Mahila Purusho me takraav kyo ? - 9 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 9

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 9

फोन पर पूरण सिंह केतकी का ससुर बात कर रहा था ..सभी का ध्यान पूरणसिंह पर था..पूरणसिंह के चेहरे पर आने वाले भावों को देख सभी हैरान थे । पूरणसिंह ने फोन पर कहा सर ! आज शाम तक आपसे मिल लेता हूँ ।
फोन कट करते हुए पूरणसिंह बोला ..थाने से फोन था ..बोल रहा था एफ आई आर दर्ज हुई है अभय के खिलाफ.. सब अवाक थे ..कस्तुरी केतकी सास रुआँसी होकर बोली ..अब यह क्या मुसीबत आगयी ..आजतक थाना कचहरी हमारे खानदान में नहीं हुई ..अभय बोला ..माॅ..आप शांत हो जाओ..क्या बात है पापा ..किसने करवाई है एफ आई आर ?
पापा बोला ..शायद उस कार वाले ने ..पापा कोई बात नहीं खुदके बचाव में ऐसा किया होगा ..कुछ नही होगा ।
पूरणसिंह ने अपने पहचान के वकील से फोन पर बात की जो थाने के नजदीक ही था ..वकील बोला ..मै थाने जाकर पता करता हूँ ..क्या रिपोर्ट है ..
वकील थाने पहुंचकर थानेदार से बोला ..नमस्कार सर ..मै वकील सुभाष सिंह ..थानेदार से हाथ मिलाते हुए..आवो आवो वकील साहब ..बोलिए मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ .. वकील बोला ..मै अभय सिंह पुत्र पूरणसिंह के खिलाफ क्या प्राथमिकी दर्ज हुई है .. उसे जानने आया हूँ

ओहो ..अरे वकील साहब ..पूरणसिंह तो मेरा लंगोटिया यार है..मेरी पोस्टिंग इस थाने में हुई है ..हमारा मजाक चलता रहता है ..कोई एफ आई आर दर्ज नहीं हुई है ..ओह तो आपने अपने दोस्त के कान खींचने के लिए .. यह सब किया है... शायद आपको जानकारी नहीं है.. अभय का एक्सीडेंट हुआ है ..वह एडमिट है ..थानेदार.चौककर.यह कैसे हुआ ? उसकी तो शादी थी न ? मै आ नही सका था उसका कार्ड आया था फोन पर बात भी हुई थी .. थानेदार जी ..एक बात समझ में नही आई पूरणसिंह जी आपकी आवाज नही पहचान पाये .. अरे नही वकील साहब फोन मैने मेरे इस साथी से करवाया था अपने हाथ से इशारा करते हुए बोला .मैं फोन करता तो वह पहचान जाता.. वकील साहब आप बैठो .बैठो.. पानी लाने का इशारा किया ..
पूरणसिंह को फोन लगाया .. पूरणसिंह फोन पर हैलो..राम राम भाई ..अब ठीक है छोटू (अभय ) ? पूरणसिंह जबाब में.. राम राम.. अरे भाई तू कहां पर है ? यहां मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है ..बात काटते हुए थानेदार बोला.. सॉरी यार.. कल मैने ही फोन करवाया था ..मेरी पोस्टिंग यहीं पर हो गयी है ..पूरणसिंह कड़क आवाज में.. तू मेरे सामने होता तो तेरी थानेदारी निकाल देता ..कस्तुरी केतकी की सास समझ गयी इनके दोस्त का फोन है ..कस्तुरी बोली इनसे बात करो हमारे ऊपर हुये केस की ..पूरणसिंह तुरंत बोला.. यह सब इसका ही किया कराया है ..कस्तुरी लंबा श्वास लेते हुए अपनी आंखे बंद करती हुई बोली ..मजाक भी टेम टेम का ही अच्छा लगे है ..बुआ जी चाय ले आई सभी चाय की चुस्की लेकर ठहाका लगाने लगे ..सबके चेहरों पर मुस्कान थी ।
अगले दिन अभय का डिस्चार्ज करवाकर .. सभी घर आ गये ...केतकी तेज चाल में दरवाजे पर आगयी ..अपनी सास के गले लिपट गयी ..बोली मॉ.. यह सब क्या हो गया..अब कस्तुरी भी आंख से आंसू बहाते हुए बोली बेटा ना..ना..रो मत ..विपदा आई थी जो टल गयी । सब अंदर चौक में आगये ..
सभी चौक में कुर्सियों पर बैठ गये ..बुआ बोली मैं चाय बनाकर लाती हूँ ..इतने में ही केतकी के कमरे से मर्द के बोलने की आवाज आई .. सभी उधर रूम को देखने लगे.. चेयर से सभी खड़े हो गये .. अभय बोला रूम में कौन है ? केतकी रूम की तरफ बढ़ी ही थी ..पीछे से अभय की आवाज ..रूको !!

क्रमश-