Middle Class student in Hindi Motivational Stories by इंदर भोले नाथ books and stories PDF | M C S

Featured Books
  • ચતુર

    आकारसदृशप्रज्ञः प्रज्ञयासदृशागमः | आगमैः सदृशारम्भ आरम्भसदृश...

  • ભારતીય સિનેમાનાં અમૂલ્ય રત્ન - 5

    આશા પારેખઃ બોલિવૂડની જ્યુબિલી ગર્લ તો નૂતન અભિનયની મહારાણી૧૯...

  • રાણીની હવેલી - 6

    તે દિવસે મારી જિંદગીમાં પ્રથમ વાર મેં કંઈક આવું વિચિત્ર અને...

  • ચોરોનો ખજાનો - 71

                   જીવડું અને જંગ           રિચાર્ડ અને તેની સાથ...

  • ખજાનો - 88

    "આ બધી સમસ્યાઓનો ઉકેલ તો અંગ્રેજોએ આપણા જહાજ સાથે જ બાળી નાં...

Categories
Share

M C S

M C S Middle Class Student


ये कहानी एक मध्यवर्गीय छात्र के जीवन के ऊपर है,
जो जॉब के लिए चाहे वो प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी डिपार्टमेंट कितनी मुश्किलें और तकलीफों का सामना करता है!
इस कहानी में कहीं-कहीं ऐसे शब्द का भी प्रयोग किया गया है जो शायद आपको अभद्र लगे!
लेकिन इंसान अक्सर झुंझलाहट और तकलीफ में ऐसे शब्द का प्रयोग जरूर करता है!
चाहे वो कितना भी संस्कारी और शिक्षित क्यों न हो.....


ग्रेजुएशन कंपलीट करने के बाद मेरे एक मित्र ने मुझे बताया कि साहिल तुं एक साल का कंप्यूटर कोर्स कर ले! तेरे पास इतने पैसे तो है नहीं कि तुं सरकारी नौकरी के लिये अप्लाई करेगा क्योंकि सरकारी नौकरी के लिए रिश्वत ही चार या पाँच लाख रुपये चाहिए!
वो तो तेरे पास है नहीं और तू पढ़ने में भी इतना अच्छा खासा है नहीं कि अपने दम पर एग्जाम निकाल सकता है, और बगैर घूस दिए सरकारी नौकरी पा सकता है!
इसलिए भाई मेरी बात मान तो तुं एक साल का कंप्यूटर कोर्स करले, कोर्स करने के बाद किसी प्राइवेट कंपनी में तुझे दस या बारह हजार की नौकरी तो मिल ही जाएगी, क्योंकि आजकल सारा काम कंप्यूटराइज हो गया हुआ है और हर काम कंप्यूटर से ही हो रहा है!

उस समय तो मैंने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया लेकिन रात को सोते समय मुझे उसकी बातें याद आई!
ठीक ही तो कह रहा था वो हम गरीब लोगों को सरकारी नौकरी नसीब ही कहां होती है क्योंकि एक चपरासी की नौकरी के लिए भी चार या पाँच लाख रुपये का रिश्वत तो देना ही होगा और वो तो हमारे पास था नहीं!
एक गरीब परिवार के लिए चार या पाँच लाख तो बहुत दूर की बात है चालीस या पच्चास हजार रुपये ही एक बहुत भारी रकम होते हैं!
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक छोटे से गांव में हमारा परिवार रहता है! हमारे परिवार में टोटल पांच सदस्य हैं, मां पिताजी हम दो भाई और एक बहन, पापा खेती करते थे लगान पर खेत लेकर
उसी से परिवार का गुजारा होता था!

पापा ने जैसे तैसे करके मुझे ग्रेजुएशन कराया,भाई बहनों में सबसे बड़ा मैं था! इसलिए ग्रेजुएशन करने के बाद घर कि सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही आनी थी!
और पिताजी को मुझसे बहुत ही उम्मीदें थी और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना चाहता था!
मैं हमेशा यही सोचता था कि पढ़ लिखकर एक अच्छा आदमी बनूंगा और एक अच्छी नौकरी करूंगा जिससे परिवार की खस्ता हालत सुधर जाएगी!

