Vo kaun thi - 3 in Hindi Horror Stories by SABIRKHAN books and stories PDF | वो कौन थी - 3

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वो कौन थी - 3


(अगले पार्टमे देखाकी.. एक कार हादसा देखकर फर्नाडिंज अमन की गाडी रुकवाता है..! वो घभराया हुवा भागकर गाडी की और आता हैं अब आगे)


ठंड की वजह से अमन को गाड़ी से बाहर निकलने की जरा भी इच्छा नहीं थी मगर फर्नांडिस कब से जहां कार हादसा हुआ था ,उस जगह पर गया था! जब काफी देर हो गई तो अमन को उसकी चिंता होने लगी! रात के वक्त में ऐसी जगहों पर रुकना खतरनाक था! लुटेरों के आतंक की वजह से इस सड़क पर पहले काफी लूटपाट हो चुकी है !
अनगिनत लोगों का मर्डर हुआ है ,जो आज तलक अनसुलझा रहस्य बनकर रह गया है!
गाड़ी में अपनी सीट के पिछले हिस्से में हमेशा एक मजबूत बांस का डंडा वह रखता था ! डंडा लेकर वह संभलकर नीचे कूदा!
धीरे धीरे अमन ने आगे कदम बढ़ाएं!
हल्की हल्की हवा से पेड़ पौधों में सरसराहट थी ! झाड़ियों में से एक दो अचानक चमगाड उडे..! जो उसके बालों को स्पर्श करते हुए निकल गए! एक पल के लिए वह चौक गया!
सारा इलाका पहाड़ी पेड़ पौधे और झाड़ियों से गिरा हुआ था! एक लंबा टर्न था और रोड के दोनों साइड पर लोहे की रेलिंग बनी हुई थी!
लॉन्ग टर्न की आरंभिक ढलान पर से नीचे कार उतर कर पलट गई थी ! हादसे के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता था!
अमन कुछ हद तक चला था कि सामने से फर्नांडीज भागता हुआ आता दिखाई दिया!
अमन को सामने देखकर वह चीखा!
"भाग अमन.. गाड़ी में बैठ ! भाग..!"
अमन को कुछ पल्ले ना पड़ा! हड़बड़ाहट में वह भी भागा!
"क्या बात है क्यों रेस के घोड़े की तरह भगा रहा है?"
तुम गाड़ी में बैठ जाओ ! फिर मैं बताता हुं! फर्नांडीज काफी डर गया था!
परिस्थिति की नजाकत देखकर अमन भी तेजी से गाड़ी की ओर भागा!
अपनी जान बचाकर दोनों गाड़ी में घुस गए! फर्नांडीज ने फटाफट दरवाजा बंद करके स्टॉपर लगा दी!
"अमन गाड़ी स्टार्ट कर भगा ले यहा से..! "
फर्नांडीज ऐसे चीखा की उसकी बडी-बड़ी आंखे बाहर निकल आई !
अमनने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा- "क्या हुआ है बताएगा नहीं? बस मुझे भगाता ही रहेगा?
फर्नांडिज चुप हो गया था! सहमी हुई निगाहों से वह इधर-उधर देख रहा था!
भागने की वजह से दोनों की सांसें फुली हुई थी!
बच्चे को गायब पाकर फर्नाडिंज को ईस बात की भनक लग गई थी की उसके करतूत की परछाई पीछे लग गई हैं !
पिछले कुछ दिनों से अमन देख रहा था, फर्नांडीज का बर्ताव ठीक नहीं हैं!
कहीं उसे छोटी लड़की दिखती थी, तो कहीं पर छोटे बच्चे को देख कर डर जाता था!
उसमें आए अचानक ऐसे बदलाव से अमन काफी परेशान था!
वह काफी विचित्र हरकतें करने लगा था! कुछ दिनों से वह काफी बदला बदला लग रहा था !वह अब बातें कम किया करता था !अमन उसे कुछ पूछता तो गुमसुम होकर बैठा रहता था!
अमन ने गाड़ी स्टार्ट कर के इस तरह भगाई जैसे कोई उनके पीछे लगा हो!
अमन गाड़ी भगा रहा था ,तब उसे गाडी की ट्रोली मे से बिल्ले की गुर्राट सुनाई दी!
फर्नांडीस अपना मुंह दोनों पैरों के बीच छूपा कर बैठा था!
