hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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सरल नहीं था यह काम - 1 By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

सरल नहीं था यह काम 1 काव्‍य संग्रह स्‍वतंत्र कुमार सक...

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बोलता आईना - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बोलता आईना 3 (काव्य संकलन) समर्पण- जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने-...

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में और मेरे अहसास - 41 By Darshita Babubhai Shah

आज बारिस के साथ आंखे भी बरसने लगी lयाद आने के साथ आंखे भी छलकने लगी ll कुछ ज्यादा ही लंबे हो गये हैं जुदाई के साल lदिलोदिमाग के साथ आंखे भी तरसने लगी ll डाकिया के हाथ में खत को देख...

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मेरा भारत लौटा दो - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत लौटा दो 11 काव्‍य संकलन वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्...

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निर्माण कविता एवं अन्य रचनाएं By Abha Dave

1)निर्माण--------------कर रहा जग उन्नति चारों दिशाओं मेंआगे बढ़ रहे हैं कदम चाँद -तारों मेंविज्ञान ने कर ली है तरक्की हर पैमाने मेंआदमी भी मशीन बन गया अब तो इस जमाने मेंवहीं रोबोट...

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Meri Shayari By MANISH SINGH

1. बिखर रहे थे सपने पंन्नो की शक्ल में चाहता था पकड़ लूं किसी को पर शायद लंबी छलांग लगाना मेरे बस में नहीं

2. जिंदगी एक बहुत ही सुहाना सफर है जिंदगी में नय नय लोग मिलते जाते हैं औ...

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कभी सोचा न था- भाग-२ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था ( भाग-२)२२.जब भी गाया धुन अपनी थीजब भी गाया धुन अपनी थीजब भी सोचा, मन अपना थाजब भी देखा, दृष्टि साफ थीजब भी पूजा, भगवान पास था।मन में कोई दोष नहीं थादूर चला था लय नया...

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क्षणभर - भाग-२ By महेश रौतेला

क्षणभर (भाग-२)२४.इस वर्षइस वर्षविचार उखड़ेआँधियां चलींप्यार की दो-चार बातेन हुयीं,दो-चार छूट गयीं।उनसे हुयी मुलाकातयाद आयी,बीते समय की चिट्ठीफिर पढ़ ली,ईश्वर निर्मित चाहहमारे साथ हो...

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'बेरोजगार' : यथार्थवादी कविताओं का एक संग्रह By Prabhat Anand

#नींद "भगवान के लिए, बेकार! बेकार! का ये शोर बंद करो" ...वो अधेड़ युवक रात भर बड़बड़ाता है,सोये अपनी ख्वाहिशों की कब्र पे। #सपनें सपनें-जिनको पूरा होतेसोचने भर से,कभी रोमांच...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 11 By Shruti Sharma

आज भारत के 75वें स्वंतंत्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । आज मेरी कविताएं मेरे वतन मेरे अमर शहीदों को समर्पित है ।????????????????????????????????????❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤--...

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हरियाली तीज - कविता By Abha Dave

कविताएं-------------1)हरियाली तीज-------------------हरियाली तीज आ गईसुहागन के मन को भा गईसावन की छटा निराली हैप्रियतम को भी भा गई ।रखती है सुहागन उपवासपिया रहे हमेशा उसके पासउसकी उ...

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कविता विशेष By ARUANDHATEE GARG मीठी

आप सब जानते हो आप सब मेरे लिए क्या हो...???? आप सब मेरे लिए मेरी चाय हो, जिनसे मिलते ही मुझे ताजगी का एहसास होता है आप सब न मेरे मोबाइल हो वो इस तरह ....., कि अगर ज्यादा वक्त तक आप...

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नंगा बदन By Narayan Menariya

नंगा बदन नंगा बदन पुस्तक मेरी लिखी हुई पाँच कविताओ का संग्रह है, जिसमे समाज मे फैली गरीबी, अराजकता, द्वेष एवं बाल शोषण का जिक्र किया हुआ है। साथ ही साथ सूर्य का भड़कना, नदी का उफान...

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ओ वसंत - 2 By महेश रौतेला

ओ वसंत भाग-२३१.जो तारे माँ ने दिखायेजो तारे माँ ने दिखायेवे अभी भी चमक रहे हैं,जो ध्रुव तारा पिता ने दिखायाअभी भी अटल है,जो शब्द माता-पिता ने सिखायेअभी भी जिह्वा पर हैं,जो रास्ते म...

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करवट बदलता भारत - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 10 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति...

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वीर पंजाब की धरती - 2 By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

महाकाव्यवीर पंजाब की धरती(गुरु दशमेश के त्याग बलिदान की शौर्य गाथा) समर्पित राष्ट्रनायक यशस्वी कीर्त...

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शायरी By Nishant Sorath

1. ज़िंदगी का सफर ज़िंदगीका सफर कुछ इस कदर काट रहे है, थक चुके है पर सब में खुशी बाँट रहे है। हां, हमें पता है यहाँ सब है आस्तिन के साँप, पर लोग इतना बखूबी धोखा कैसा देते है, हम यह...

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मैं तेरा राज दुलारा By Mahipal

मैं ढग-ढग उछलते सागर सा हूं, उसकी आंखों का तारा हूं मुझे रोक मत तू मेरी मंजिल से मैं पाषाण की तरह कठोर हुं! हिंद मेरी छवि हैं, मैं उस मां भारती का सपूत,...

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मेरा गांव By Anand Tripathi

मुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिए मुझको शहर नहीं है मेरा गांव चाहिए आम के बगीचे वाली छांव चाहिएमुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिएगर हो इलाज करना तो पत्तों को काट लूं गर एक आम पाऊं तो आपस...

