Vo kon thi - 2 in Hindi Horror Stories by SABIRKHAN books and stories PDF | वो कौन थी - 2

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वो कौन थी - 2


( अगले पार्ट में हमने देखा की डरावनी रात का एक एक पल निगाह के लिए युग जैसा लग रहा था सास बहू दोनों परेशान हो जाते हैं! सर धूम रहा था! वो अपनी आंखो पर वजन महसूस करती है!
उसी वक्त किसी ने दरवाजा ठोका था अपनी दीदी और जीजा होने का अंदेशा पाकर वह दरवाजे पर आती है!
दरवाजे पर से रेहान की आवाज सुनकर उसके ह्रदय को धक्का लगता है! अपनी गलती पर उसे बहुत पछतावा होता है अपने बच्चे रेहान को बाहर जाने देने गलती से कैसे हो गई?
जब उस बच्चे के लिए वह दरवाजा खोलती है तो बच्चा दौड़ कर उसके कमरे में बेड के नीचे छुप जाता है! पगलाई हुई वह भागती जब कमरे में आती है तो उसकी आंखें फटी रह जाती है क्योंकि उसकी बेड पर रेहान सोया हुआ था और बेड के नीचे से वो बच्चा गायब था अब आगे)
3

निगाह का चेहरा पूरी तरह सफेद हो गया था !उसका पूरा बदन कांप रहा था! रात को दरवाजा खोलने की उससे बड़ी गलती हो गई थी !धक्क से दिल रह गया !अभी भी उसको यकीन नहीं हो रहा था कि बेड के नीचे छूपने वाला बच्चा अचानक गायब हो गया था !वह बिल्कुल रेहान की तरह लग रहा था! आखिर कौन था वह ?और इस तरह क्यों आया था उसके घर में?
वह काफी हद तक डर गई थी !अपने रेहान के साथ इस कमरे में सोने अब उसका मन तैयार नहीं था!
दो तीन बार झुक कर उसने बेड के नीचे देखा !पूरी तरह तसल्ली कर ली! नीचे कोई नहीं था !डरते डरते वो अपने बच्चे को उठा कर सासुजी के कमरे में घुस गई! अमन की गैरमौजूदगी उसको पहली बार खटकी थी!
सर्द हवाओं ने बारिश हो रही हो एेसा माहोल बना रखा था !खिड़कियां बंद थी! कहीं छोटी सी झीर्री भी नहीं थी, जहां से हड्डियाँ तक को फ्रीज कर देने वाली हवा का आवागमन हो पाता..!
सासुमा बेसुध होकर पडी थे, उनकी सांसे जोरों से चल रही थी !उनकी बेड पर रेहान को लेटा कर वो सेंटर डोर बंद करने पलटी ,की दरवाजा अचानक बंद हो गया!
उसका बदन कांपने लगा..! डरी सहमी निगाहो से वो घूर घूर कर क्लोझ डोर को देख रही थी ,की तभी उसी कमरे में आहट हुई..!
वह पीछे मुड़ी उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था, बेड पर से रेहान गायब था! वह परेशान हो गई! इधर-उधर देखने लगी !
रेहान अचानक उठ कर कहीं छूप तो गया नहीं है..? उसने बेड के नीचे देख लिया !दीवार में बनी लकड़ी की अलमारी खोली! कपड़ों के अलावा उसमें कुछ नहीं था निराश होकर उसने अपनी असहाय नजरे कमरे के एक एक कोने में बारी बारी से घुमाई!
वह समझ चुकी थी कि बहुत बड़ी गड़बड़ी हो गई है !कुछ तो है जो उसको विचलित कर रहा है !एक बार फिर उसने बेड के नीचे देख लेना मुनासिब समझा! झुक कर उसने नीचे देखा !कमरे में रेहान को ना देख कर अब निगाह रोना चाहती थी ! चीखना चाहती थी, मगर जैसे उसकी आवाज गले में अटक गई थी! घर में आकस्मिक हो रहे अनुचित घटनाक्रम से वह सासुजी जी को तुरंत ही अवगत कराना चाहती थी!