एक पल के लिए अमन को लगा शायद उसका वहम है गाड़ी में बिल्ला कैसे आ सकता है?
तकरीबन दो तीन किलोमीटर तक गाडी चली होगी की अचानक एक बड़ा धमाका हुआ!
ट्रक ने कुछ हदतक बैलेंस घुमाया मगर अमन की सतर्कता से गाड़ी रास्ते मे साइड पर कंट्रोल होकर रुकी!
अमन ड्राइविंग सीट पर अपनी साइड की फाटक खोल के नीचे कूद गया!
अमन ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर आगे के दोनों टायरो की झांच की..
दो टायर एक साथ फट गए थे और उनके पास स्टॉक में सिर्फ एक ही टायर था!
माय.. गोड..! अब क्या होगा..?
अमन के माथे पर बल पड़ गए फर्नांडिस ने नीचे उतरने की जराभी तस्दी नहीं ली..!
चारों तरफ घना अंधेरा छाया था!
दूर-दूर पहाड़ियों में सियार रो रहे थे ! कहीं ना कहीं एकल दोकल उल्लू की आवाज सुनाई दे रही थी..!
अमन ने देखा कि कुछ ही दूर साइड पर एक ढाबा हल्की लाइट्स की वजह से पुराने खंडहर की तरह नजर आ रहा था!
ढाबे को देख कर अमन के मन को राहत हुई! वहां जाकर चाय -पानी और पेट पूजा हो जाएगी! सुबह तक यहीं रुकना पड़ेगा..! कल सुबह है नजदीक के शहर से टायर का कुछ तोड़ कर लेंगे!
फिलहाल ढाबे पर चलते हैं ,यह सोच कर अमन ने फर्नांडिस को आवाज लगाई!
"चल बाबू ..नीचे आजा! अपनी दुल्हन रूठ गई है! बीच रास्ते में रोककर वह हमसे ठोक बजाकर बदला लेने वाली है! अब हम क्या कर सकते हैं? जोरू के गुलाम जो ठहरे?!
चल आजा मेरे भाई ! जोरों की भूख लगी है!
इतना कहकर अमन ढाबे की ओर चलने लगा!
फर्नांडिस किसी चोर की तरह गाड़ी में से उतरा था , और रस्ते की एक साइड पर जहां पूर्णिमा के चंद्र की किरने नहीं पहुंच रही थी उन घनी पेड़ों की छांव में वो चलने लगा!
उस पर जरा भी ध्यान दिए बगैर अमन ढाबे पर पहुंच गया!
एक बड़ा हॉल जैसा कमरा था ! बाहर गैलरी में टेबल कुर्सी लगे हुए थे ! एक तरफ नाश्ते के लिए छोटी मोटी चीजें थी.. ! दाल बड़े बेसन के भजिए समोसे और मिर्ची बड़े मौजूद थे!
अमन को आता हुआ देखकर एक लड़का स्टोर पर आगे आया!
उसे देखते ही अमन बोला !
"चाय पानी मिल जाएगा ?और खाने में क्या है?
"हां बाबूजी ..बैठो चाय कोरे दुध में भणा कर पिलाउंगा..! खाणे मे अबार दालबाटी रेडी है कहो तो परोस दु..! "
"हा, फटाफट ला.. मने भुख धणी लागी है.. पेला दो कप फस्टक्लास चाय पिला दे भै..! "
"अभी लाया..!"
अमन ने घर पर फोन लगाया!
तपाक से फोन रीसिव होते ही निगाह की बेचेनी उसके लब्जो मे छलक उठी!

"कहा थे जी ईतनी देर से? कब से ट्राय कर रही थी!!"
"अरे यार निगाह फोन की बैटरी डिस्चार्ज हो गई थी और एक मुसीबत आ गई है?"
"अबे की होया?"
आबू से कुछ आगे रास्ते में गाड़ी पंक्चर हो गई है! दोनों टायर पंक्चर है! गाड़ी छोड़कर नहीं आ सकता हूं समाण भरा पड़ा है!"
कोई बात नहीं अपणा ख्याल रखणा मम्मी जी काफी परेशाण थी!"
"बात करवा दो म्हारी..!"
अमन अपनी मा को तसल्ली देता है की फिक्र ना करे..! कल घर वो पहोंच जायेगा..!
फिर जैसे ही फोन रखता है..!
