

सनी : इट्सओके और फिर सानी वहां से चला गया।

सनी को बहुत गुस्सा आ रहा था ,, उस लड़के के ऊपर | सनी को पता था ,,, कि वह लड़का कौन है | वो तो उसके पूरे खानदान को अच्छे को जानता था। उसने ठान लिया था कि उस लड़के की तो अब खैर नहीं। इसके बाद श्रेया बास्केटबॉल कोर्ट की तरफ चली गई | स्टेज की तरफ जब श्रेया ने देखा तो हैरान रह गई।

उसने देखा कि जिस लड़के ने उसे बचाया , उसकी इतनी हेल्प की , वो तो स्टेज के ऊपर वेलकम स्पीच दे रहा था। वो सनी को अजीब नजरों से देखने लगी। मानों उसने कोई भूत देख लिया हो।

घबराते हुए खुद से ही श्रेया कहने लगी

श्रेया : "हे भगवान ! ये आदमी ,, ये तो वही है ना , जिससे अभी अभी मेरी मदद की थी | आप किस चीज का बदला ले रहे हो मुझसे ? क्या सोच रहे होंगे वो मेरे बारे में ? मेरा तो फर्स्ट इंप्रेशन ही बेकार चला गया | क्या करूं ?

सनी ने श्रेया को देख लिया था।"

श्रेया अपने आसपास देखने लगी तो वो मन ही मन सोचने लगी |

श्रेया : "जब मैं थोड़ी देर पहले आई थी , तो यहां पर बहुत भीड़ थी | और अब देखो | बिलकुल भीड़ नहीं है |

फिर श्रेया ने दिल ही दिल में भगवान को शुक्रिया किया और एक जगह ढूंढ कर बैठ गई।"

उसके बाद श्रेया वेलकम स्पीच सुनने में बिजी हो गई। तभी सनी ने अपना इंट्रोडक्शन दिया |

सनी : में सनी जिंदल आप सब स्टूडेंट्स का इस कॉलेज में स्वागत करता हूं। आपको यहां कोई दिक्कत ना हो इसके पूरे प्रावधान किए गए हैं। और अगर कोई दिक्कत हो तो आप मुझसे कह सकते हैं। मैं हमेशा आप लोगों की मदद करने के लिए तैयार हूं।

ऐसे ही धीरे-धीरे उसने अपनी स्पीच खत्म की और फिर वहां से चला गया। थोड़ी ही देर में अक्षत तक ये खबर आ गई थी | वो बहुत गुस्से में था | सनी ये बात अच्छे से जनता था | श्रेया के साथ पहली बार ऐसा कुछ हुआ था कि शायद किसी लड़के ने बदतमीजी की हो , तो उसे पता नहीं था कि इस सिचुएशन को कैसे हैंडल करना है , वह चुपचाप अपने रूम में चली गई और बाथरूम में खुद को लॉक कर शीशे के सामने खड़ी होकर रोने लगी।

श्रेया अपनी मां को याद कर रही थी रोते हुए श्रेया |

श्रेया : " मां पता नहीं क्यों आज मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा मैं आपको बहुत याद कर रही हूं काश आप मेरे साथ होती , पर कोई बात नहीं मैं आपका स्ट्रॉन्ग बच्चा हूं मैं इतनी सी छोटी सी बात से डर कर भागूंगा नहीं। मैं आपका सपना जरूर पूरा करूंगा।"

बचपन से ही श्रेया को आदत थी कि वह करूंगी आऊंगी खेलूंगी इन सब की जगह करूंगा आऊंगा और खेलूंगा करती थी इस बात पर सब उससे बहुत चिढ़ाते भी थेपर उसकी मां उसका पूरा साथ देती थी कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। श्रेया की मां अक्सर कहा करती थीं श्रेया तो मेरा बेटा और बेटी दोनों है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं।

वही जब अक्षत को सनी से आज श्रेया के साथ कॉलेज में जो कुछ भी हुआ इसके बारे में पता चला तो उसे बहुत गुस्सा आया। गुस्से में उसने अपने ऑफिस टेबल पर रेखा वास उठाकर जोर से पटका , सनी डर गया और कहने लगा |

सनी : कंट्रोल भाई , आप टेंशन क्यों ले रहे हैं ? मैं टाइम से पहुंच गया था। श्रेया को कुछ नहीं हुआ , बस वो थोड़ा डर गई थी | मैं टाइम से वहां पहुंच गया था। और सिचुएशन हैंडल हो गई थी।

अक्षत गुस्से में कहने लगा |

अक्षत : अगर आज तुम टाइम पर नहीं गए होते तो? वो लड़का श्रेया के साथ कुछ भी कर सकता था। मैंने तुमसे कहा था कि श्रेया को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। तो तुम्हरे होते हुए किसी ने श्रेया को हाथ भी कैसे लगाया।

सनी डर से कम्पते हुए कहने लगा।

सनी : सॉरी भाई | पर मैं टाइम से वहां वहां पहुंच गया था। और जाते ही मुझे साइड के गार्डन में कुछ गार्डबर्ड लगी में चेक करने गया तो , मैंने देखा एक लड़का किसी लड़की के साथ बदतमीजी कर रहा था। मैं भागकर वहां गया था , उस लड़की को बचाने और मैंने बचा भी तो लिया वहां जब मैने उस लड़की का चहरा देखा तो मुझे पता लगा की वो कोन है। कुछ नहीं हुआ भाई श्रेया को। आप खुद देख सकते हैं वह बिल्कुल ठीक है। वह बस थोड़ी सी डर गई थी |

