THAT GIRL - 2 in Hindi Women Focused by Uday Veer books and stories PDF | वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 2

Featured Books
  • Love or Love - 5

    जिमी सिमी को गले लगाकर रोते हुए कहता है, “मुझे माफ़ कर दो, स...

  • THIEF BECOME A PRESEDENT - PART 6

    भाग 6जौहरी की दुकान में सायरन की ऐसी चीख सुनकर, जैसे किसी ने...

  • Fatty to Transfer Thin in Time Travel - 10

    Hello guys पीछे भागने वाला लड़का जिसका नाम कार्तिक है उस भाग...

  • साया - 2

    रात के ठीक 12 बजे थे। अर्जुन की खिड़की से चाँद की हल्की रोशन...

  • सुपर फ्रेंडशिप - 7

    अध्याय 7: बिना नाम का आदमी   व्हिस्कर्स और मैक्स जब घर वापस...

Categories
Share

वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 2

1 दिन उसकी मां को याद आता है, कि उसकी बेटी तो अब शादी लायक भी हो गई है, उसकी शादी करने का समय भी तो करीब आता जा रहा है, उसे यह समझ नहीं आ रहा था, कि आज तक उसे इस बात का ख्याल क्यों नहीं आया, कि बेटी बड़ी हो रही है, और वैसे भी बेटियां जल्दी ही बड़ी हो जाती हैं|

और अब उसे बेटी के बाहर जाने, और यह छोटे बच्चों के साथ खेलकूद करने पर, दिन भर बाहर रहने पर रोक लगानी होगी, क्योंकि अगर कहीं कुछ ऊंच-नीच बात हो गई, या कोई बात बन या बिगड़ गई तो मैं तो जीते जी मर जाउंगी, बेटी पति की आखिरी निशानी, जिसे अब तक आजाद छोड़ा, पर अब थोड़ी सी शख्ती बरतने की जरूरत है, तो मां ने लड़की को बाहर जाना कम करा दिया, मां ने साफ-साफ कह दिया अब तू बड़ी हो गई है, इसलिए अच्छे बुरे का पता भी होना जरूरी है, तुझे किसी ने कहा कि, चल घूमने चल रहे हैं, तो चल पडती है बिना कुछ सोचे समझे, आज से तेरा बाहर खेलना कूदना बंद, लोगों के घर में जाना बंद, अगर बाहर गई और मेरी बात नहीं मानी, तो हाथ पैर तोड़ दूंगी, लड़की मां से बहुत प्यार करती है, और कभी मां की बात को नहीं टालती थी, तो उसने हां कह दिया|

बच्चे लड़की को बुलाने आते, तो मां उन लोगों से वही खेलने को बोल देती, सारे बच्चे वही खेलते और चले जाते, मां जब भी बाहर जाती, तब ही लड़की को बाहर ले कर जाती, लड़की का मां के अलावा कोई और नहीं था, इसलिए मां की हर बात मानती थी, मां भी अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी, अगर कभी लड़की से गलती हुई और मां ने डांट करके कहा कि, आज तुझे खाना नहीं खाना, तो लड़की खाना नहीं खाती थी, और शाम को मां रोते हुए अपनी बच्ची को प्यार से अपने हाथों से खाना खिलाती|

गांव में मेला लगा हुआ था, लड़की की सारी दोस्त मेला देखने गई, लेकिन लड़की नहीं गई, क्योंकि मां ने नहीं कहा, दोपहर को लड़की की दोस्त आई और मेला चलने को कहा, तो लड़की ने कहा मां को आने दे, पूंछ कर तभी जाऊंगी, लड़की की दोस्त ने कहा कि, तेरी मां तुझे नहीं जाने देगी और चली गई, लड़की उदास होकर बैठ गई, तभी लड़की की मां आई और लड़की का उदास चेहरा देखकर पूछने लगी, क्या हुआ बेटा? तो लड़की की आंखों में आंसू आ गए, मां का कलेजा मुंह को आ गया, कि जो लड़की कभी उदास नहीं हुई, आज उसकी आंखों में आंसू, तो उसने बेटी को गले लगा लिया, और उसके आंसू पहुंचकर बोली, क्या हुआ हुआ मेरी बच्ची रो क्यों रही है, तो लड़की बोली, मां मुझे मेला देखने जाना है, तो मां ने कहा, इतनी सी बात के लिए तूने रोना शुरू कर दिया, चल चुप हो जा, और दोनों मां बेटी मेला देखने चली जाती है|

रास्ते में उन्हें मोहल्ले वाली कुछ औरतें और बच्चे मिल जाते हैं, मां औरतों से बातें करते हुए धीरे-धीरे आती है, तो लड़की अपने संग की लड़कियों के साथ मां को बोलकर मेले में चली जाती है, मां उसे जल्दी आने को कह देती है, मेला में घूमते हुए 2 से 3 घंटे हो जाते हैं, लेकिन लड़की को मां, और मां को लड़की नहीं मिलती, कहीं नहीं दिखती|

गांव के सारे लोग मेला देख कर घरों की ओर चल पड़ते हैं, तो औरतें लड़की की मां से कहती हैं कि, हो सकता है तुझे ढूंढ कर लड़की वापस घर चली गई हो, तो मां घर आ जाती है, लेकिन लड़की घर पर भी नहीं होती, तो मां को गुस्सा आने लगता है, वह मेले में जाती है, और फिर घर, इस तरह से पूरा मेला और गांव छान मारती है, लेकिन लड़की नहीं मिलती, मां को बहुत गुस्सा आता है, कि इसको जल्दी आने को बोला था, और यह अभी तक नहीं आई, मां थक कर घर में बैठ जाती है, और कहती है कि, घर आएगी तो बताऊंगी|

क्रमश:...................