जैसे ही उसने नजरें उठाकर बेड पर देखा ,तो एक और जोऱ का झटका उसे लगा!
बेड पर बैठी सासू जी उसे ही घूर रही थी! उनके होठों पर हल्की सी रहस्यमई मुस्कान थी! वह जहरीली मुस्कान ने उसे भीतर तक झकझोर के रख दिया!
"क्या सोच रही हो..?"
एक भारी जनाना आवाज कमरे में गूंज उठी! उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं था !
सासु जी का मारवाड़ी लहजा बदल गया था!
"बाई जी आप सोई नहीं ?"
'बाई नहीं हूं मैं तेरी ..!"
उनका चेहरा सुर्ख हो गया आंखों से अंगारे बरसने लगे !
अब वह गौर से सासु जी के चेहरे को देख रही थी! वह चेहरा बिल्कुल अंजाना सा लगा!
"आ.. आप कौन हैं?"
डरते डरते उसने पूछा!
इतनी देर में भूल गई मुझे तु..? कुछ देर पहले ही मेरा हाथ पकड़ कर मुझे भीतर ले आई हैं..!"
निगाह को एकदम क्या सूझा कि वो तपाक से पलटी डोर को खींचा!
दरवाजा खुलते ही उसने अपने कमरे में छलांग लगा दी! उसका अपना रेहान बेड पर लेटा हुआ था! खौफ जदा हुई वह बेटे के करीब बैठ गई! अपने कांपते हाथ से उसके बालों को सहलाने लगी!
उसका दिमाग चक्कर गिन्नी की तरह घूमा हुआ था!
अभी भी वह निश्चय नहीं कर पा रही थी की साेया हुवा उसका रेहान है या कोई और..? एक बात को वह अच्छी तरह समझ गई थी कोई बड़ी मुसीबत को उसने घर में बुला लिया है आज अमन भी नहीं है यह रात उसके लिए कयामत की रात साबित होने वाली है!
कशमकश में सुन्न होकर वह बैठी थी कि अचानक एक दबी हुई चीख से वो चमक गई!
दबे पांव उसने सासु जी के कमरे की ओर कदम बढ़ाए दरवाजा खुला पड़ा था भीतर का दृश्य देखते ही उसका कलेजा मुंह में आ गया!
बेड पर बैठे सासूजी अपने दोनों हाथों से खुद का गला घोंट रहे थे!
उनकी बड़ी बड़ी आंखें निकल गई थी चेहरे की त्वचा ढीली पड गई !
एक पल की भी देर किए बगैर निगाह उनकी बेड पर कूद गई! सासु जी के दोनों हाथ पकड़ कर उनका गला छुड़ाने की कोशिश करने लगी!
उनके हाथों में इतनी ताकत कैसे आ गई थी वह सोच कर ही निगाह के रोंगटे खड़े हो गए!
भारी जद्दोजहद और मशक्कत के बाद गले से उनकी पकड़ छुड़ाने में वह सफल हो पाई! गले की पकड़ छूटते ही सासु मां बेहोश होकर बेड पर गिर पड़ी!
इस वक्त उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था !कि क्या किया जाए ?इन हालात को कैसे काबू में किया जाए?
सासु जी को बेड पर लेटा कर फटाफट अपने कमरे में आई !बच्चे को उठा लिया !और वापस उसी कमरे में लौटी ,डोर क्लोज किया, फिर बेड पर बैठ गई!
उसकी सांस फूल गई थी !सांसों की गति नॉरमल ना होकर दुगनी हो गई थी!
उसकी आंखों से नींद उड़ गई थी !कोई रूहानी ताकत थी जो उन्हें परेशान कर रही थी! आंखें बंद करके निगाह कुरान की चार कुल शरीफ ( आयते-मंत्र) पढने लगी!
चार आयते पढ़ कर उसने अपने चारों तरफ दम किया !अचानक उसकी निगाह सामने दीवार पर पड़ी वहां सुर्ख अरबी लफ्जों में कुछ ईबारत लिखी थी!
(واحد من القتلة)


उसको ध्यान से वह देखने लगी !कुछ समझ में नहीं आया!
