anokhi mitrata - 2 in Hindi Fiction Stories by Payal Sakariya books and stories PDF | अनोखी मित्रता - 2

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अनोखी मित्रता - 2

{हमने देखा था कि आकाश दिशा को एक जगह decoration के लिए दिखाने जा रहा था ....} अब आगे.....

दिशा देख रही थी ,की अभी तक आकाश का गुस्सा शांत नहीं हुआ था। दिशा की यह एक आदत थी वो जो भी मन में आता वो तुरंत सामने वाले को पूछ लिया करती थी, तो वो आकाश को पूछे बिना कैसे रह सकती है .. भला .......! वो आकाश को पूछती है - OOO..mr क्या हुआ...? जवाब में आकाश इतना ही कहता है कुछ नहीं ।अब भाई ये तो दिशा इतने में तो मान ही नहीं सकती । वो वापस पूछते हुए कहती हैं तो मुंह फुलाकर क्यों चल रहे हो ....? आकाश कहता है तुम्हें क्या मतलब ..... और fake smile करके दिशा को कहता है देखो मैं तो कितना खुश हूं। दिशा कहती हैं , बस-बस तुम्हारा चहेरा देखकर कोई भी कहेगा कि इसमें १२ नहीं २४ बजे है , कहकर हसती है । आकाश इस बार कुछ नहीं बोला । दिशा अपने आपको ही कहती हैं - दिशा , अब बस भी करो कहकर वो चुप हो जाती है। आकाश पहले से ही गुस्से था और अब तो थोड़ा ज्यादा हो गया। वो मन ही मन कहता है , एक तो में मेरी practice का time waste करके इसकी मदद करने आया हूं, तो उसे तो कुछ भी नहीं है। Thanks कहने की बजाय वो मुझे ही चिड़ा रही हैं । और सोचता है अब तो इसे में ऐसी जगह दिखाऊंगा की में भी तो देखूं ये कैसे decoration करती है । कहकर थोड़े आगे चलकर रुक जाता है । और दिशा से कहता है , यह है तुम्हारी decoration arrangements place . रिया जगह देख कर कहती हैं , अचछा तरीका है गुस्सा निकालने का ।‌ आकाश कहता है तुमने कुछ कहा । दिशा कहती हैं अरे .... बस अब तुम जा सकते हो । तुम्हारी। Practice का time waste हो रहा है । आकाश बिना कुछ बोले चला जाता है ‌। रिया अपने decoration ideàs लगा कर बहुत ही अच्छे से सब कुछ तैयार करती है।