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मेरी कविताएँ By SHAMIM MERCHANT

1. बातें बनानाबातें बनाना, हैं सबसे पसंदीदा काम,खूब लगता हैं सुहाना।हम बातें कब नहीं बनाते?हर पहली फुर्सत में,यही काम तो हैं करते।गलती छुपाने के लिए,हमने सीखा बातें बनाना,और दे डाल...

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योग और जीवन - योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर By Archana Singh

योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर (कविता) योग को शामिल कर जीवन में स्वस्थ शरीर की कामना कर। जीने की कला छुपी है इसमें, चित प्रसन्न होता है योग कर। घर ,पाठशाला या चाहे हो दफ्तर योग से...

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बेटी - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 10 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा क...

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सरल नहीं था यह काम - 1 By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

सरल नहीं था यह काम 1 काव्‍य संग्रह स्‍वतंत्र कुमार सक...

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बोलता आईना - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बोलता आईना 3 (काव्य संकलन) समर्पण- जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने-...

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में और मेरे अहसास - 41 By Darshita Babubhai Shah

आज बारिस के साथ आंखे भी बरसने लगी lयाद आने के साथ आंखे भी छलकने लगी ll कुछ ज्यादा ही लंबे हो गये हैं जुदाई के साल lदिलोदिमाग के साथ आंखे भी तरसने लगी ll डाकिया के हाथ में खत को देख...

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मेरा भारत लौटा दो - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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निर्माण कविता एवं अन्य रचनाएं By Abha Dave

1)निर्माण--------------कर रहा जग उन्नति चारों दिशाओं मेंआगे बढ़ रहे हैं कदम चाँद -तारों मेंविज्ञान ने कर ली है तरक्की हर पैमाने मेंआदमी भी मशीन बन गया अब तो इस जमाने मेंवहीं रोबोट...

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Meri Shayari By MANISH SINGH

1. बिखर रहे थे सपने पंन्नो की शक्ल में चाहता था पकड़ लूं किसी को पर शायद लंबी छलांग लगाना मेरे बस में नहीं

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कभी सोचा न था- भाग-२ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था ( भाग-२)२२.जब भी गाया धुन अपनी थीजब भी गाया धुन अपनी थीजब भी सोचा, मन अपना थाजब भी देखा, दृष्टि साफ थीजब भी पूजा, भगवान पास था।मन में कोई दोष नहीं थादूर चला था लय नया...

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क्षणभर - भाग-२ By महेश रौतेला

क्षणभर (भाग-२)२४.इस वर्षइस वर्षविचार उखड़ेआँधियां चलींप्यार की दो-चार बातेन हुयीं,दो-चार छूट गयीं।उनसे हुयी मुलाकातयाद आयी,बीते समय की चिट्ठीफिर पढ़ ली,ईश्वर निर्मित चाहहमारे साथ हो...

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'बेरोजगार' : यथार्थवादी कविताओं का एक संग्रह By Prabhat Anand

#नींद "भगवान के लिए, बेकार! बेकार! का ये शोर बंद करो" ...वो अधेड़ युवक रात भर बड़बड़ाता है,सोये अपनी ख्वाहिशों की कब्र पे। #सपनें सपनें-जिनको पूरा होतेसोचने भर से,कभी रोमांच...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 11 By Shruti Sharma

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हरियाली तीज - कविता By Abha Dave

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नंगा बदन By Narayan Menariya

नंगा बदन नंगा बदन पुस्तक मेरी लिखी हुई पाँच कविताओ का संग्रह है, जिसमे समाज मे फैली गरीबी, अराजकता, द्वेष एवं बाल शोषण का जिक्र किया हुआ है। साथ ही साथ सूर्य का भड़कना, नदी का उफान...

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वीर पंजाब की धरती - 2 By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

महाकाव्यवीर पंजाब की धरती(गुरु दशमेश के त्याग बलिदान की शौर्य गाथा) समर्पित राष्ट्रनायक यशस्वी कीर्त...

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1. ज़िंदगी का सफर ज़िंदगीका सफर कुछ इस कदर काट रहे है, थक चुके है पर सब में खुशी बाँट रहे है। हां, हमें पता है यहाँ सब है आस्तिन के साँप, पर लोग इतना बखूबी धोखा कैसा देते है, हम यह...

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मैं तेरा राज दुलारा By Mahipal

मैं ढग-ढग उछलते सागर सा हूं, उसकी आंखों का तारा हूं मुझे रोक मत तू मेरी मंजिल से मैं पाषाण की तरह कठोर हुं! हिंद मेरी छवि हैं, मैं उस मां भारती का सपूत,...

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मेरा गांव By Anand Tripathi

मुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिए मुझको शहर नहीं है मेरा गांव चाहिए आम के बगीचे वाली छांव चाहिएमुझको शहर नहीं मेरा गांव चाहिएगर हो इलाज करना तो पत्तों को काट लूं गर एक आम पाऊं तो आपस...

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मेरी कविताएँ By SHAMIM MERCHANT

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योग और जीवन - योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर By Archana Singh

योग से प्रारम्भ कर प्रथम पहर (कविता) योग को शामिल कर जीवन में स्वस्थ शरीर की कामना कर। जीने की कला छुपी है इसमें, चित प्रसन्न होता है योग कर। घर ,पाठशाला या चाहे हो दफ्तर योग से...

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बेटी - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन ‘‘बेटी’’ 10 (भ्रूण का आत्म कथन) वेदराम प्रजापति ‘‘मनमस्त’’ समर्पणः- माँ की जीवन-धरती के साथ आज के दुराघर्ष मानव चिंतन की भीषण भयाबहिता के बीच- बेटी बचा- बेटी पढ़ा क...

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