निगाह ने अमन को कॉल ट्राय की
उसका नंबर कवरेज क्षेत्र से बाहर आ रहा था!
दीवार पर लिखी इबारत की एक तस्वीर ले ली!
आकस्मिक घर में जो घटनाएं घटी शार्ट में मैसेज टाइप किया और व्हाट्सएप पर उसने अमन को सेंड कर दिया लास्ट में अरबी की लिखावट वाली फोटो भी सेंड कर दी..! जल्द से जल्द कांटेक्ट करने को निगाह ने अमन से इल्तजा की!!
सर्द रात को हवाओं के जोश ने सृष्टी को अपनी गिरफ्त मे बांध रखा था!
पेड पौधे ठंडी की लहर से असरग्रस्त थे
अमन संभलकर ड्राईविंग कर रहा था!

ठंडी से हाथो की उंगलियां सिकूड रही थी! ट्रक पूरी तरह पेक थी फिर भी ठंडी हवाओं का कातिल कहर जिस्म महेसूस कर रहा था!
ईंजन की तपिश से वो संभल गया था! वरना पूरे बदन मे खून फ्रिज हो जाये ऐसा ऱुतबा मौसम का था!
एक लोंग टर्न पर गाडी घुमाते वक्त अमन ने देखा की फर्नाडिंज बुरी तरह ठंड से कांप रहा था!
फर्नाडिंज उसका बचपन का दोस्त था!
मम्मी पापा अकस्मात् मे मारे गए तब से वो अमन के साथ था अमन ने उसे संभाला था ! जब भी कभी लम्बी दूरी की ट्रीप होती वो फर्नाडिंज को साथ ले लेता!
अब तो फर्नांडीज काफी अच्छा ड्राइवर बन चुका था!
क्लिन शेव्ड चहेरा धूधराले सूनहरे बाल और उसकी आंखे किसी भी हसीना को लुभाने वाली थी ज्यादातर फर्नांडीज अमन के साथ ही रहता था!
लंबी दूरी की कोई भी ट्रिप में एक बार स्टेरिंग वो संभालता तो लौटते वक्त अमन ड्राइव करता!
इस बार भी ऐसा ही हुआ था!
पूरा बदन गर्म कपड़ों से ढका हुआ था फिर भी उसे ठंड लग रही थी! काफी देर से फर्नांडीस कंबल ओढ़ कर सोने की फिराक में था मगर सक्सेस नहीं हो सका! फिर सीट पर पालथी लगा कर बैठ गया!
"अमन लगता है हम आबू में हैं !"
हां बस पहुंचने वाले हैं!
"यहां का टेंम्परेचर आज जीरो डिग्री से नीचे होगा!"
"बिलकुल..! ,
अमन ने ठंड से सीकुड रहे बदन को कंट्रोल करते हुए कहा !"यहा तो कभी-कभी बर्फ गिरती है!
"पर यार मुझसे यह सर्दी बर्दाश्त नहीं होती जब ड्राइविंग सीट पर मैं होता हूं ,कम सर्दी लगती है!"
"तु फिर बैठेगा ड्राइविंग सीट पर बोल?"
"नहीं अब चार-पांच घंटे का रास्ता है तू ही ड्राइव करले!"
" मैं शराब के दो घूंट मार लेता हूं..! एकाद पेग तु मारना चाहेगा?"
"मैं नहीं पीता तुझे पता है फिर भी तू क्यों पूछता है?
"यार हु तेरा..!
बस अपना फर्ज निभाता हुं..!" कहते हुए उसने अपने जेकेट की जेब से वॉदका निकाली.
और दो पेग धटके.. उसकी आंखे नशे से तर हो गई!
"इस दो घूट से काम चल जाएगा! चाहे अब बर्फ गीरे तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता.!"
" रात के 12:00 बज रहे हैं कोई होटल या ढाबा दिखे तो बोल देना मुझे चाय पीनी है..!"
अमन ने अपने सूखे होठों पर हाथ फेरते हुए कहा.!
वोडका असर दिखा रही थी !फर्नांडीज को वैसे भी शराब में धुत रहना पसंद था शराब पीकर वो आपा खो बैठता था!