बचपन से ही मुझे सरकारी नौकरी करने की इच्छा थी, लेकिन अब हमारे पास इतने पैसे तो थे नहीं जो रिश्वत देकर सरकारी नौकरी पा सकें! और फिर हम कहां से इतने पैसों का इंतजाम करते! और पढ़ाई में भी इतना अच्छा खासा तो मैं था नहीं कि अपने दम पर एग्जाम निकाल लेता और फ्री में सरकारी नौकरी पा लेता!
इसलिए मुझे उस मित्र की बात अच्छी लगी और सोचा कि सुबह ही पापा से बात करेंगे कंप्यूटर कोर्स करने के लिए, यही सारी बातें सोचते सोचते कब नींद लग गई पता ही नहीं चला!

सुबह होते ही मैंने पापा को कंप्यूटर कोर्स वाली बात बताई सुनते ही वो मुझे देखने लगे और सोचने लगें!
शायद वो यही सोच रहे थें की मैंने पहले उनसे कहा था कि मुझे मैट्रिक करा दीजिए,मैट्रिक करने के बाद फिर मैंने कहा कि मुझे इंटरमिडिएट करा दीजिए, और इंटरमिडिएट कंप्लीट करने के बाद फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे ग्रैजूएशन करा दीजिए,
क्योंकि यह एक बहुत बड़ी डिग्री होती है और ग्रेजुएशन करने के बाद मुझे अच्छी नौकरी लग जाएगी!
इसी उम्मीद में उन्होंने मुझे जैसे तैसे कर्ज लेकर ग्रेजुएशन करा दिया था, अब ग्रेजुएशन करने के बाद भी मैं उनके सामने खड़ा होकर यह कह रहा हूं कि मुझे एक साल का कंप्यूटर कोर्स और करा दीजिए, बजाय किसी अच्छी नौकरी करने के!
और उनका सोचना भी जायज था, क्योंकि मेरे पापा अनपढ़ थे, और आप सोच सकते हो एक अनपढ़ आदमी के लिए ग्रेजुएशन तो दूर, मैट्रिक का डिग्री ही एक बहुत बड़ा डिग्री होता है!
कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने मुझसे कहा.....ये क्या होता है, और क्या गारंटी है कि तुम्हें ये करने के बाद नौकरी मिल ही जाएगी!
कहीं ऐसा ना हो कि ये करने के बाद भी तुम फिर कहो कि पापा मुझे और पढ़ना है!
देखो बेटा हम अमीर आदमी तो है नहीं तुम्हें अपने घर की हालत का पता है कैसे-कैसे करके हमने तुम्हें इतना पढ़ाया इसी उम्मीद में कि तुम इतना पढ़कर एक अच्छी नौकरी कर लोगे जिससे घर के खर्चों में हाथ बटा सको और घर की हालत सुधार सको!
अभी पिछला कर्ज ही झुका नहीं पाए हैं और इस साल फसल भी अच्छा नहीं हुआ है!
बेटा सपना इतना बड़ा ही देखो कि पूरा हो सके, हम गरीब आदमी हैं, और गरीब आदमी इतने बड़े-बड़े सपने नहीं देखा करतें!
पापा की बातों में सच्चाई थी लेकिन उन्हें क्या पता था कि आज के दौर में ग्रेजुएशन कोई मायने नहीं रखता!
सरकारी नौकरी तो मिलने से रही नहीं क्योंकि इतने पैसे तो हमारे पास है नहीं की रिश्वत दिया जा सके, और बात है प्राइवेट जॉब की तो आजकल हर कंपनीयों में जो मशीन रखे गए हैं,
वो कंप्यूटराइज ही हैं इसीलिए कंप्यूटर का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है!
जैसे तैसे करके मैंने पापा को राजी कर लिया आखिरकार बाप हैं और बेटे की ख्वाहिश पूरी कैसे नहीं करतें!
बाप चाहे कितना भी गरीब हो, लेकिन वो यही चाहता है कि वो अपने बेटे को भी अमीर आदमी बना सके, भले ही इसके लिए उसे चाहे कितनी भी मेहनत और किसी भी हद तक जाना पड़े!

पापा बोलें ठीक है कितना खर्चा आ जाएगा ये जो तुम कह रहे हो उसे करने में,
मैंने कहा पापा चार या पांच हजार रुपये लग जाएंगे एक साल का कोर्स करने में!
पापा बोलें ठीक है, अभी तो हमारे पास इतने पैसे है नहीं, फसल कट जाने दो फिर इन्हें बेचकर जो पैसे आएंगे, उनसे कर लेना तुम अपना ये जो करना चाहते हो!