वो लडका पीछे से चिखता हुवा आता है..! बचाऔ.. ! बचाओ मुझे आ... आ... ह..!
अमन घबरा कर उस लडके को देखता है..! - "क्या हुवा..? जागते हुये ख्वाब देखता है छोरा..?
"न ई.. वो..? वो..? "
"क्या..वो ? आगे भी कुछ बोलेगा की नही..? तेरी सूई एक ही जगह अटक गई है..!"
सहेंमी सी निगाहो से वो ईधर -उधर देखता है.. फिर बिलकुल धीमी आवाज मे बोलता है.. !
"वो तुम्हारे साथ कैसे आया..? "
तभी अमन को फर्नाडिंज का विचार आया..! "कहीं उसकी तो बात नई कर रहा ना..?"
"कौन..? तु किसकी बात कर रहा है लडके..?"
" वो गोरा आदमी जीसके घुघराले बाल और नीलि आंखो पर चश्मे लगे है..! "
"हा, वो फर्नाडिंज है कहा गया..? "
"वो कोई फर्नाडिंज नही है बाबूजी..
वो एक प्रेतात्मा है..!
लडके ने बहोत ही डरी हुई आवाज घमाका करते हुए ये बात बताई..!
यह रास्ता विरान है.. बहोत कम गाडियां चलती हैं ईस रूट पर..!
दस रोज पहेले वहां आगे कार एक्सिडेन्ट हुवा था..! जिसमे पति को बेहोश पाया गया था.. और पत्नी को किसीने रेप करके मार डाला था..!
उसके पति को हास्पिटल मे होश आया तो उसका कहना था उसकी वाईफ प्रेग्नन्ट थी.. ! तो उसका बच्चा कहां गया?
सारा किस्सा अनसुलझी पहेली बना हुवा है!
उस हादसे के दो दिन बाद वही जगह पर ही ईसकी डेड बोडी मिली थी..! कोई आई डी प्रृफ नही था ईस लिए पुलिस आज तलक पता नही लगा पाई की मरने वाला कौन था..!
"पर ये तो फर्नाडिंज है मेरा दोस्त..! "
अमन को बात हजम नही हो रही थी..!
बाबुजी.. मारी बात माणो तो ठीक ना माणो तो भी ठीक है!
मै ईने बाथरूम मे देखते ही पिछाण गियो की जो मरीयो वही आदमी है ये..! "
वो चाय ले कर आया..!
बाबुजी एडी जगहो पर मैं पला बढा हुं! झाड रु पान हिले तो भी ठा पडे है की मामलो कई है..!
अब अमन को मनमे डर लगा!
फर्नाडिंज बाथरूम से आया नही था तो अमन बार बार उधर देख रहा था..
"वो अबे नई आवेला साब..! ये धरमसिंग नो धाबो है..! यहां पर बाबाजी रो चराग जले है..! बुरी आत्माये यहां से दस कोस दुर रहती है..!
"वो काफी दिनो से मेरे साथ था! "
अमन के शब्दों मे कंपन साफ महेसूस हुवा!
"वो आपके साथ था मगर कुछ रोज से प्रेत बनकर..! "
"क्या तुम अकेले हो यहां..?"
"मेरा बापु है.. भीतर सोया है..! "
कुछ दिन से फर्नाडिंज मे आये बदलाव का राज अमन की समजमे आ गया.!
वो चुपचाप दाल बाटी खा रहा था!
फोन स्विचओफ करके उसने वहा चार्ज में लगा दिया..!
काफी देर तक वो वहां बेठा रहा! अब गाडी में जाने को उसका मन राजी नही था!
बहोत देर हुई तो उसने फोन ओन किया..!
वोटसप पर निगाह के मेसेज देखकर उसका सर चकराने लगा..!
वो बच्चा उसके घर पर पहोंच गया था!
और वो दीवार पर की अरबी लिखावट का तर्जुमा (अनुवाद) ये था "एक बेगूनाह की मौत..!"
अमन के दिमाग में घंटियां बजने लगी..! सीधी सी बात थी! फर्नाडिंज कही ना कहीं उस हादसे से जुडा हुवा था..!
( क्रमशः)
कौन थी वह औरत...? और कहां गया उसका बच्चा..?
निगाह अपने आपको बचा पायेगी शैतान से? जानने के लिये पढते रहे.. वो कौन थी..!