चाय पी लेंगे मगर इस ठंडी रात का खुमार मुझ मेरे सर पर चढ़ा है!
"शराब ने बदन में जोश भर दिया है कहीं कुछ शबाब भी हाथ लग जाता तो आज फिर मेरी रात रंगीन हो जाती पिछली बार की तरह..! "
अमन को याद आया पिछली बार भी लंबी ट्रिप में यहां से गुजरते वक्त एक लड़की को देखा था जो रात में सज सवर के हाईवे पर खड़ी थी!
उसको पहचान ते ही फर्नाडिंज ने गाडी रुकवा दी थी तकरिबन तीन दीन लगातार वो गाडी मे रही!
लौटते वक्त उसे यही छोडा था.
फर्नांडीस अपनी कमाई को ऐसे ही उड़ा देता था अमन उसके उड़ाओ और रंगीन मिजाज से काफी परेशान था बहुत बार समझा चुका था पर फर्नांडिस एक ही बात बोलता था "जिंदगी एक ही बार मिलती है उसको जी भर के जियो ! जो दिल को अच्छा लगे वह सब करो!" अमन की सारी बातें ,उसे समझाने की कोशिशें धरी की धरी रह जाती..!
"वो क्या लड़की थी यार...!,
अमन ने देखा की शराब फर्नांडिस के सर पर चढ़कर बोल रही थी.
अमन तुझे कुछ नहीं होता यार..? मक्खन जैसा बदन था उसका..! किसी भी ऋषि मुनि का तपो भंग कर दे ऐसी भभकती आग थी उसमें..! उसकी जवानी को मदिरा में घोल कर भी गया था मैं..!"
अमन ने देखा कि फर्नांडीस का चेहरा लाल हो गया था !उसकी आंखों के सामने से जैसे वो सारे रंगीन मंजर अभी अभी गुजरे हो!
मेन हाईवे पर ट्राफिक जाम था, तो अमन नें एक कच्ची सड़क पर गाड़ी धुमा दी ! यह रास्ता आगे जाकर आबूरोड सिटी में दाखिल होता था!
रात के वक्त में ऐसी सूनसान सड़कों पर गाड़ी लेकर जाने की हिम्मत कोई करता नहीं है!
मगर अमन और फर्नांडीस साथ होते तब ऐसे पडकार जनक रास्तों पर चलने का जुनून दोनों के हौसले को बढ़ावा देता था..!
अभी कुछ दूर ही चले थे कि दो काली बिल्लियों ने उनका रास्ता काटा.
अमन ने ब्रेक लगाकर गाड़ी की स्पीड पर कंट्रोल किया..!
बिल्लियों की चमकदार आंखें पीछे चली गई फिर भी अमन को महसूस हुआ वह आंखें घूर घूर कर उन्हें पीछे से देख रही थी!
रुक रुक अमन..! फर्नांडीज ने अचानक अमन के सामने हाथ ऊंचा करके रुकने का इशारा किया..!
अमन ने देखा की रोड की लेफ्ट साइड पर एक कार पेड़ से टकराकर उल्टी हुई पड़ी थी!
"अमन हमें देखना चाहिए किसी की हम शायद जान बचा सके..!"
"नहीं यार हमें ईन लफडो में नहीं पड़ना!"
जान बचाने की कोशिश में पुलिस के हाथ लग गए तो अपनी जान के लाले पड़ जाएंगे..!"
"कुछ नहीं होगा तु रुक ! मैं देख कर आता हूं! "
फर्नांडीज ने जबरन गाड़ी रुकवा दी!
अमन को गाड़ी से उतरना ठीक न लगा..!
एक्सीडेंट वाली जगह काफी पीछे रह गई थी फर्नांडिज छलांग लगाकर नीचे कूद गया..!
एसा नहि था कि सरदी का कहर जारी नही था..! फर्नाडिंज के बदन में ईस वक्त गजब की स्फूर्ति आ गई थी..!
पूर्णचंद्र मा ने अपना जादू बिखेरा था! बडे बडे पेड राक्षसी हाड पिंजर की तरह खड़े थे! फर्नांडीस आगे बढ़ रहा था! तब निशाचर पक्षियों ने तहलका मचा दिया था! कहीं दूर कोचर पक्षी की आवाज आ रही थी! पास ही के एक घटादार वृक्ष में रुक रुक कर उल्लू रो रहा था!
