hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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क्षितिज (काव्य संकलन) - 3 By Rajesh Maheshwari

जीवन की राह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम पवित्र हो सकता है किंतु मोक्षदायक नही। मोक्ष निर्भर है धर्म एवं कर्म पर। संगम में डुबकी से भावना बदल सकती है किंतु बिना कर्म के मोक्ष...

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भारत के चमत्कार और आविष्कार - (कविता) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

एक दिन हमारी मुलाकात,-- एक अमेरिकन से हो गई । हम भारतीय सदा से विनम्र ,--नम्रता से पेश आए।हाथ जोड़कर नमस्कार किया और हालचाल पूछने लगे।पर अमेरिकन सदा से गर्वीला,-- अकड़ गया हमसे।और...

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में और मेरे अहसास - 47 By Dr Darshita Babubhai Shah

  आरज़ू मेरी इस तरह मुकम्मल हुईं l याद उनकी दीदार ए यार दे गईं ll     ***********************   हर लम्हा हर पल हर वक्त मैं ग़ज़ल लिखता हूँ l हिमाकत तो देख इबादत...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 13 By Shruti Sharma

तो साल की आखरी शाम उन सभी जवानों के नाम जो इस देश की और हम सभी की हिफाज़त के लिए हर दम सीमा पर तैनात हैं । चाहे धूप हो , बारिश हो , आँधी हो , तूफान हो और चाहे कक्कपाती सर्दी हो वे ह...

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तेरे लिए By Vikas Mishra

1.कसकमेरे शब्दों में शायद कोई महक न होती ग़र उसमे तेरे दूर होने की कसक न होती न चमकता चाँद, रातों को तनहा आवारा तुझसे मिलने की उसमे ग़र लहक न होती न मिलती मेरी ग़ज़लों...

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जीवन वीणा - 10 - अंतिम, समापन किश्त By Anangpal Singh Bhadoria

आत्मिकी आम आदमी की -यह आम आदमी की आत्म कथा है .‌संसार रूपी जाल में बंद व्यक्ति भगवान के अनुदानों को न तो देख पाता है और न ही महसूस कर पाता है.जबतक उस पर सद्गुरु की कृपा नहीं होती .

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गज़लें और शायरीया By Harsh Parmar

आपने गज़लें और शायरीया तो बहुत सुनी होंगी पर उन मैं से गुलजार साहेब की बहुत गज़लें और शायरीया दिल को छु लेने वाली है. मै आपके सामने गुलज़ार साहेब की शायरीया लेके...

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तुम बिन जिन्दगी - 2 By निखिल ठाकुर

3. ‼️मुझे तन्हाई से डर नहीं है अब ‼️--------------------------------------------------------------------------------------खुश हैं जिन्दगी से हम !ना किसी की चाहत है अब!! मुझे तन्हाई...

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रंग बदलता आदमी, बदनाम गिरगिट - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

रंग बदलता आदमी,बदनाम गिरगिट 11 काव्य संकलन- समर्पण- देश की सुरक्षा के, सजग पहरेदारों के, कर कमलों में-...

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जीवन के सप्त सोपान - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन के सप्त सोपान 11 ( सतशयी) ------------------------------ अर्पण- स्नेह के अतुल्नीय स्वरुप,उभय अग्रजों के चरण कमलों में...

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पहला - मेरी कविताएँ By Shalvi Parihar

मेरी नींदसारा दिन जागूँ तो, बेजान-सी हो जाती हूं।साँस लेती हूं, पर निढ़ाल-सी हो जाती हूं।एक आँख लगने का इंतज़ार है, मुझेफिर सांस लेती मेरी ये आँखें है, जिन्हें मैं अक्सर बोलते सुनती...

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सुनो...!!! By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुनो...!!!! तुम बनारस हो जाओ, मैं उसमें समाहित रस हो जाऊंगी । तुम प्रेम मग्न कृष्ण की बांसुरी हो जाओ, मैं उसकी मधुर ध्वनि में समाहित राधा हो जाऊंगी । तुम चौरासी घाट हो जाओ प्रिय, म...

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भारत - 4 By नन्दलाल सुथार राही

जय हिन्द'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत भाग तीन में भारत की सगुण भक्ति धारा के प्रमुख एवं भारत की सांस्कृतिक धारा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण से सम्ब...

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आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या..?? By ARUANDHATEE GARG मीठी

क्या ख्याल है बादलों...??? आज रावण को अधजला ही रहने दोगे क्या? बुराई पर अच्छाई की जीत का झूठा ढोंग करने वालों को , बुराई पर झूठी जीत भी नही दिलाओगे क्या? आज रावण को अधजला ही रहने द...

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क्षितिज (काव्य संकलन) - 3 By Rajesh Maheshwari

जीवन की राह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम पवित्र हो सकता है किंतु मोक्षदायक नही। मोक्ष निर्भर है धर्म एवं कर्म पर। संगम में डुबकी से भावना बदल सकती है किंतु बिना कर्म के मोक्ष...

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भारत के चमत्कार और आविष्कार - (कविता) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 13 By Shruti Sharma

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तेरे लिए By Vikas Mishra

1.कसकमेरे शब्दों में शायद कोई महक न होती ग़र उसमे तेरे दूर होने की कसक न होती न चमकता चाँद, रातों को तनहा आवारा तुझसे मिलने की उसमे ग़र लहक न होती न मिलती मेरी ग़ज़लों...

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जीवन वीणा - 10 - अंतिम, समापन किश्त By Anangpal Singh Bhadoria

आत्मिकी आम आदमी की -यह आम आदमी की आत्म कथा है .‌संसार रूपी जाल में बंद व्यक्ति भगवान के अनुदानों को न तो देख पाता है और न ही महसूस कर पाता है.जबतक उस पर सद्गुरु की कृपा नहीं होती .

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गज़लें और शायरीया By Harsh Parmar

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तुम बिन जिन्दगी - 2 By निखिल ठाकुर

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पहला - मेरी कविताएँ By Shalvi Parihar

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सुनो...!!! By ARUANDHATEE GARG मीठी

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भारत - 4 By नन्दलाल सुथार राही

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