अनाज बेचने के बाद पापा ने मुझे पांच हजार रुपये दियें,और कहा कि ये लो पैसे और जो करना चाहते हो कर लो!
मैंने पैसे लिये और हमारे गांव से चालीस किलोमीटर दूर शहर में एक कंप्यूटर संस्था था, जहां कंप्यूटर कोर्स कराया जाता था,
मैंने वहां जाकर एडमिशन करा लिया!
एडमिशन कराने के बाद मैं रोज समय से कंप्यूटर क्लास पहुंच जाता, और बड़े दिल लगाकर कंप्यूटर क्लासेस करता!
कब एक साल गुजर गया पता ही नहीं चला!

कंप्यूटर का सर्टिफिकेट मिलने के बाद मैं बहुत ही खुश था, और होता भी क्यों नहीं क्योंकि अब मुझे एक अच्छी नौकरी जो मिलने वाली थी और उस नौकरी के दम पर ही मैं अपने परिवार की खस्ता हालत सुधार सकता था!
और अपने पापा की उम्मीदों पर खरा उतर सकता था, और ये खुशी सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि हर उस स्टूडेंट की होती है, चाहे वो B. Tech का छात्र हो या M.B.A. का हो या कोई और Diploma धारी छात्र हो सबको यही लगता है के कोर्स खत्म करने के बाद, डिप्लोमा मिलने के बाद हमें एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी!
लेकिन साला ऐसा होता नहीं है......
जितना आसान हम सोचते हैं की डिग्री या डिप्लोमा लेने के बाद हमें एक अच्छी सी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा कहां होता है, और कब हुआ है!
खासकर एक मिडिल क्लास परिवार के छात्रों के लिए!
जब हम घर से नौकरी की तलाश में निकलते हैं, तब हमें पता चलता है कि जो डिग्री डिप्लोमा हमने किये हैं उनका कोई मायने नहीं है! कभी-कभी तो हम ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर हमने पढ़ाई क्यों की, क्यों फालतू में इतने पैसे बर्बाद कियें, क्यों पढ़ाई लिखाई में इतना टाइम वेस्ट किया!

सच मे पढ़ाई करते वक्त दिल में बड़ी खुशी होती है और कई सपने होते हैं कि पढ़ाई खत्म होने के बाद डिग्री मिलने के बाद या डिप्लोमा मिलने के बाद हमें एक अच्छी सी नौकरी मिल जाएगी और हमारी जिंदगी सेटल हो जाएगी!
लेकिन साला ये सारे सपने और सारी उमंगे धरी की धरी रह जाती हैं जब नौकरी की तलाश में हम घर से बाहर निकलते हैं!

भाई सच कह रहे हैं जब हम घर से बाहर नौकरी की तलाश में निकलते हैं तो नौकरी की तलाश में जूते के साथ-साथ झांठ भी घीस जाते हैं!
उस चिलचिलाती गर्मी में कसम से भाई मेरी तरह आपने भी महसूस किया होगा जब नौकरी की तलाश में घर से बाहर निकले होगें!
गला सूख जाता है प्यास से, फिर भी हम भटकते रहते हैं इसी उम्मीद में कि शायद अगली कंपनी में बात बन जाए,बहुत ही झुंझलाहट होती है खुद से, जब डिग्री या डिप्लोमा लेने के बाद भी प्राइवेट सेक्टर में भी एक छोटा सा जॉब ना मिल पाये!

कोर्स कंप्लीट करने के बाद भी छ: महीने गुजर गयें,और मुझे कहीं जॉब नहीं मिला!
इन छ: महीनों में मैंने कहां-कहां नहीं नौकरी की तलाश की, जहां जो भी कहता चाहे वो रिश्तेदार हो या दोस्त हो, मैं उसके यहां जाता और इंटरव्यू देता!
लेकिन हर इंटरव्यू में मुझसे यही पूछा जाता है कि क्या आपके पास काम करने का कोई अनुभव है, आपने पहले भी कहीं काम किया है, एक्सपीरियंस है आपके पास और हर बार मेरा जवाब होता नहीं!
और ये सच भी था क्योंकि मैं पहली दफा काम करने घर से बाहर निकला था!
जैसे ही इंटरव्यू लेने वाला मेरे मुंह से नहीं सुनता फिर वो कहता सॉरी हमारे यहां फ्रेसर के लिए कोई जॉब नहीं है हम उन्हीं को या हमारी कंपनी उन्हीं को हायर करती है जिनके पास काम करने का पहले से अनुभव हो!
सच कहूं तो मैं उस वक्त उस इंटरव्यू लेने वाले को बहुत सारी गालियां देना चाहता था, मैं उसको ये कहने वाला था है कि भोपड़ी वाले जब तुम लोग काम दोगे ही नहीं तो हमें एक्सपीरियंस कहां से आयेगा! साला तुं भी कहीं ना कहीं पहली बार ही लगा होगा तब तेरे पास भी तो एक्सपीरियंस नहीं होगा, वहीं से तूने भी सीखा होगा और एक्सपीरियंस लिया होगा!
साला कोई भी इंसान कुछ भी अपनी मां के पेट से सीख कर नहीं आता, सब इस दुनिया में आने के बाद ही सीखते हैं!
और भी बहुत सारी गालियां और बहुत कुछ मन ही मन कहता रहा उसे,और कर भी क्या सकता था मैं इसके अलावा!