बड़ी तादाद में इकट्ठी हुई बिल्लियां आपस में झगड़ रही थी! उनकी चीखे वातावरण को डरावना बना रही थी!
तेजी से भागता हुआ फर्नांडीज कार के नजदीक पहुंच गया!
मोबाइल की टॉर्च से उसने झुककर कार के अंदर देखा!
पिछली सीट पर एक खुले बिखरे हुए बाल वाली औरत बेहोश पडी थी!
उसको गोरे चहेरे की मासूमियत देख कर फर्नाडिंज आवाक रह गया!
ड्राइविंग सीट पर एक युवक बेहोश पड़ा था जिसकी बॉडी कसी हुई और फिट थी!
फर्नांडीज की मति भ्रष्ट हो गई उसके अंदर का शैतान जाग उठा!
उसने रोड साइड देखा दूर-दूर तक कोई हलचल नहीं थी अमन की लोरी भी नजर नहीं आ रही..
फर्नांडिस ने देखा की उस औरत का गदराया हुवा भरा बदन ठंडी मे सिकूड रहा था..!
कार का पिछला दरवाजा खुला था!
फर्नांडीज ने संभाल कर उस औरत को बाहर खींच लिया! उसका मखमली स्पर्श से फर्नांडिस के शरीर में बिजली सी भर गई !
वह औरत इस वक्त उसकी गोद में थी उसने गर्म शाल ओढ़ रखी थी नाइट ड्रेस के बारिक कपड़े की परत से उसके शरीर के कटाव साफ दिख रहे थे!
फर्नांडीस ने मक्खन से चेहरे पर अपना हाथ फेरा!
शैतान जाग उठा था! इस वक्त उसने उस औरत की हालत पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा!
वह उसको जगह जगह चूम रहा था!
कहीं अमन ना आजाये , ऐसा डर भी मन मे पनपने लगा! फर्नांडिज ने वहशीपन की सारी हदें पार कर दी!
उस बेहोश औरत की इज्जत को उसने तार-तार किया! उसके पेट का उभार देखकर भी फर्नांडिस को रहम नहीं आया!
वह बस अपनी हवस मिटाने में लगा था! सख्त जान होकर फर्नांडीज ने उस औरत पर कहर ढाया !
अचानक उसको होश आ गया था!
वह दर्द से तड़प रही थी चीख रही थी!
वह प्रेग्नेंट थी! और अब वह अपने पैर पटकने लगी थी वहीं पर छटपटाने लगी थी फर्नांडीस तेजी से खड़ा हो गया!
तभी इन काली रात की डरावनी वादियों में बच्चे के रोने की आवाज गूंज उठी!
फर्नांडीस ने देखा की तड़पती हुई वह औरत शांत हो गई थी!
उसकी बोडी में जरा भी हलन चलन नहीं था!
सांसे रुकी हुई थी बड़ी बड़ी डरी हुई आंखें खुली रह गई थी !
उसके दो पैरों के बीच छोटा सा बच्चा ठंड में तड़प रहा था! बिलख रहा था! छोटा सा मांस का पींड.. रो रहा था!
जब फर्नांडीस नें उसकी छाती पर हाथ रखकर धड़कने महसूस करने की कोशिश की पर उसका शरीर शांत हो चुका था!
बिल्लियों की आवाज अभी भी आ रही थी!
एक पल के लिए उसे लगा यह बिल्लियां नवजात बच्चे को मार डालेगी! उसको गाड़ी में रखने की मंशासे बच्चे को उठा ने वह पलटा!
उसकी आंखें आश्चर्य और ख्वाब से फटी ही रह गई!
बच्चा वहां से गायब था!
कुत्तों के रोने की आवाजें बढ़ गई थी!
अब एक पल के लिए वहां रुकने का मतलब था जान का खतरा!
फर्नांडीस तेजी से ट्रक की और भागा..!
उसको ऐसा महसूस हो रहा था! जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है उसकी धड़कनें तेज हो गई थी !