दोपहर का समय था । रिया करीब एक बजे तक काम करती है। सब काम हो गया था बस अब थोड़ा सा music system रखने का काम बाकी है , पर वो लोग शाम के समय आने वाले थे। तो दिशा अभी घर जाने के लिए निकलती है। इस तरफ आकाश आयने के सामने देखकर खड़े-खड़े सोच रहा था कि क्या वो सच कह रही थी । मेरा गुस्सा इतना साफ साफ चहरे पर दिखाई देता है ......? में भी पता नहीं क्या सोच रहा हूं, वो थोड़ी ना कोई face reader है.....! तभी फोन की रिंग बजती है । वो नाम देखकर सोचता है "अब क्या काम होगा उसे .. ? वो फोन उठाता है हेलो ..... अब क्या हुआ है ...? सामने से दिशा कहती - वो तो मेने सोचा कि आप इतना मेरे बारे में सोच रहे हो , तो कयु ना फोन करके हालचाल पूछ लूं । मेरे पास तुम्हारे अलावा सोचने को बहुत कुछ है। दिशा कहती हैं ठीक है जैसा आप ठीक समझें । लेकिन तो आप फिर से एक बार आयने में देख सकते हैं क्योंकि ज्यादातर मेरा अंदाजा गलत नहीं होता है। जो भी काम है जल्दी बोलो मुझे और भी बहुत काम है। दिशा कहती हैं ok baba तो अब ये आखरी काम - में आरुष के new friends को नही जानती, तो बस आप उन लोगों को आज की party के लिए inform. करदो प्लीज़ 🙏😜 आकाश कहता है ठीक है । कहकर फोन काट देता है। दिशा अपने आप को कहती हैं क्या कोई इतना भी भला busy हो सकता है .... !
अब दिशा के लिए यह problem थी कि आरूष को बुलाया कैसे जाएं ...? अब इस आकाश को तो बता नही सकती वो तो पहले से ही मुझे पर बहुत गुस्से हो गया है । अब क्या करूं ...?🤔 एकदम से ही कहती हैं निशा को फोन करती हु । वो मेरी मदद जरूर करेगी । वो तुरंत निशा को फोन करती है - Hello. सामने से निशा बोलती है , अरे बहुत दिनों बाद याद आई हमारी देख इस बार तेरा कोई भी बहाना नहीं चलेगा इस बार तो पक्का हम movie देखने जाएंगे । उधर से दिशा कहती हैं अरे ... हां पर मेरी बात तो सुन ... निशा कहती हैं अगर फिर से कोई बहाना होगा तो में नहीं सुनने वाली । 😔 दिशा कहती हैं अब सुनो भी ले ... निशा - ठीक है बता . । दिशा कहती हैं आज तुम्हें बस आरूष को 9:30 stadium के पिछले ground में लेकर आना है । वो आज उसके लिए मैंने surprise congrulation party organize की है । तो प्लीज़ समय से पहले पहूंच जाना । निशा कहती हैं ok dear don't worry I will reach there before time .....🤗 . दिशा फोन रखकर श्रेया को कहती हैं ... चल जल्दी से तैयार हो जा हमें थोड़ी देर पहले ही निकलना होगा । सबकुछ एक बार फिर ठीक से देखना पड़ेगा । श्रेया दिशा के साथ रहती है । दोनों बस अपनी पढ़ाई पूरी ही करने वाली है । श्रेया कहती हैं I am really sorry ,,,🙁Dishu में आना तो चाहती थी लेकिन आज project पुरा करना है। दिशा उदास होकर कहती हैं .... हां बस अब तुम भी last moment पे ...... कहकर बात को आधी छोड़कर बैठ जाती है । श्रेया कहती हैं , oyeee. तुम तो कभी किसी पर depend नहीं रहती , तो फिर आज क्या हो गया ....? दिशा हंसकर कहती हैं ~ अरे ये तो कुछ भी नहीं , मैंने सोचा थोड़ी उदास होने की acting कर लूं , 😜 शायद तेरा दिल पिघल जाए और तुम मेरे साथ चलने के लिए राजी हो जाएं । श्रेया थोड़ा गुस्सा करते हुए कहती हैं बदमाश 😒 अब बस कर ये बहस और जल्दी से जा ।‌ दिशा पार्टी वाली जगह पहोंच जाती है ।


इस तरफ आकाश सोचता है , मैं क्यूं जाऊं पार्टी में नहीं जाना है मुझे कहकर अपना laptop open करके movie देखने लगा। निशा आरूष को फोन करकर कहती हैं , मुझे तुमसे बहुत ही important काम है , अपने stadium के पीछे आकर मुझसे मिलों ,। और हां 9:25 को आ जाना , आरूष पूछता है पर काम क्या है ये तो बताओ । " वो सब में तुम्हें मिलकर बताउंगी । कहकर फोन काट देती है।
आरूष ठीक 9:20 को वहां पहुंच जाता है , देखता है चारों तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा है । वो सोचता है , श्रेया को यहां क्या काम हो सकता है .....? वो जैसे ही श्रैया फोन करने के लिए जाता है तभी एक एक करके Lights on होती जाती थी। आरुष यह सब देखकर दंग रह गया । वह पुरा decoration देखकर सोचता है। "निशा ......?" लेकिन वो और , Decoration impossible कहकर खुद ही हंसता है। फिर सोच कर कहता है < दिशा ....? >