थक हार के मै घर पर ही रहने लगा और पिताजी के साथ खेती के काम में हाथ बंटाने लगा!
तभी अचानक एक दिन फोन आया हिमाचल से किसी दोस्त का उसने बताया कि एक नई कंपनी लग रही है, उसमें ऑफिस में काम करने वाले लड़कों की जरूरत है जो कंप्यूटर पर काम कर सकें जो डेटा एंट्री कर सके!
अगर आना है तो आ जाओ हो सकता है तुम्हारी बात बन जाये, और मुझे यकीन है कि तुम्हारी बात बन जाएगी!
बस इतना सुनना था कि मैं अगले दिन उसके यहां यानी के हिमाचल प्रदेश जाने को तैयार हो गया हिमाचल पहुंचते ही अगली सुबह मैं इंटरव्यू देने के लिए उस कंपनी में गया!

मैं सुबह 9:00 बजे ही पहुंच गया था, गेट वाले को बताया कि मैं जॉब के लिए आया हूं, सुना है यहां ऑफिस के लिए स्टाफ की जरूरत है!
गेट वाले ने कहा....हां जरूरत तो है लेकिन मालिक अभी नहीं आए हैं, मालिक 11:00 बजे के पहले नहीं आते हैं इसलिए आप वेटिंग रूम में बैठकर मालिक के आने का इंतजार करें!
मैं वेटिंग रूम में बैठकर इंतजार करने लगा कुछ घंटों बाद 4th व्हीलर से मालिक की एंट्री हुई!

मालिक के आने के आधे घंटे बाद गेट वाले ने मुझसे मेरा रिज्यूम मांगा और रिज्यूम लेकर ऑफिस में चला गया!
थोड़ी देर बाद गेट पर कॉल आया कि जो लड़का इंटरव्यू के लिए आया है उसे ऑफिस में भेज दो!
गेट वाले ने मुझसे कहा कि मालिक आपको बुला रहे हैं, आप ऑफिस में चले जाओ!
मैं वेटिंग रूम से उठकर ऑफिस में जाने लगा मन ही मन सोच रहा था काश हे भगवान बात बन जाए और बहुत सी मन्नते मांग रहा था भगवान से कि अगर यह नौकरी मुझे मिल जाए तो मैं आपको लड्डू चडाऊंगा प्रसाद चडाऊंगा मन ही मन भगवान से दुआ करते हुए मैं ऑफिस में पहुंचा!

ऑफिस का दरवाजा खोलते हुए मैंने अंदर बैठे हुए मालिक से अंदर आने की इजाजत मांगी, मालिक ने इजाजत दे दी और कहा कि बैठ जाओ, मैं कुर्सी पर बैठ गया!
मालिक ने मुझसे मेरे डाक्यूमेंट्स मांगे मैंने डॉक्यूमेंट की फाइल उनको दे दी मेरे सारे डॉक्यूमेंट देखने के बाद उन्होंने कहा कि देखो आमतौर पर इंटरव्यू H. R लेता है!
लेकिन अभी हम नई कंपनी लगा रहे हैं, इसलिए अभी H.R को भी हमने रखा नहीं हैं, वैसे एक-दो दिन में H.R भी आने वाला है! इसलिए फिलहाल मैं इंटरव्यू ले रहा हूं!

और जिसका मुझे डर था वही हुआ मुझसे वही सवाल पूछा गया कि क्या आपने इससे पहले कहीं काम किया है!
फिर मैंने कहा नहीं सर मैंने कहीं काम नहीं किया है, हालांकि मेरे पास इंटरव्यू देने का एक साल का एक्सपीरियंस है क्योंकि कोर्स करने के बाद, मैं एक साल से इंटरव्यू ही दे रहा हूं!
और हर कंपनी से मुझे यही कहकर निकाला जा रहा है कि मेरे पास काम करने का कोई अनुभव नहीं है!