तभी अक्षत ने अपने असिस्टेंट को ऑफिस में बुलाया और उसे उस लड़के के बारे में पूरी जानकारी निकलने को कहा , जिस लड़के ने श्रेया के साथ बदतमीजी करने की कोशिश की थी ।

अक्षत : वो लड़का दोबारा उसे उस कॉलेज में तो क्या इस देश में नहीं दिखना चाहिए |

गुस्से में अक्षत ने कहा। ऋतिक को पता था कि अक्षत कैसा है , अक्षत को बिल्कुल पसंद नहीं थी उसकी चीज को कोई उसके बिना पूछे हाथ लगाए , तो वो तो फिर भी श्रेया की बात थी। वो श्रेया जिसको अक्षत कितने सालों से ढूंढ रहा था।

ऐसे ही धीरे-धीरे कुछ दिन बीत गए । अक्षत श्रेया के ऊपर नजर रखे हुए था। उसे श्रेया के एक-एक कदम के बारे में पता था। कि श्रेया कब क्या करती है कब क्या खाती है कहां जाती है।

उसे क्या पसंद है क्या पसंद नहीं है सब कुछ पता था । और वही श्रेया जो बस अपने ड्रीम्स को पूरा करने के लिए मेहनत कर रही थी पहले कॉलेज फिर बाद में पार्ट टाइम जॉब कर रही थीजो वह वहीं कॉलेज में कर रही थी।

अब टाइम श्रेया के फर्स्ट सेमेस्टर के एग्जाम का आ गया था श्रेया के एग्जाम्स की वजह से उसे अपनी जॉब से छुट्टी लेकर हॉस्टल रूम में पढ़ाई करना ही ठीक समझा।

तभी उसकी एक दोस्त का उसे फोन पर मैसेज आया |

दोस्त : हेल्लो , श्रेया केसी हो तुम ? तुम्हें पता है जिंदल इंडस्ट्रीज में इंटर्नशिप ऑपच्यरुनिटीज निकली है क्या तुम करना चाहती हो? मैंने तो वहां अप्लाई कर दिया है। मैं तुम्हें लिंक शेयर कर रही हूं। हो सके तो देख लो। तुम भी अप्लाई कर लो। ट्राई कर लो शायद तुम्हारी इंटर्नशिप लग जाए। और वैसे भी इंटर्नशिप अभी जरूरी है कॉलेज में कहा है कि इंटर्नशिप कंपलसरी है। आपकी डिग्री कंप्लीट होने तक आपको एक इंटर्नशिप तो करनी ही पड़ेगी। तो क्यों ना तुम यहां अपना लक ट्राई कर लो और तुम्हारी थोड़ी हेल्प भी हो जाएगी | तुम्हें फिर कॉलेज कैंटीन में काम नहीं करना पड़ेगा और तुम्हारा थोड़ा टाइम भी बच जाएगा साथ ही जॉब लेने में भी हेल्प हो जाएगी।

श्रेया ने सोचा कह तो उसकी दोस्त ठीक रही है | तो फिर उसने रिप्लाई किया।

श्रेया : हाँ जरूर। क्यूँ नही। शुक्रिया।

उसने इंटर्नशिप के लिए अप्लाई कर दिया और अपनी दोस्त को थैंक यू के मैसेज के साथ एक स्माइल वाला इमोजि भेज दिया।

उसके बाद अगले दिन उसका एग्जाम बहुत अच्छा गया। वह भगवान का शुक्रिया अदा कर रही थी उसके एग्जाम इतने अच्छे हो गए होस्टल आने के बाद नहा धोकर अभी वह बस लेटी हुई थी।

तब उसे एक नोटिफिकेशन आया जब उसने अपने फोन पर चेक किया तो देखा उसे एक मेल आई है जिंदल इंडस्ट्रीज की तरफ से उसे जल्दी जल्दी उसने मेल खोली मेल में यह लिखा था कि

..मेल : आपको इंटरव्यू राउंड के लिए सिलेक्ट किया जाता है। और ये ऑफलाइन होगा। तो आपको यहां पर ही इंटरव्यू देना पड़ेगा ।

श्रेया ये देखकर बहुत खुश हुई। इतनी खुश थी श्रेया कि व खुद भी नहीं जानती थी कि आगे उसकी जिंदगी में क्या लिखा है।

उसने इसके बारे में हिना ( श्रेया की सौतेली बहन ) को अभी तक नहीं बताया था। और उसका बताने का प्लान भी नहीं था। वह नहीं चाहती थी कि वो इसके बारे में हिना को बताएं और हिना बाद में कुछ गड़बड़ कर दे।

हालांकि श्रेया कुछ कहती नहीं थी पर फिर भी उसको भी पता था कि हीना यह बर्दाश्त नहीं कर पाएगी। की उसे इंटरव्यू राउंड के लिए सिलेक्ट कर लिया गया है। अक्षत ने जब श्रेया की इंटर्नशिप एप्लीकेशन अपने मेल में देखी तो थोड़ी देर के लिए हैरान रह गया।