सर भले ही आप मुझे नौकरी दें या ना दें लेकिन मैं आपसे बस एक बात पूछना चाहता हूं, अगर आपकी इजाजत हो तो ? मालिक ने कहा...हां पूछो पूछो कोई बात नहीं क्या पूछना चाहते हो!
फिर मैंने कहा....सर जब आप हमें काम दोगे ही नहीं फिर हमारे पास एक्सपीरियंस कैसे आयेगा!
आप हमें ये बताओ कि जो बात आप कह रहे हो कि एक्सपीरियंस वाले लड़के रखने को!
आप खुद ही सोचो जो लड़का एक्सपीरियंस वाला आएगा वो भी तो पहले अनुभवहीन ही होगा, उसके पास भी तो एक्सपीरियंस पहले से नहीं होगा कहीं ना कहीं उसे भी हायर किया गया होगा, उसके बाद ही उसके पास एक्सपीरियंस आया होगा!

जब उस एक अनुभवहीन वाले लड़के को हायर किया जा सकता है, एक्सपीरियंस देने के लिये तो सर .....मुझे क्यों नहीं!

सैलरी कि मेरी कोई डिमांड नहीं है और मैं डिमांड करने के लायक भी नहीं हूं अभी, आप मेरा काम देखिये और उसके बाद आपको जो उचित लगे आप मुझे सैलरी दे देना!
मुझे भी एक्सपीरियंस मिल जायेगा काम करने का,
और ये एक्सपीरियंस न आज के दौर में बहुत ही मायने रखता है सर!

मेरे इतना कहने के बाद कंपनी का मालिक कुछ देर के बाद बोला,
आप अपना रिज्यूम दे दो और आप अभी जा सकते हो, हम आपको कॉल बैक करके बता देंगे कि कब से आपको ड्यूटी ज्वाइन करनी है या नहीं करनी है!

मैंने कंपनी के मालिक से कहा कि सर थोड़ा जल्दी कंफर्म करा दीजियेगा क्यों कि मैं अपने दोस्त के यहां रुका हूं अगर कंफर्म हो जाये कि मुझे ज्वाइन करनी है या नहीं करनी है, अगर ज्वाइन करनी है तो फिर मैं ज्वाइन कर लूंगा अगर नहीं करनी है तो फिर मैं अपने गांव वापस चला जाऊंगा!

कम्पनी के मालिक ने कहा ठीक है हम जल्दी कंफर्म करा देंगे आपको!
फिर मैं अपने दोस्त के कमरे वापस चला आया!
ऐसा नहीं है कि कमरे पर आकर मैं उनके कन्फर्मेशन का इंतजार करता रहा, बल्कि मैंने और भी दो-तीन जगह ट्राई की लेकिन कहीं बात नहीं बनी!
दो दिनों के बाद उसी कंपनी से कॉल आया जहां में इंटरव्यू देने गया था कि आप आ जाओ कल से ड्यूटी जॉइन कर लो!

उनका इतना कहना था कि क्या बताऊं दोस्तों मुझे इतनी खुशी हुई कि उससे पहले मुझे इतनी खुशी कभी नहीं हुई थी!

उस दो शब्द ने कि आ जाओ आप कल से ड्यूटी जॉइन कर लो
मेरी पूरी परेशानी झुंझलाहट और हताशा दूर कर दी!
मैंने कहा बहुत-बहुत धन्यवाद सर मैं कल 9:00 बजे ही कंपनी पहुंच जाऊंगा!

मेरे दिल से लाखों बार धन्यवाद निकला भगवान के लिए और उस मालिक के लिए जिसने मुझे बिना एक्सपेरिएंस के होते हुए भी अपनी कंपनी में जॉब दी!
उस समय मैं बहुत ही खुश था, मैंने अपने दोस्त को बताया कि मुझे नौकरी मिल गई कल से ड्यूटी ज्वाइन करनी है!
दोस्त भी बहुत खुश हुआ ये सुनकर कि मुझे जॉब मिल गया!

उसके बाद मैंने घर पर फोन किया पापा को और मां को बताया कि मुझे काम मिल गया है कल से ड्यूटी ज्वाइन करनी है
मेरी ये बातें सुनकर पापा मम्मी सब बड़े खुश हुए ज्यादातर पापा को बहुत खुशी हुई!
और उन्होंने कहा कि बेटा दिल लगा के काम करना.........

मैंने कहा ठीक है पापा

©इंदर भोले नाथ

......समाप्त... ...